विवादों में रहने वाली ‘पत्रकार’ राना अय्यूब एक बार फिर कट्टरपंथी इस्लामवादियों के निशाने पर हैं। दरअसल, उनके ही मजहब के लोग उन्हें हिन्दुओं के प्रमुख त्योहार दिवाली मनाने के लिए आड़े हाथों ले रहे हैं और इस्लाम विरोधी बता रहे हैं।
राना अय्यूब ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम हैंडल पर एक वीडियो अपलोड किया है, जिसमें एक साड़ी पहनी महिला उनके माथे पर तिलक लगाते हुए दिखाई दे रही हैं। उन्होंने लिखा, “घर से दूर शिकागो में एक खूबसूरत परिवार के साथ दिवाली मना रही हूँ, जिन्होंने मुझे अपना बना लिया है। हैप्पी दिवाली इंडिया, आइए हम उस बुराई से लड़ें जो हमें बाँटना चाहती है।”
कट्टरपंथी इस्लामवादियों के जहरीले कमेंट से बचने के लिए, उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट के कमेंट सेक्शन को ही बंद कर दिया। इससे पहले उन्हें ‘गुस्ताक-ए-रसूल’ सलमान रुश्दी के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करने के लिए अपने मजहब के लोगों के कोप का भाजन बनना पड़ा था। तब कट्टरपंथियों ने उन्हें जमकर कोसा था।
यह पोस्ट सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनके हालिया पोस्ट के बिल्कुल विपरीत था। राना अय्यूब ने अनुमान लगा लिया था कि गैर-मुस्लिम त्योहारों का तिरस्कार करने वाले उनके मजहब के लोग कभी भी हिन्दू धर्म के त्यौहार में उनके भाग लेने के विचार को बर्दाश्त नहीं करेंगे। वह अपने लिबरल मित्रों के सामने शर्मिंदा होने से बचने के लिए काफी ‘स्मार्ट’ तरकीब का सहारा लेती हैं।
उदाहरण के लिए, उन्होंने हाल ही में टेनिस की दिग्गज मार्टिना नवरातिलोवा के साथ एक तस्वीर क्लिक की थी, लेकिन कमेंट सेक्शन को खुला रखा। वह यह संकेत देना चाह रही थीं कि उन्हें केवल दक्षिणपंथी हैंडल द्वारा ट्रोल किया जा रहा है और आलोचना की जा रही थी, न कि उनके मजहब के लोग उनकी आलोचना करते हैं।
वहीं उम्मीद के मुताबिक इस्लामवादियों ने ट्विटर पर वीडियो दोबारा अपलोड कर राना अय्यूब की खिंचाई की। प्रोपेगंडा पत्रकार ने उन कट्टरपंथियों की छवि को बचाने की कोशिश की, जिन्हें वह सालों से पनाह दे रही थीं। हालाँकि, उनकी यह कोशिश बेकार साबित हुई क्योंकि इंस्टाग्राम वीडियो को ट्विटर पर फिर से कई लोगों ने शेयर किया। उन्हें ‘सच्चा मुसलमान’ नहीं होने और मूर्तिपूजा (शिर्क) का पाप करने के लिए फटकार लगाई गई।
Thank you , for what ? pic.twitter.com/w6bB1eByZf
— Meem (@PurificationHr) October 24, 2022
एक यूजर मोहम्मद यूसुफ ने उन्हें काफिर और धर्मत्यागी (मुर्तद) करार दिया।
Kaafir O Murtad
— Muhammad Yousuf (@YousufGhuman) October 24, 2022
एक यूजर रईस मोहम्मद ने लिखा, “क्या हम उनके उदारवाद को उजागर करके उन्हें मुस्लिम आइकॉन नहीं बना रहे हैं, परोक्ष रूप से हम उन्हें बेंचमार्क बना रहे हैं। ऐसे लोगों की अनदेखी करना समुदाय के लिए फायदेमंद है।”
Aren’t we making her Muslim Icon by Highlighting her Liberalism, Indirectly we are making her Benchmark…Ignoring such ppl is Beneficial for the community
— Rais Mohammed🌟🇮🇳 (@rais4u) October 24, 2022
हाल ही में उन्होंने ‘द वाशिंगटन पोस्ट‘ में एक प्रोपेगेंडा प्रकाशित किया था जिसमें उन्होंने हिंदू समुदाय और भारत को कम करके आँकने की कोशिश की थी। यहाँ यह उल्लेख करना जरूरी है कि जहाँ राना यह दिखावा करने की कोशिश करती हैं कि ऑनलाइन ट्रोलिंग और ‘घृणा’ फैलाने जैसी चीजें हिंदू ‘दक्षिणपंथी’ करते हैं, लेकिन वास्तविकता काफी अलग है, जिसे आप इन कमेंट्स को देखकर समझ ही गए होंगे।