Monday, November 18, 2024
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‘इस महीने का चेक नहीं पहुँचा या पेमेंट रोक दी गई?’: केजरीवाल के 2047 वाले विज्ञापन के बाद ट्रोल हुए ‘क्रांतिकारी पत्रकार’

एचएम राठी नामक व्यक्ति ने पूछा, "क्या हुआ भाई? चेक नहीं आया क्या इस बार, जो उलटी गंगा बहा रहे आज?" नीरज नामक यूजर ने भी हैरानी जताते हुए लिखा, "कहाँ से सूरज उदित हुआ है आज? क्या बात है? इस महीने की किश्त नहीं मिली क्या?"

सोशल मीडिया पर लोग ‘क्रांतिकारी पत्रकार’ पुण्य प्रसून बाजपेयी को ट्रोल कर रहे हैं। असल में उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री व आम आदमी पार्टी (AAP) के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल की आलोचना की है। जी हाँ, आपने बिलकुल ठीक पढ़ा। पुण्य प्रसून बाजपेयी ने अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा है। कई अख़बारों के प्रथम पृष्ठ पर दिए गए दिल्ली सरकार के विज्ञापनों की तस्वीरें ट्वीट करते हुए उन्होंने कुछ ऐसा कहा, जिससे लोग हैरान हो गए।

पुण्य प्रसून बाजपेयी ने लिखा, “गज़ब.. 2047 तक दिल्ली वर्ल्ड क्लास सिटी.. यानी, अगले 5 चुनाव में जिताएँ, 79 साल की उम्र तक मुख्यमंत्री बनाएँ, और टैक्सपेयर्स के पैसे पर प्रचार अभी से पाएँ।” जिन अरविंद केजरीवाल के साथ इंटरव्यू की ‘सेटिंग’ करते समय बाजपेयी को ‘क्रांतिकारी’ का ख़िताब मिला था, उसके लिए ही इस तरह के शब्दों का प्रयोग किए जाने पर लोगों को हैरानी हुई। पुण्य प्रसून बाजपेयी अपने मोदी-विरोधी प्रोपेगंडा के लिए जाने जाते हैं।

लेखक आनंद कुमार ने तंज कसते हुए लिखा, :तो क्या पुण्य प्रसून बाजपेयी जैसे पक्षकार भी मोदी की गोद में जा बैठे हैं जो ऐसे ट्वीट करके ‘क्रांतिकारी, बहुत क्रांतिकारी अरविंद केजरीवाल सड़ जी के खिलाफ उतर आए?” वहीं ‘देसी फॉक्स’ नाम के ट्विटर हैंडल ने लिखा, “अरे क्या हुआ क्रांतिकारी पत्रकार जी? इतनी जल्दी? पैसा नहीं मिल रहा या कुछ और झमेला है? स्वतंत्र पत्रकार बनने का कीड़ा काट गया क्या?”

डॉक्टर कीटाणु किलर ने लिखा, “बाजपेयी साहब जब इस तरीके से ट्वीट करते हैं तो शक होता है कहीं ऐसा तो नहीं है कि पेमेंट लेट आ रही है?” वहीं हेमंत गुप्ता नामक ट्विटर यूजर ने इसे ‘पेमेंट का रिमाइंडर’ बताया। वहीं ‘विश्वस्तमा’ नामक हैंडल ने भी उनसे पूछा क्या इस महीने पैसे नहीं पहुँचे हैं? हेमंत पाठक ने पूछा कि कहीं उन्होंने केजरीवाल से राज्यसभा तो नहीं माँगा था? पत्रकार आशुतोष भी यही माँग पूरी न होने के कारण AAP से निकले थे।

दिनेश सिंह रावत ने पूछा कि कहीं उनकी तबीयत तो नहीं खराब हो गई? उन्होंने लिखा, “जिस अरविंद केजरीवाल के क्रांतिकारी इंटरव्यू के चक्कर में इन्होंने अपना करियर बर्बाद कर लिया, आप उन्हीं के विज्ञापन पर कटाक्ष कर रहे हैं?” रणवीर सिंह बिष्ट ने आशंका जताई कि ‘क्रांतिकारी महोदय’ के पैसे रुके हुए हैं, इसीलिए आज वो कटाक्ष पर उतर आए हैं।

एचएम राठी नामक व्यक्ति ने पूछा, “क्या हुआ भाई? चेक नहीं आया क्या इस बार, जो उलटी गंगा बहा रहे आज?” नीरज नामक यूजर ने भी हैरानी जताते हुए लिखा, “कहाँ से सूरज उदित हुआ है आज? क्या बात है? इस महीने की किश्त नहीं मिली क्या?” वहीं कुछ AAP समर्थकों ने तो उन्हें ‘कॉन्ग्रेस का एजेंट’ करार दिया। गोपाल नाम के यूजर ने पूछा कि आज अचानक से ‘ज्ञान चक्षु’ खुल गए या मदद रोक दी गई?

इसी साल 26 जनवरी को हुई किसानों की हिंसा के बाद पुण्य प्रसून ने लिखा ता कि AAP के मुखिया किसान आंदोलन का समर्थन करते हैं। उन्होंने लिखा था कि योगेन्द्र यादव किसान आंदोलन के नेता हैं लेकिन दोनों एक-दूसरे को बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं। साथ ही सुझाव दिया था कि दोनों को अपने मतभेद भुलाकर साथ आना चाहिए तभी यह आंदोलन सफल होगा। बाजपेयी ने लिखा था, “बँटने से बचें, मौकापरस्ती छोड़ें और साथ आएँ। तभी सफल होंगे।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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