पुलवामा आतंकी हमले का पूरा दारोमदार पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने लिया है। इस संगठन के सरगना मसूद अज़हर ने ही पाकिस्तान के रावलपिंडी स्थित आर्मी बेस अस्पताल में बैठकर अपने आतंकियों को सीआरपीएफ जवानों के काफ़िले पर आत्मघाती हमले के निर्देश दिए थे।
जानकारी के अनुसार, अज़हर ने अस्पताल से एक ऑडियो जारी करके इस हमले का आदेश दिया। अज़हर का पिछले चार महीने से आर्मी बेस अस्पताल में इलाज चल रहा है। अपनी बीमारी की वजह से मसूद यूजेसी (यूनाईटिड जिहाद काउंसिल) की 6 प्रमुख बैठकों का हिस्सा भी नहीं बन पाया। यूजेसी के बारे में आपको बता दें कि यह भारत के ख़िलाफ़ इस्तेमाल किए जाना वाला जिहादी संगठन है। जिसको पाकिस्तान द्वारा संरक्षित किया जाता रहा है।
खबरों के मुताबिक जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी इस हमले के लिए आठ दिन पहले ही तैयार हो गए थे, जिसके बाद अज़हर ने धीमी आवाज़ में अपने संगठन के आतंकियों के लिए ऑडियो संदेश जारी किया था।
इस ऑडियो में मसूद अज़हर ने जैश संगठन के आतंकियों से अपने भतीजे उस्मान की मौत का बदला लेने की बात कही थी। ये वही उस्मान है जिसे पिछले साल 2018 में भारतीय सुरक्षाबलों ने मार गिराया था।
ऑडियो में अज़हर को यह भी कहते सुना गया कि इस हमले में होने वाली मौत से आनंददायक और कुछ भी नहीं। मसूद द्वारा जारी ऑडियो में वो फिदायीन हमलावार को भारत के ख़िलाफ़ भड़काते हुए भी सुना गया।
इसके अलावा ख़बरें हैं कि अज़हर ने जिहादी काउंसिल के लिए ख़ुफ़िया ढंग से अपने दूसरे भतीजे मोहम्मद उमैर और अब्दुल राशिद गाजी को नियुक्त किया है। इनका काम युवकों का ब्रेनवॉश करके उन्हें फिदायीन हमलों के लिए तैयार करना होगा।
कश्मीर के टॉप इंटेलिजेंस अफ़सर की मानें तो कश्मीर में इस समय क़रीब जैश-ए-मोहम्मद के 60 आतंकी काम कर रहे हैं, जिसमें से 35 तो पाकिस्तान से हैं और बाक़ी स्थानीय क्षेत्रों से हैं।