रिपब्लिक मीडिया के ऊपर महाराष्ट्र प्रशासन ने हमले करने अभी बंद नहीं किए हैं। अर्णब की रिहाई के मात्र दो दिन बाद अब रायगढ़ पुलिस ने शुक्रवार (नवंबर 13, 2020) को रिपब्लिक टीवी चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर एस सुंदरम से पूछताछ की है। सुंदरम से पूछताछ भी साल 2018 के सुसाइड केस में ही की गई है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, रायगढ़ पुलिस ने एस सुंदरम से इस केस में पूछताछ के लिए समन भेजा था। कहा जा रहा है कि अर्णब ने कथिततौर पर पूछताछ में यह बताया था कंपनी की ओर पेमेंट करने का काम सीएफओ का होता है। इसी आधार पर पुलिस ने उन्हें शुक्रवार को पूछताछ के लिए बुलाया।
रिपब्लिक टीवी ने बताया कि उनके सीएफओ से अलीबाग पुलिस स्टेशन में पूछताछ हुई है। अब तक इस पूरे मामले में कई लोगों से कई बार और कई-कई घंटों तक पहले ही पूछताछ हो चुकी है। इस केस से जुड़े अधिकारी का कहना है कि इस मामले में आरोपितों के वित्तीय रिकॉर्ड की जाँच करेंगे।
उन्होंने कहा, “कुछ और लोगों को आने वाले समय में समन भेजा जाएगा।” इसके साथ ही उन्होंने बताया कि मामले में चार्जशीट दायर करने से पहले वित्तीय रिकॉर्ड की भी जाँच की जाएगी।
#BREAKING | Republic Media Network’s CFO Sundaram being questioned at Alibag Police Station. Tune-in for #LIVE updates here – https://t.co/jghcakh6lP pic.twitter.com/mwIkH7EShs
— Republic (@republic) November 13, 2020
बता दें कि इससे पहले बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में अर्णब गोस्वामी की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश चंद्रचूड़ और जस्टिस इंदू मल्होत्रा ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को गलत बताया था। इसके बाद अर्णब को रिहाई देने के लिए मुंबई पुलिस को निर्देशित किया गया था।
अर्णब गोस्वामी और दो अन्य आरोपितों को 50,000 रुपए के बांड पर अंतरिम जमानत पर रिहा किया गया था। कोर्ट ने पुलिस आयुक्त को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया था कि आदेश का तुरंत पालन किया जाए।
जमानत पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की थी। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि अगर हम आज इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करते हैं तो बर्बादी की राह पर बढ़ जाएँगे। उन्होंने यह भी कहा था कहा कि किसी की विचारधारा अलग हो सकती है और वो चैनल नहीं देखे, लेकिन संवैधानिक अदालतें अगर ऐसी आज़ादी की सुरक्षा नहीं करती हैं तो वो बर्बादी की राह पर बढ़ रही है।
उल्लेखनीय है कि अर्णब को साल 2018 के एक केस में पिछले हफ्ते उनके घर से उठाया गया था। इसके बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया, और बाद में उन्हें तलोजा जेल में शिफ्ट किया गया। इस बीच उनके साथ बदसलूकी की खबरें मीडिया में आती गई। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में मामला पहुँचने के बाद इस केस में उन्हें रिहाई मिली।