पाकिस्तान के विज्ञान और तकनीकी मंत्री फवाद चौधरी ने इस बात को सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया था कि 2019 के दौरान पुलवामा आतंकवादी हमलों में पाकिस्तान की अहम भूमिका थी। इसके कुछ ही घंटों बाद भारत के तथाकथित सेक्युलर मीडिया समूह इंडिया टुडे और एनडीटीवी उन्हें सफाई पेश करने का मंच प्रदान करने लगे।
गुरूवार (29 अक्टूबर 2020) को कॉन्ग्रेसी दौर के प्रिय मीडिया समूह एनडीटीवी फवाद चौधरी को मंच दिया कि वह पुलवामा की घटना पर अपनी राय पेश करें। जिस घटना में कुल 40 भारतीय जवान शहीद हुए थे। एनडीटीवी ने पहले भी तमाम कार्यक्रम प्रसारित किए हैं जो सीधे तौर पर पाकिस्तान का महिमामंडन करते हैं, इसी कड़ी में एनडीटीवी ने ट्विटर पर पाकिस्तानी मंत्री फवाद चौधरी का बयान साझा किया।
एनडीटीवी ने अपने ट्वीट में लिखा, “पाकिस्तानी मंत्री जो पुलवामा के मुद्दे पर बयानबाज़ी कर रहे थे उन्होंने एनडीटीवी से कहा है, पाकिस्तान किसी भी तरह के आतंकवाद को बढ़ावा नहीं देता है। मेरी बात की गलत व्याख्या प्रस्तुत की गई।”
इंडिया टुडे दो कदम आगे, पाकिस्तानी मंत्री का साक्षात्कार
सबसे ज़्यादा हैरानी की बात सामने आई इंडिया टुडे के मामले में। इंडिया टुडे समूह जो पहले से ही फ़र्ज़ी टीआरपी मामले में छेड़छाड़ का आरोपित है, उसने दो कदम आगे बढ़ कर पाकिस्तानी मंत्री का साक्षात्कार प्रसारित कर दिया। स्वघोषित निष्पक्ष पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने फवाद चौधरी को पूरा मौक़ा दिया कि उन्होंने पाकिस्तान की संसद (नेशनल असेंबली) में बयान दिया उसे लेकर अपनी सफाई पेश करें। इतना ही नहीं पाकिस्तानी मंत्री फवाद चौधरी को ‘साहब’ संबोधित करते हुए राजदीप सरदेसाई ने उन्हें मौक़ा दिया कि वह अपने ही बयान के विपरीत बात कहें।
स्वघोषित लिबरल पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने न तो फवाद चौधरी से मूल प्रश्न पूछे और न ही पुलवामा की घटना को लेकर बयान पर प्रक्रियात्मक रवैया अपनाया। इसके विपरीत राजदीप ने फवाद चौधरी को अपने अपराधों पर पर्दा डालने का सुनहरा मौक़ा दे दिया। इसके बाद पाकिस्तानी मंत्री फवाद चौधरी ने इंडिया टुडे से बात करते हुए कहा कि उनका पक्ष जानने के लिए उनका पूरा भाषण सुना जाना चाहिए।
#Pakistan minister @fawadchaudhry makes U-turn, says he was referring to post-Pulwama. Listen in. #NewsToday with @sardesairajdeep pic.twitter.com/gd1qrvPY5S
— IndiaToday (@IndiaToday) October 29, 2020
अपनी ही बात से यू टर्न लेते हुए फवाद चौधरी ने दावा किया कि जब वह पुलवामा के बारे में बात कर रहे थे तब उनका तात्पर्य 26 फरवरी 2019 को भारतीय वायुसेना द्वारा बालाकोट में की गई एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तानी सेना की प्रतिक्रिया से था। न कि पुलवामा में हुए आतंकवादी हमलों से जिसमें 40 भारतीय जवानों ने अपनी जान गँवाई। कुल मिला कर पूरे साक्षात्कार में राजदीप सरदेसाई ने फवाद चौधरी को अपने ही दावों से पलटने का मौका दिया और उलटा फवाद चौधरी ने ही भारत सरकार पर आरोप लगा दिए कि भारत खुद मुसीबतों को निमंत्रण देने वाला देश है।
एक और हैरानी की बात यह थी कि साक्षात्कार के दौरान राजदीप ने किसी भी दावे को लेकर सवाल नहीं खड़ा किया (काउंटर) और न ही पुलवामा की घटना पर खेद जताने की बात को प्राथमिकता दी।
- मुझे लगा ही था कि भारतीय मीडिया इस तरह की व्यवहार करती है (अपने बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किए जाने के संदर्भ में)
- हम इस बात में भरोसा नहीं करते हैं जैसा कि भारत करता है ‘घुस कर मारना’ या जैसा भारतीय सुरक्षाबल सोचते हैं, ‘आतंकवाद करवाओ तो वो घुस कर मारना है।’ इसके बाद फवाद चौधरी ने कहा कि हमने अपने लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल भारत पर हमला करने के लिए किया।
- अगर भारत में कोई ऐसा मानता है कि राजनीतिक फायदे के लिए बयान तोड़ मरोड़ कर पेश किए जा सकते हैं तो मैं इसके लिए कुछ नहीं कर सकता हूँ।
राजदीप सरदेसाई ने पाकिस्तानी मंत्री फवाद चौधरी को यह कहने का अवसर दिया कि पाकिस्तान ने बेहद सक्रियता से पुलवामा आतंकवादी हमलों को अंजाम दिया। यानी पाकिस्तानी सेना ने बड़े गर्व से यह लड़ाई लड़ी और भारतीय सेना आतंकवाद को बढ़ावा देती है न कि पाकिस्तान की सेना।
और तो और जब फवाद चौधरी ने इस तरह के तमाम बेबुनियाद आरोप लगाए तब राजदीप सरदेसाई पूरी तरह शांत थे। इन आरोपों के बाद राजदीप सरदेसाई ने कहा कि वह कैसे इमरान खान के इस बयान के उलट दावा कर सकते हैं जिसमें इमरान खान ने कहा था कि पुलवामा हमलों में पाकिस्तान की कोई भूमिका नहीं थी। इस साक्षात्कार में यह भी बेहद साफ़ तौर पर देखा जा सकता है कि फवाद चौधरी के शब्द लड़खड़ा रहे हैं।
इस मौके पर कोई भी अनुभवी पत्रकार दावों की असलियत सामने लेकर आने में सक्षम होता। लेकिन, राजदीप सरदेसाई ने इसके विपरीत पाकिस्तानी मंत्री को मन मुताबिक़ बातें और दावे करने का मौक़ा दिया और उलटा भारत को दोषी ठहराने का आधार प्रदान किया। इसके बाद तमाम सेना अधिकारियों ने भी राजदीप सरदेसाई के इस साक्षात्कार पर कड़ी प्रतिक्रिया दर्ज कराई।
Frankly this interview was aimed to defend @fawadchaudhry . He was nervous & could have been torn apart but @sardesairajdeep had decided to support him. Poor journalism aimed at aiding rather than confronting. @IndiaToday your standards are dropping. Terribly conducted interview https://t.co/S70hrhLZbB
— Maj Gen Harsha Kakar (@kakar_harsha) October 30, 2020
पूर्व सेना अधिकारी मेजर जनरल हर्षा कक्कर ने तो यहाँ तक कहा कि यह साक्षात्कार बयान को लेकर स्वीकार्यता के संबंध में नहीं था बल्कि बयान के बचाव में किया गया था।
पाकिस्तानी मंत्री ने मानी थी पुलावामा हमले में पाकिस्तान की भूमिका की बात
बुधवार (28 अक्टूबर 2020) को पाकिस्तान के विज्ञान और तकनीकी मंत्री फवाद चौधरी ने पाकिस्तान की संसद नेशनल असेंबली में इस बात को स्वीकार किया था कि 2019 के दौरान हुए पुलवामा आतंकवादी हमले में पाकिस्तान की भूमिका थी। इमरान तालिबान खान सरकार पर विपक्ष की आलोचना का जवाब देते हुए, (भारत को जवाब नहीं दे पाने के मुद्दे पर) पाकिस्तानी मंत्री ने कहा था कि पाकिस्तान ने भारत को मुँह तोड़ जवाब दिया है।
उन्होंने अपने बयान में कहा, “हमने हिन्दुस्तान को घुस कर मारा। पुलवामा हमारी कामयाबी है, इमरान खान की सरकार में यह आम लोगों की कामयाबी का नमूना है। आप और हम इस कामयाबी के हिस्सेदार हैं।”
#WATCH: Pakistan’s Federal Minister Fawad Choudhry, in the National Assembly, says Pulwama was a great achievement under Imran Khan’s leadership. pic.twitter.com/qnJNnWvmqP
— ANI (@ANI) October 29, 2020
इसके बाद पाकिस्तानी मंत्री ने कहा, “हमें इस बात पर गर्व है कि हमारे बेटों (आतंकवादियों) ने भारत की सीमा में दाखिल होकर पुलवामा में उन पर हमला किया। यहाँ तक कि भारतीय मीडिया इस हमले पर रिपोर्टिंग करने में शर्म महसूस करती है। पाकिस्तान के मंत्री ने यह बयान पुलावामा आतंकवादी हमले की घटना के संबंध में दिया था जिसमें सीआरपीएफ़ के जवानों पर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने हमला किया था। इस हमले में 40 भारतीय जवानों ने अपनी जान गँवाई थी।