Thursday, November 14, 2024
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अपने फोन में क्या छिपाना चाह रहा है जुबैर? नहीं दे रहा सवालों के जवाब, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स भी नहीं सौंपे: यहाँ देखें FIR और रिमांड की कॉपी

FIR में कहा गया है कि मोहम्मद जुबैर ने जानबूझ कर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से धार्मिक भावनाएँ भड़काने वाले पोस्ट्स किए हैं, ताकि समाज की शांति भंग की जा सके।

मोहम्मद जुबैर गिरफ़्तारी के बाद जाँच और पूछताछ में दिल्ली पुलिस के साथ सहयोग नहीं कर रहा है। रिमांड कॉपी से AltNews के संस्थापक प्रतीक सिन्हा के झूठ का भी पर्दाफाश हो गया है। पुलिस ने मोहमद जुबैर ने जाँच में सहयोग के लिए पहले भी नोटिस दिया था, गिरफ़्तारी अचानक नहीं हुई। मोहम्मद जुबैर ने अपने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के बारे में भी पुलिस को कोई जानकारी नहीं दी है। सेक्शन 41A के तहत उसे नोटिस दिया गया था।

मोहम्मद जुबैर कह रहा है कि उसका वो फोन खो गया है जिससे उसने 2018 में ये ट्वीट्स किए थे। पुलिस ने कहा है कि जुबैर जाँच और पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहा है। उसने अधिकतर सवालों के जवाब नहीं दिए और कागज़ात पर हस्ताक्षर करने से भी इनकार कर दिए। पुलिस ने उससे सूचनाएँ निकलवाने के लिए एक दिन की कस्टडी माँगी थी। मोहम्मद जुबैर को उसका गैजेट खोजने को भी कहा गया है। पूरी जाँच में ये गैजेट मुख्य सबूत है।

मोहम्मद जुबैर पर दर्ज FIR की कॉपी भी सामने आई है। ये FIR ‘हनुमान भक्त’ नाम के ट्विटर हैंडल द्वारा दायर की गई शिकायत पर दर्ज कराया गया है। इसमें उसने भगवन हनुमान का मजाक बनाया था। आरोप है कि उसने हनुमान जी को ‘हनीमून’ से जोड़ा। हिन्दू धर्म में हनुमान जी को बाल ब्रह्मचारी कहा गया है। इसे एक समाज की भावनाओं को भड़काने वाला बताया गया, जो बाद में शांति और सामंजस्यता के लिए खतरा बन सकता है।

साथ ही उस पर घृणा फैलाने के आरोप भी हैं। FIR की संवेदनशीलता के कारण इसे ऑनलाइन अपलोड नहीं किया गया। FIR में कहा गया है कि मोहम्मद जुबैर ने जानबूझ कर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से धार्मिक भावनाएँ भड़काने वाले पोस्ट्स किए हैं, ताकि समाज की शांति भंग की जा सके। FIR को सब-इंस्पेक्टर लेवल के पुलिस अधिकारी ने दर्ज कराया है। कॉन्ग्रेस के अलावा लेफ्ट पार्टियों ने भी जुबैर की रिहाई की माँग की है।

मोहम्मद जुबैर पर दर्ज FIR की कॉपी

उधर हिन्दू देवी-देवताओं का खुलेआम अपमान करने वाले मोहम्मद जुबैर की दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ़्तारी पर ‘एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (EGI)’ ने लंबा-चौड़ा बयान जारी किया है। इसमें AltNews के सह-संस्थापक की गिरफ़्तारी की निंदा की गई है। गिल्ड ने अपने बयान में कहा, “एक अज्ञात पहचान वाले ट्विटर हैंडल ने उनके 2018 के एक ट्वीट पर धार्मिक भावनाएँ भड़काने का आरोप लगाया था।” मोहम्मद ज़ुबैर ट्विटर पर कह चुका है कि वो पत्रकार नहीं है, फिर उसके लिए EGI सामने क्यों आया?

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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