रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क पर हो रहे लगातार हमलों के बीच भारतीय सरकार के एक पूर्व ब्यूरोक्रेट ने अर्नब गोस्वामी को लेकर आगाह किया है कि उन पर हमला हो सकता है। गृह मंत्रालय में आतंरिक सुरक्षा विभाग के अवर सचिव का पद संभाल चुके आरवीएस मणि (RVS Mani) ने गोवा क्रॉनिकल से बात करते हुए ये खुलासा किया।
उन्होंने कहा कि अर्नब ने मुंबई अंडरवर्ल्ड द्वारा संगठित क्रिमिनल सिंडिकेट की गलत नब्ज को छुआ है जिसे वैश्विक स्तर पर ड्रग सरगना और आतंकी दाऊद इब्राहिम, कई राजनेताओं, ड्रग व बॉलीवुड नेक्सस द्वारा संचालित किया जाता है।
अर्नब गोस्वामी और उनके चैनल पर हो रहे लगातार हमलों पर प्रकाश डालते हुए RVS मणि ने कहा कि अर्नब और रिपब्लिक टीवी पर कानूनी, आर्थिक और मानसिक तौर से हमला करने का प्रबंध दाउद द्वारा किया जा रहा है। इसलिए मुमकिन है कि उन पर शारीरिक हमला भी हो।
ध्यान रहे कि इससे पहले गोवा क्रॉनिकल के चीफ ने दावा किया था दाउद की ओर से 50 मिलियन डॉलर की ‘सुपारी’ रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क और अर्नब गोस्वामी को रोकने के लिए दी जा चुकी है।
ब्यूरोक्रेट RVS मणि ने साक्षात्कार में बताया कि बॉलीवुड और ड्रग्स के बीच का रिश्ता बहुत गहरा है, जिसका खुलासा करने की हिम्मत अर्नब ने की। वह इस बीच पालघर साधु, बॉलीवुड ड्रग नेक्सस, दिशा सालियान व सुशांत सिंह जैसे कई मुद्दों को लेकर चर्चा में थे।
उन्होंने कहा, “ड्रग ट्रैफिकिंग में दाउद मुख्य शख्स है। रणबीर कपूर, संजय दत्त जैसे बॉलीवुड स्टार मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल रहे हैं। सुपरस्टार शाहरुख खान की पत्नी-गौरी खान, फरहा खान के पति, रणबीर कपूर, ये सभी बड़े सितारे अलग-अलग समय पर दुबई में मादक पदार्थों की तस्करी करते पकड़े गए हैं, मेरा मानना है कि वे डी-कंपनी के कोरियर के रूप में काम कर रहे थे।”
उन्होंने बताया कि ड्रग से मिले पैसों से कश्मीर में आतंकी गतिविधियाँ संचालित होती हैं। पहले ऐसे आँकड़े 20% होते थे, लेकिन अब इनमें 27% के साथ बढ़ौतरी हुई है क्योंकि यहाँ आतंकी गतिविधियाँ भी बढ़ी हैं। इसके अलावा हाथरस और बेंगलुरु जैसे दंगों को भी करवाने के लिए फंड इकट्ठा हुए।
परमबीर सिंह कर रहे दाउद के इशारों पर काम?
परमबीर सिंह को लेकर पूर्व ब्यूरोक्रेट ने आशंका जताई है कि हो सकता है कि उन्हें और उनकी टीम जिसमें एनकाउंटर स्पेशलिस्ट सचिन वजे (Sachin Vaze) व प्रदीप शर्मा शामिल हैं, को ऐसे स्रोतो (डी कंपनी) से समर्थन मिल रहा हो, जिनके कहने पर उन्होंने एक बार एनकाउंटर किया था। इनमें सचिन वजे को तो अर्नब के ख़िलाफ़ जाँच के आदेश दिए गए हैं। खास बात यह है कि वजे को 2003 में सस्पेंड किया गया था लेकिन परमबीर सिंह के आते ही उसे वापस ले आया गया।
पूर्व ब्यूरोक्रेट के मुताबिक इन एनकाउंटर स्पेशलिस्टों पर आरोप है कि इन्होंने दाउद के कहने पर एनकाउंटर किए। वह पूछते हैं कि आपको क्यों लगता है कि वज़े को 2019 में मुंबई पुलिस में बहाली दी गई थी?” उन्हें अर्नब के लिए लाया गया।
उन्होंने परमबीर सिंह की प्रेस कॉन्फ्रेंस का हवाला देते हुए इसमें बाहरी हस्तक्षेप की ओर इशारा किया। उन्होंने बताया कि परमबीर सिंह को साक्षात्कार से पहले कुछ कॉल आए थे और यह जानकारी खुद उन्हीं के एक अधिकारी ने दी है। ब्यूरोक्रेट का यह भी दावा है कि उनके द्वारा कही गई बातें सारी पब्लिक डोमेन में सत्यापित हैं।
उन्होंने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान के ‘मरुन बेरेट्स’ कमांडिग ऑफिसर ने मुंबई फोर्ट इलाके में कॉल किया था, जहाँ मुंबई पुलिस मुख्यालय भी है। इतना ही नहीं पाकिस्तान के अलावा कई वीआईपी नंबर भी मुंबई के लोगों को कॉल करते हैं। इसलिए अगर इन सब बिंदुओं को जोड़ा जाए तो रिपब्लिक टीवी पर हमले के तार समझ आते हैं।
उन्होंने चिंता जताई कि परमबीर सिंह खुद ही अपने स्रोत्रों के आदेशों का पालन कर रहे हैं और खुद ही इसकी जाँच कर रहे हैं। उन्होंने अपनी सारी बात रखते हुए महाराष्ट्र सरकार पर भी सवाल उठाए और परमबीर सिंह पर कार्रवाई की बात की। साथ ही महा विकास आघाड़ी सरकार के गठबंधन का मुद्दा उठाया और ठाकरे सरकार में संजय दत्त पर हुई कार्रवाई पर गौर करवाया।
मीडिया के बदलते रुख पर भी खड़े किए सवाल
उन्होंने टाइम्स नाऊ के बदलते रुख की ओर भी ध्यान आकर्षित करवाया कि जो चैनल पहले सख्ती से ड्रग केस में कुछ बॉलीवुड हिरोइनों का नाम ले रहा था, उसी चैनल ने अब अपना पूरा स्टैंड बदल लिया है। इस बदलते रवैये के पीछे उन्होंने किसी ताकतवर हस्तक्षेप को जिम्मेदार ठहराया।
इंडिया टुडे पर राय रखते हुए उन्होंने कहा कि जिस मीडिया नेटवर्क का नाम असलियत में टीआरपी में आया है, उनका खुद का रिकॉर्ड पाकिस्तान प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ मधुर संबंधों का रहा है, जो हाफिज सईद के गैर आधिकारिक रूप से साझेदार भी रहे हैं। अपनी इस बात को कहते हुए उन्होंने इंडिया टुडे द्वारा लिए गए इमरान के उस इंटरव्यू को याद दिलाया जिसे 26/11 के कुछ समय बाद लिया गया था जब लोगों के घाव तक नहीं भरे थे
अर्नब गोस्वामी और रिपब्लिक टीवी पर हुए हमले
गौरतलब है कि अर्नब गोस्वामी और रिपब्लिक टीवी पर पिछले दिनों मुंबई पुलिस द्वारा कई हमले किए गए। साधु लिंचिंग केस में उनसे 12 घंटे पूछताछ हुई। बांद्रा में रिपोर्टिंग के लिए भी उन पर केस किया गया। नवी मुंबई पर रिपोर्ट करने गए उनके पत्रकार को भी गैर कानूनी ढंग से उठा लिया गया। फिर प्रदीप भंडारी के साथ सड़क पर बदसलूकी हुई। पिछले दिनों मुंबई पुलिस आयुक्त ने ही बिना किसी सबूत के टीआरपी स्कैम में रिपब्लिक मीडिया चैनल का नाम ले लिया, जबकि उनका नाम पूरी एफआईआर में था ही नहीं।