Monday, December 23, 2024
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हिंदुओं से इतनी घृणा क्यों आज तक? 12 साल की बच्ची से 63 साल के ‘पादरी’ ने की शादी, क्योंकि कोई और उस ‘कुँवारी’ से न कर सके सेक्स; लेकिन Aaj Tak ने ‘पुजारी’ बता बेची खबर

घाना में एक 63 साल के बुजुर्ग ईसाई पादरी ने 12 साल की एक छोटी बच्ची से शादी कर ली और आजतक इस मामले में हिंदू पुजारी को बदनाम करने पर तुला हुआ है। मीडिया संस्थान ने अपनी रिपोर्ट में हर जगह पादरी लिखा है।

अफ्रीका के घाना में एक बुजुर्ग ईसाई पादरी ने एक छोटी बच्ची से शादी कर ली और आजतक इस मामले में हिंदू पुजारियों को बदनाम करने पर तुला है। हाल में खबर आई थी कि घाना के नंगुआ में 63 साल के एक प्रभावशाली पादरी ‘गबोरबू वुनोबो नुउमो बोरकेटे लावे XXXIII’ ने 12 साल की बच्ची से शादी की है और उसका शुद्धिकरण भी करवाया गया है।

खबर में लिखा था कि ये शादी पुराने रिवाजों के कारण हुई जिसके तहत कहा जाता है कि ईसाई पादरी को एक कुँवारी लड़की से शादी करनी होती है। अब आजतक ने इस इस खबर को कैसे मरोड़ा ये देखिए।

खबर के ट्वीट का स्क्रीनशॉट जहाँ पुजारी शब्द लिखा है (फोटो साभार: आजतक)

ईसाई पादरी को आजतक ने अपनी खबर की सोशल हेडलाइन और टेक्स्ट में हर जगह पुजारी लिखा ताकि पाठकों को ऐसा लगे कि ये काम किसी हिंदू पुजारी का है। हाालँकि सोशल मीडिया पर जब खबर को पढ़ने वालों ने आजतक की हरकत को पकड़कर उजागर किया तो बड़ी चालाकी से उन्होंने खबर में जहाँ-जहाँ ‘पुजारी’ लिखा था, उन सबको हटा दिया और वहाँ पादरी लिख दिया। वहीं आजतक के ट्वीट को यदि देखें तो उसमें अब (खबर लिखने तक) भी पुजारी ही लिखा हुआ है।

खबर का स्क्रीनशॉट जहाँ पादरी शब्द लिखा है (फोटो साभार: आजतक)

लोग अब आजतक से खबरों में ऐसे गलत शब्द के इस्तेमाल के लिए माफी माँगने को कह रहे हैं क्योंकि ऐसा पहली बार नहीं है कि मीडिया ने गलत शब्दों से मीडिया को भ्रमित करने का प्रयास किया हो। अक्सर ऐसी रिपोर्ट्स हमें देखने को मिलती रहती है जब मौलवी या पादरी को पुजारी लिखा जाए, झाड़फूँक करने वाले फकीर को तांत्रिक कहा जाए आदि-आदि।

घाना में पादरी और बच्ची की शादी

बता दें कि घाना में आधिकारिक तौर पर बाल विवाह की अनुमति नहीं है लेकिन किसी परंपरा के तहत वहाँ ऐसा करने देते हैं। ये शादी भी पुलिस की मौजूगी में हुई, लेकिन प्रशासन ने अभी इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है।

सिर्फ, बताया गया है कि ईसाई पादरी को कुँवारी लड़की से शादी करनी थी और नुंगुआ में उस बच्ची के अलावा फिलहाल नौ से अधिक उम्र की कोई कुँवारी लड़की नहीं है, इसलिए पादरी ने उस बच्ची को अपनी दुल्हन चुना।

ये भी कहा जा रहा है कि बच्ची का चुनाव पादरी ने तभी कर लिया था जब वो 6 साल की थी। शादी के बाद अब लड़की के शुद्धिकारण के लिए पारंपरिक समारोह होना है जिसके बाद वो बतौर पादरी की पत्नी बनकर जीवन जिएगी।

इस शादी की खबर सुनकर जहाँ हर कोई हैरान है तो वहीं घाना में चर्च के लोग इसके बचाव में तर्क दे रहे हैं। समझाया जा रहा है कि बच्ची अभी स्कूल में है और उसे अन्य किसी लड़की से बचाने के लिए यह शादी हुई है। जब लड़की परिपक्व हो जाएगी तो अंतिम निर्णय लिया जाएगा। शुद्धिकरण समारोह की बात करें तो ये तर्क दिया गया कि कोई पुरुष उस बच्ची संग संबंध न बनाए इसलिए ये सब जरूरी था।

सबसे अजीब बात यह है कि इस शादी के बचाव में चर्च के प्रवक्ता द्वारा अजीबोगरीब तर्क दिए गए हैं। इस शादी के बारे बात करते हुए उन्होंने कहा कि लड़की का पुनर्जन्म हुआ है, वो ऐसी लड़की है 300 साल पहले जीवित थी वो आज वापस आई है इसलिए इस तरह के काम किए गए हैं।

बता दें कि इस शादी के बाद अब बच्ची गोबरसू वुलोमा की पत्नी हो गई है। चर्च और वहाँ का समाज इसका समर्थन कर रहा है और ये कहा जा रहा है कि लड़की अभी स्कूल में है। पादरी यौन संबंध बनाने के लिए और बच्चा पैदा करने के लिए उसके परिपक्व होने का इंतजार करेगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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