ख़बरों का सबसे अहम पहलू यही है कि वह अपनी असल सूरत में पेश की जाए। इस शैली का पालन करते हुए जनता भी भ्रम से दूर रहती है और सामाजिक वातावरण भी नहीं बिगड़ता। लेकिन कुछ समाचार समूह ऐसे हैं, जो अपने ‘सेक्युलर’ धर्म का निर्वहन करते हुए असल तथ्यों का उपहास करते हैं। खुद को समुदाय विशेष का हितैषी बताने की होड़ में कभी कोई जानकारी खुद से जोड़ लेते हैं तो कभी जानकारी ही बदल देते हैं। इसी तरह की एक घटना में टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने मौलाना को ‘तांत्रिक’ बता दिया है।
यौन शोषण और देह व्यापार के आरोपित मौलाना को तांत्रिक बताया गया है और ऐसा करने वाला मीडिया समूह है टाइम्स ऑफ़ इंडिया (Times Of India)। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित हुसैनाबाद, जामा मज़ार के भीतर पुलिस ने गुरुवार (23 अक्टूबर 2020) को एक मौलाना (लेकिन TOI के अनुसार तांत्रिक) को गिरफ्तार किया था।
मौलाना कथित तौर पर ऐसे दंपति का उपचार कर रहा था, जिनकी संतान नहीं थी। उपचार की आड़ लेकर वह महिला का यौन शोषण करवा रहा था। इसके अलावा आरोप यह भी है कि वह मज़ार के भीतर ही देह व्यापार का धंधा भी करता था।
Lucknow: Tantrik arrested for sexual assault after video goes viral https://t.co/I0hxtOzowl pic.twitter.com/GMCeQOFVZg
— The Times Of India (@timesofindia) October 23, 2020
पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार बुधवार (22 अक्टूबर 2020) की रात नासिर उर्फ़ काले बाबा (मौलाना) का एक वीडियो सोशल मीडिया पर चर्चा में आया। इस वीडियो में साफ़ नज़र आ रहा था कि मौलाना के मजार के अंदर महिला के साथ एक व्यक्ति आपत्तिजनक स्थिति में मौजूद था।
यौन शोषण का वीडियो सामने आने के बाद पुलिस ने इस मामले में पड़ताल शुरू की, इसके बाद स्थानीय लोगों का बयान दर्ज करके अगले दिन आरोपित मौलाना को गिरफ्तार किया। पुलिस ने उस मौलाना पर यौन शोषण और बलात्कार का मामला भी दर्ज कर लिया है। इस मामले में आस-पास रहने वाले लोगों ने यह भी बताया कि वह बिना संतान की दंपतियों का उपचार करने के लिए भारी रकम भी वसूलता था।
पूरी ख़बर में एक बात शुरू से ही स्पष्ट हो जाती है कि आरोपित मज़ार में रहता है और उसका नाम नासिर है। यानी वह किसी भी दृष्टिकोण से तांत्रिक (हिंदू धर्म से संबंधित वो व्यक्ति, जिसने तंत्र साधना की हो, तंत्र साधना में सिद्ध हो) नहीं हो सकता है। फिर भी टाइम्स ऑफ़ इंडिया के लिए वह ‘मौलाना’ नहीं बल्कि तांत्रिक है!
स्वाभाविक सी बात है, तांत्रिक वह होता है जिसे तंत्र और मंत्र का बोध हो और परम्पराओं का ज्ञान हो, सीधे तौर पर हिन्दू पद्धति और सनातन धर्म से जुड़ा हो। लेकिन इस तरह के तमाम अहम तर्कों का बहिष्कार करते हुए टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने एक यौन शोषण एवं बलात्कार के आरोपित ‘मौलाना’ को तांत्रिक लिख दिया।
इस ख़बर के ठीक नीचे टाइम्स ऑफ़ इंडिया के एक पाठक ने आईना दिखाते हुए टिप्पणी की है। उस टिप्पणी में पाठक ने लिखा है, “क्योंकि व्यक्ति मजहब विशेष से है तो वह तांत्रिक नहीं हो सकता है, वह मौलाना है। कृपया वाक्य ठीक कर लीजिए! अब इंग्लिश भी हम ही सिखाएंगे।”
पूरी बात का मजमून इतना ही है कि जब एक व्यक्ति मौलाना है तो वह मौलाना ही रहने वाला है। ऐसे में एक व्यक्ति, एक समुदाय या एक मज़हब के लिए सुरक्षा कवच बन कर ‘धर्म निरपेक्ष पत्रकारिता’ करने का क्या तात्पर्य? अमूमन जब आरोपित हिन्दू धर्म से संबंधित होता है, तब इस कथित सेकुलर श्रेणी के प्रबुद्ध समाचार समूह पूरी प्रबलता के साथ लिखते हैं ‘भगवा’, ‘हिन्दू’ या ‘बाबा’। जब ठीक उसी अपराध का आरोपित समुदाय विशेष वाला है तब वह तांत्रिक क्यों और कैसे बन जाता है?
यह पहला ऐसा मौक़ा नहीं है, जब समाचार समूहों ने आरोपित मौलाना या मजहबी व्यक्ति की पहचान बदली हो। इस कड़ी में सदा सर्वदा की तरह पहले पायदान पर मौजूद है एनडीटीवी। एनडीटीवी मजहब विशेष की ढाल बनने की दौड़ में कभी मजहबी बलात्कारी को बाबा और तांत्रिक कह देता है तो कभी बच्चे की मौत के ज़िम्मेदार को तांत्रिक घोषित कर देता है।
इसी तरह कई समाचार समूहों ने कोरोना के इलाज का दावा करने वाले मोहम्मद इस्माइल को फ़ेक बाबा बता कर हिन्दू स्पिन दिया था। इस तरह के तमाम मामले हैं, जब एक मज़हब से आने वाले व्यक्ति की पहचान छुपा कर मीडिया उनकी ढाल बन जाता है।