महाराष्ट्र विधानसभा की ओर से 60 पन्नों का विशेषाधिकार हनन नोटिस रिपब्लिक टीवी के एडिटर अर्नब गोस्वामी को भेजा गया है। सुशांत सिंह मामले में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राज्य सरकार को लगातार घेरने के बाद यह प्रस्ताव राज्य के दोनों सदनों में शिवसेना की ओर से लाया गया था।
नोटिस में कहा गया है कि अर्नब गोस्वामी ने महाराष्ट्र विधानसभा के विशेषाधिकार का उल्लंघन किया है, और यदि वह माफी नहीं माँगते हैं, तो उन्हें जेल जाना पड़ सकता है। बता दें, विशेषाधिकार प्रस्ताव किसी के ख़िलाफ़ तभी भेजा जाता है जब किसी भी व्यक्ति, प्राधिकरण ने सदन, समिति के सदस्यों, उनके विशेषाधिकार, शक्तियों और प्रतिरक्षा की अवहेलना की होती है।
#BREAKING | Maharashtra Assembly sends a 60-page letter to Arnab Goswami on breach of privilege.
— Republic (@republic) September 17, 2020
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ऐसा करने वाले के ख़िलाफ़ जुर्माना और सजा जो होती है उसका भी सदन में ही निर्णय लिया जाता है। इसके अलावा यह भी ज्ञात रहे कि सदस्यों द्वारा सदन सदन में दिया गया भाषण भी इन्हीं विशेषाधिकार कानूनों के संरक्षण में आते हैं।
अर्नब गोस्वामी ने इसीकी प्रतिक्रिया में एक बयान जारी किया है। उन्होंने कहा है कि महाराष्ट्र विधानसभा ने उन्हें जेल भेजने की धमकी दी है। लेकिन वह सीएम उद्धव ठाकरे और चुने हुएगए प्रतिनिधियों से सवाल पूछना जारी रखेंगे और लड़ना जारी रखेंगे।
पूरा बयान
मैं भारत के लोगों से बात करना चाहता हूँ। महाराष्ट्र विधानसभा ने मुझे एक 60 पन्नों का पत्र भेजा है जिसमें मुझसे पूछा गया है कि मैं मुख्यमंत्री से क्यों सवाल कर रहा हूँ, और मुझे जेल की धमकी और विशेषाधिकार का हनन करने वाला कहा गया है। मैंने इससे लड़ने का फैसला किया है। मैं उद्धव ठाकरे और चुने हुए प्रतिनिधियों से सवाल करता रहूँगा और उनसे लड़ता रहूँगा। मैं उनसे अदालत में लड़ूँगा। संविधान किसी को दिया गया तोहफा नहीं है, यह प्रत्येक नागरिक का अधिकार है। मैं उस अधिकार को जारी रखूँगा, अपने प्रश्न पूछूँगा और रिपोर्ट करने के अधिकार का प्रयोग करूँगा।
बता दें, दोनों सदनों में यह विशेषाधिकार प्रस्ताव पहले ही पहुँचा था। यह प्रस्ताव अर्नब गोस्वामी की उन ‘आपत्तिजनक’ टिप्पणियों के ख़िलाफ़ था जो उन्होंने सुशांत सिंह मामले में सीएम उद्धव ठाकरे और एनसीपी प्रमुख शरद शवार पर की थी।
महाराष्ट्र विधानसभा में प्रस्ताव शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक और विधान परिषद में मनीषा कांडे द्वारा लाया गया था। सरनाईक ने कहा था कि गोस्वामी ने सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ बिना किसी सबूत के झूठे आरोप लगाए। सभा को संबोधित करते हुए सरनाईक ने गोस्वामी की कथित टिप्पणियों को लोकतंत्र का ‘मखौल’ बताया था।
वही एक प्रस्ताव अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ भी उनकी टिप्पणी के लिए कॉन्ग्रेस नेता अशोक जगताप द्वारा लाया गया था, जिसमें उन्होंने पीओके के साथ मुंबई की तुलना की थी।