समाचार ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल स्टैंडर्ड एसोसिएशन (NBDSA) ने देश के तीन प्रमुख न्यूज चैनलों पर कार्रवाई की है। इसके तहत टाइम्स नाउ नवभारत और न्यूज 18 इंडिया पर जुर्माना लगाते हुए ‘लव जिहाद’ से जुड़े एक शो का वीडियो हटाने को कहा है। वहीं आज तक को रामनवमी पर हुई हिंसा पर आधारित सुधीर चौधरी के एक शो का वीडियो सभी प्लेटफॉर्म से हटाने को कहा है।
2023 में रामनवमी पर देश के अलग-अलग हिस्सों में हुई हिंसा पर आधारित सुधीर चौधरी के शो को लेकर NBDSA का मानना है कि यह एक विशेष समुदाय को निशाना बनाती है। न्यूज चैनल को भेजे नोटिस में कहा गया है कि कुछेक ‘उपद्रवी घटनाओं’ को सांप्रदायिक हिंसा से जोड़कर इस शो में समुदाय विशेष को निशाना बनाया गया है। चैनल को भविष्य में सावधानी बरतने की चेतावनी भी दी गई है।
यह नोटिस एक्स/ट्विटर यूजर इंद्रजीत घोरपड़े (@jeetxg) की शिकायत के आधार पर जारी किया गया है। इसमें वीडियो को हटाकर सात दिनों के भीतर इसकी जानकारी देने को कहा गया है। शो के दौरान कही गई कुछ बातों का हवाला देकर नोटिस में कहा गया है कि एंकर (सुधीर चौधरी) ने इसे बिल्कुल ‘अलग रंग’ देने का काम किया है।
News Broadcasting and Digital Standards Authority directs @aajtak channel to remove the video of a show anchored by @sudhirchaudhary on Ram Navami violence as the anchor generalised the acts of certain miscreants to target a particular community. pic.twitter.com/Bb9YklHRSi
— Live Law (@LiveLawIndia) February 29, 2024
गौरतलब है कि रामनवमी पर हुई हिंसा हिंदू घृणा और मुस्लिमों की मजहबी कट्टरता की उपज थी। इस्लामी कट्टरपंथी अक्सर यह दावा करते हैं कि मुस्लिम बहुल इलाकों से हिंदुओं का जुलूस निकालना भड़काऊ है। NBDSA की कार्रवाई इसी मजहबी असहिष्णुता पर सवाल उठाने को लेकर की गई है। यह गौर करने वाली बात है कि यदि हिंदू बहुल इलाके से इसी तरह मुस्लिमों के जुलूसों को गुजरने पर निशाना बनाया जाता तो उसे ‘कुछ उपद्रवियों की हिंसा’ की जगह ‘हिंदुओं की असहिष्णुता’ के तौर पर पेश किया जाता है।
रामनवमी पर हुई हिंसा का बचाव करने के लिए जिस तर्क का इस्तेमाल किया गया है, ठीक यही तर्क मजहबी आधार पर भारत के विभाजन के लिए इस्तेमाल हुआ था। मुस्लिम समुदाय और उनके नुमाइंदों ने तब दावा किया था इस्लाम की अपनी अलग रवायतें हैं और वे हिंदुओं के साथ नहीं रह सकते। इसलिए उन्हें अलग देश दिया जाना चाहिए जो इस्लामी वसूलों पर चले। ऐसे में मजहबी असहिष्णुता और हिंदू घृणा के कारण अंजाम दी गई हिंसा पर सवाल उठाने को लेकर मीडिया चैनल को दंडित करना एक तरह से उन्हीं मजहबी दावों का समर्थन है जिसके कारण देश का विभाजन हुआ था।
चाहे इस्लामवादी हों या लेफ्ट-लिबरल, वे अक्सर ‘मुस्लिम क्षेत्र’ जुमले का इस्तेमाल करते हैं। कई विपक्षी नेता भी मुस्लिम क्षेत्रों से हिंदुओं के जुलूस पर सवाल उठाते हैं। सुधीर चौधरी ने अपने शो में किसी इलाके के इसी तरह के वर्गीकरण पर सवाल उठाए थे। उनका कहना था कि जब हम जनसंख्या के आधार पर किसी इलाके को हिंदू, सिख, जैन, पारसी या ईसाई क्षेत्र के तौर पर वर्गीकृत नहीं करते तो फिर किसी खास जगह को ‘मुस्लिम इलाका’ क्यों घोषित कर दिया जाता है। उन्होंने 2011 की जनगणना का हवाला देते हुए बताया था कि भारत की 81% आबादी हिंदू है। केवल 14% मुस्लिम हैं। उन्होंने पूछा था, “कुछ जगहों को ‘मुस्लिम इलाका’ क्यों बताया जाता है, जबकि सिख, ईसाई, हिंदू, पारसी या जैन कभी भी किसी खास जगह न तो अपना इलाका घोषित करते हैं और न ही वहाँ अन्य समुदाय को अपने धार्मिक आयोजनों से रोकते हैं।”
बता दें कि 30 मार्च 2024 को देश के अलग-अलग हिस्सों से रामनवमी शोभा यात्रा पर हमलों की सात बड़ी घटनाएँ पिछले साल सामने आई थी। इन घटनाओं के बारे में आप विस्तार से इस लिंक पर क्लिक कर पढ़ सकते हैं।
टाइम्स नाउ नवभारत पर एक लाख का जुर्माना
लाइव लॉ के मुताबिक, समाचार प्रसारण और डिजिटल मानक प्राधिकरण ने टाइम्स नाउ नवभारत पर हिमांशु दीक्षित द्वारा होस्ट किए गए एक शो को लेकर कार्रवाई की है। दीक्षित ने उस शो में झारखंड के मानवी राज सिंह केस को दिखाया था और शो को नाम दिया था, ‘जिहादियों से बेटियों को बचाओ’। एनबीडीएसए ने कहा इस शो में सभी मामलों को एक जैसा बताया गया है। एनबीडीएसए का कहना है कि इस शो में मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाते हुए अंतर-धार्मिक संबंधों को ‘लव जिहाद’ के तौर पर प्रचारित किया गया है। इसके लिए एनबीडीएसए ने टाइम्स नाउ नवभारत पर 1 लाख का जुर्माना लगाते हुए इस शो का वीडियो हटाने के लिए कहा है।
News Broadcasting and Digital Standards Authority imposes a fine of Rs 1 lakh on @TNNavbharat since a show hosted by @himanshdxt was found to have targeted the Muslim community & generalised inter-faith relationships as "love jihad".
— Live Law (@LiveLawIndia) February 29, 2024
NBDSA asks the channel to remove the video. pic.twitter.com/DGyhptcRvh
न्यूज18 इंडिया के खिलाफ भी कार्रवाई
एनबीडीएसए ने न्यूज18 इंडिया पर 50 हजार का जुर्माना लगाया है। एनबीडीएसए ने अमीश देवगन और अमन चोपड़ा के शो में श्रद्धा वॉकर केस को ‘लव जिहाद’ बताने पर नाराजगी जताई है और चैनल पर 50 हजार का जुर्माना ठोका है। यही नहीं, चैनल को अपने सभी प्लेटफॉर्म से इस शो से जुड़े वीडियो को हटाने के भी निर्देश दिए हैं।
News Broadcasting and Digital Standards Authority imposes a fine on @News18India for three shows (2 anchored by @AmanChopra_ and one by @AMISHDEVGAN) for communalising Shradda Walker case as "love jihad".
— Live Law (@LiveLawIndia) February 29, 2024
Fine of Rs 50,000 imposed and channel asked to remove the videos. pic.twitter.com/6mTy5xYMb1