हरियाणा में गुरुग्राम की एक विशेष अदालत ने पत्रकार दीपक चौरसिया (Deepak Chaurasia) के खिलाफ गिरफ्तारी वॉरंट जारी किया है। यह वारंट दीपक चौरसिया के खिलाफ 2013 के एक मामले में जारी किया गया है। दरअसल, टीवी पत्रकार पर आरोप पर है कि उन्होंने 10 वर्षीय लड़की और उसके परिवार के ‘मॉर्फेड, एडिट और अश्लील’ वीडियो को प्रसारित किया और उसे स्वघोषित बाबा आसाराम के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले से जोड़ कर दिखाया था।
अदालत ने यह आदेश 28 अक्टूबर, 2022 को तब जारी किया जब चौरसिया ने गंभीर स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए पेशी में छूट की माँग करते हुए एक याचिका दायर की थी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) चौहान ने कहा कि 23 सितंबर को भी इसी तरह की एक याचिका दायर की गई थी। उनके विरोधी पक्ष ने दलील दी कि ऐसा प्रतीत होता है कि चौरसिया जानबूझकर अदालत आने से बच रहे हैं। कोर्ट में उनकी मेडिकल रिपोर्ट दीपक चौरसिया की दलीलों को साबित नहीं कर पाई।
इसके बाद अदालत ने उनकी पेशी से बचने की याचिका को खारिज करते हुए उनका बेल बॉन्ड भी रद्द कर दिया।
Gurugram POCSO court issues arrest warrant against TV journalist Deepak Chaurasiahttps://t.co/LkPf6kFsGQ
— Bar & Bench (@barandbench) November 7, 2022
रिपोर्ट्स के मुताबिक, न्यायाधीश शशि चौहान ने 21 नवंबर, 2022 को गिरफ्तारी का वॉरंट जारी किया। इस मामले में अब तक मीडिया में दीपक चौरसिया की तरफ से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। मालूम हो कि दीपक चौरसिया उन आठ लोगों में शामिल हैं, जिन पर दस साल की बच्ची और उसके परिवार के एडिट, अश्लील वीडियो प्रसारित करने और वीडियो को यौन उत्पीड़न से जोड़ कर दिखाने के मामले में चार्जशीट दायर की गई थी।
बता दें कि यह मामला 2013 में बच्चे के रिश्तेदार की शिकायत पर दर्ज एफआईआर से संबंधित है। न्यूज चैनल न्यूज 24, इंडिया न्यूज और न्यूज नेशन पर वीडियो प्रसारित करने का आरोप लगाया गया था। खबरों के मुताबिक, न्यूज 24 के पूर्व मैनेजिंग एडिटर अजीत अंजुम, एंकर चित्रा त्रिपाठी और चौरसिया पर आरोप है कि इन समाचार चैनलों पर प्रसारित वीडियो में आंशिक रूप से बच्ची, शिकायतकर्ता की पत्नी और कुछ अन्य महिलाओं के चेहरे दिखाई गए थे।