Monday, December 23, 2024
Homeरिपोर्टमीडियाAltNews ने कोलकाता के NGO को जाल में फँसा कर अपने साथ जोड़ा, झूठ...

AltNews ने कोलकाता के NGO को जाल में फँसा कर अपने साथ जोड़ा, झूठ बोल कर चीजें छिपाई फिर मीडिया में ढिंढोरा पिटवाया: संस्था ने कहा – उससे हमारे कोई संबंध नहीं

अनीश के साथ उनकी जान-पहचान कुछ न्यूट्रल लोगों ने कराई थी। NGO को AltNews की करतूतों या विचारधारा के बारे में भी नहीं पता है।

AltNews ने कोलकाता के एक NGO द्वारा किए जा रहे कार्यों का श्रेय लेने की कोशिश की, लेकिन संस्था के संचालकों ने प्रोपेगंडा पोर्टल के साथ संबंधों को नकारते हुए धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। प्रतीक सिन्हा ने संस्था के साथ संबंधों की बात करते हुए लिखा था कि उसके द्वारा बच्चों को ‘मीडिया साक्षरता एवं क्रिटिकल थिंकिंग’ के बारे में प्रशिक्षित किया जा रहा है। साथ ही उसने लिखा कि ‘The Hindu’ ने ‘हमारे’ ताज़ा प्रयासों को खबरों में जगह दी है।

लेकिन, ऑपइंडिया की पड़ताल में उसका झूठ पकड़ा गया। उक्त NGO का नाम ‘विक्रमशिला’ है, जिसने अपने ‘नभ दिशा कम्युनिटी सेंटर’ में आयोजित प्रशिक्षण शिविर में बच्चों को पढ़ाया। प्रतीक सिन्हा ने इसे ‘AltEd’ का हिस्सा करार दिया। प्रतीक सिन्हा और उसके कर्मचारियों महाप्रज्ना और अनीश मुखर्जी के ट्वीट्स ऐसा लगा कि वो लोग व्यक्तिगत रूप से इस प्रोजेक्ट में शामिल हैं और ये काम कर रहे हैं। ‘The Hindu’ की रिपोर्ट की मानें तो बच्चों को ऐसे दावों पर विश्वास न करने की सलाह दी, जिसमें इस्लामी संरचनाओं को हिन्दुओं का बताया गया हो।

हालाँकि, ऑपइंडिया से बात करते हुए संस्था के संचालकों ने बताया कि ‘फैक्ट-चेक’ या ‘मीडिया पक्षपात’ इस कार्यक्रम का हिस्सा नहीं था और बच्चों को प्रशिक्षक वाला काम अनीश ने पार्टनर बन कर संभाला हुआ था। NGO की डायरेक्टर शुब्रा चटर्जी ने तो कहा कि ‘The Hindu’ में छपी खबर के बारे में उन्हें पता तक नहीं है। उन्होंने बताया कि अनीश मुखर्जी नामक व्यक्ति को उन्होंने सपोर्ट दिया था, जिसके AltNews के साथ संबंधों के बारे में उन्हें पता तक नहीं था। उन्होंने कहा कि हम भविष्य में ज्यादा सतर्क रहेंगे, ताकि ऐसी स्थिति का सामना न करना पड़े।

33 वर्ष पुरानी संस्था ने कहा कि अनीश मुखर्जी की संस्था ‘Art For Play’ ने उनसे संपर्क किया था, जो उनकी तरह की विप्रो की पार्टनर है। ‘डिजिटल लिटरेसी’ के एक टेस्ट कोर्ट के लिए उन्होंने अनुमति माँगी, इसमें किसी एजेंडे के बारे में उन्हें पता नहीं था। अनीश के कहने पर उन्होंने अपनी संस्था के बच्चों से बातचीत करने की अनुमति उन्होंने दी। उन्होंने बताया कि AltNews या AltEd के साथ उनका कोई संबंध नहीं है। साथ ही वो न तो प्रतीक सिन्हा और न ही मोहम्मद जुबैर को जानती हैं।

उन्होंने बताया कि अनीश ने बच्चों को जब पढ़ाया, उस समय उनके शिक्षक वहीं पर थे और अगर कुछ गड़बड़ हुई होगी तो उनकी जानकारी में ये नहीं है। उन्होंने बताया कि उनकी संस्था झुग्गियों के बच्चों के लिए कोलकाता पुलिस के साथ मिल कर काम करती है और उनका मानना है कि बच्चों को एकपक्षीय चीजें नहीं पढ़ाई जानी चाहिए। अनीश के साथ उनकी जान-पहचान कुछ न्यूट्रल लोगों ने कराई थी। NGO को AltNews की करतूतों या विचारधारा के बारे में भी नहीं पता है।

LinkedIn पर अनीश मुखर्जी ने AltNews से अपने संबंधों को छिपाया

अनीस मुखर्जी ने LinkedIn पर AltNews से अपने संबंधों के बारे में अपने बायो में कुछ नहीं लिखा है। पूरा प्रोग्राम चलाने से लेकर मीडिया को इस बारे में बताने तक, सब अनीश ने NGO को बताए बिना ही किया। उन्हें इस कार्यक्रम में AltNews के शामिल होने को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई थी। उन्होंने साफ़ किया, ‘विक्रमशिला’ AltNews का पार्टनर नहीं है। कुल मिला कर बात ये है कि AltNews ने कोलकाता के NGO को झूठ बोल कर, उनसे बातें छिपा कर कार्यक्रम आयोजित किया और उसका श्रेय खुद लेते हुए मीडिया में ढिंढोरा पीट दिया।

(नूपुर शर्मा द्वारा लिखित मूल लेख को विस्तृत रूप से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

किसी का पूरा शरीर खाक, किसी की हड्डियों से हुई पहचान: जयपुर LPG टैंकर ब्लास्ट देख चश्मदीदों की रूह काँपी, जली चमड़ी के साथ...

संजेश यादव के अंतिम संस्कार के लिए उनके भाई को पोटली में बँधी कुछ हड्डियाँ मिल पाईं। उनके शरीर की चमड़ी पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।
- विज्ञापन -