Sunday, December 22, 2024
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कॉन्ग्रेसी मंत्री के FIR पर मुंबई पुलिस फास्ट, 12 घंटे में अर्नब गोस्वामी को 2 नोटिस: सोनिया गाँधी पर चाहे तत्काल पूछताछ

मुंबई पुलिस ने महाराष्ट्र सरकार में कॉन्ग्रेस कोटे से मंत्री नितिन राउत की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर पर यह नोटिस भेजा है। राउत ने अर्नब गोस्वामी के खिलाफ नागपुर में दर्ज कराया था। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को मुंबई ट्रांसफर करने का आदेश दिया था।

मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्नब गोस्वामी को तत्काल पूछताछ के लिए 12 घंटे के भीतर दो नोटिस भेजा है। उन्होंने पालघर मॉब लिंचिंग में कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गॉंधी की चुप्पी को लेकर सवाल उठाए थे।

महाराष्ट्र सरकार में कॉन्ग्रेस कोटे से मंत्री नितिन राउत की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर पर यह नोटिस सीआरपीसी 41ए के तहत भेजा गया है। राउत ने मामला नागपुर में दर्ज कराया था। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को मुंबई ट्रांसफर करने का आदेश दिया था। अर्नब गोस्वामी को सोमवार सुबह 9 बजे पेश होने को कहा गया है।

रिपब्लिक टीवी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि मुंबई पुलिस ने पिछले 12 घंटे में अर्नब को 2 नोटिस भेजे हैं। कानून का पालन करने वाले नागरिक के रूप में अर्नब कल पूछताछ के लिए जाएँगे।

नोटिस पर अर्नब गोस्वामी ने जारी किया बयान

अर्नब ने इस बाबत बयान जारी करते हुए कहा, “मैं कानून का पालन करने वाला नागरिक हूँ। मैं जाँच में सहयोग करूँगा। मैं खुद पुलिस स्टेशन जाऊँगा। कल सुबह पूछताछ में शामिल होऊँगा। सत्य की जीत होगी।” उन्होंने कहा है कि मैं मुंबई पुलिस से अपील करता हूॅं कि मुझ पर हुए हमले को लेकर भी वह इसी तरह की तत्परता दिखाए। 23 और 24 अप्रैल की दरम्यानी रात यूथ कॉन्ग्रेस के गुंडों ने मुंबई में अर्नब की कार पर हमला किया था। उस वक्त वे कार में अपनी पत्नी के साथ थे।

अर्नब ने कहा है कि उन्होंने मुंबई पुलिस से बार-बार इस बात को मेंशन करने के लिए कहा कि इस हमले में कॉन्ग्रेस-वाड्रा परिवार की भूमिका थी, मगर पुलिस ने ऐसा करने से इनकार कर दिया। उन्होंने हमले में कॉन्ग्रेस की भूमिका को साबित करने के लिए कुछ सबूत भी पेश किए। उन्होंने कहा, “मुझे यकीन है कि मुंबई पुलिस वाड्रा कॉन्ग्रेस की भूमिका पर उपलब्ध विस्तृत सबूतों को नष्ट नहीं करेगी।”

सुप्रीम कोर्ट से अर्नब गोस्वामी को राहत

बता दें कि इससे पहले शुक्रवार (अप्रैल 24, 2020) को सुप्रीम कोर्ट ने अर्नब गोस्वामी की गिरफ़्तारी पर 3 सप्ताह के लिए रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस दौरान वे अग्रिम जमानत भी माँग सकते हैं। अर्नब गोस्वामी ने याचिका दायर करते हुए कहा था कि उनके खिलाफ संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (ए) के तहत भाषण की अभिव्यक्ति और प्रेस की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने का एक प्रयास किया गया है। इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने सुनवाई की।

गौरतलब है कि 22-23 अप्रैल की रात एडिट कॉल निपटा कर लौटते हुए अर्नब गोस्वामी और उनकी पत्नी पर कॉन्ग्रेस के दो मोटरसाइकिल सवार गुंडों ने हमला किया था। रिपब्लिक टीवी एंकर अर्नब गोस्वामी ने खुद इस हमले की जानकारी देते हुए बताया कि उनकी कार के आगे अपनी मोटरसाइकिल खड़ी कर दी और फिर हमला किया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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