लोकसभा चुनावों के अंतिम चरण से पहले भारत विरोधी प्रोपगेंडा फैलाने के लिए कुख्तात प्रोफेसर निताशा कौल ने ईवीएम को लेकर मनगढ़ंत कहानी शेयर की है। निताशा ने अपने पोस्ट में फैलाया है कि वो रात भर सो नहीं पातीं क्योंकि उन्हें सपने आते हैं कि भारत में लोग ईवीएम से वोट तो डाल रहे हैं लेकिन उनके वोट नहीं गिने जा रहे।
निताशा कौल ने दावा किया, “हाल ही में मैं एक वर्कशॉप लंच के दौरान एक ब्रिटिश सहकर्मी से कह रही थी कि पिछली रात मुझे ठीक से नींद नहीं आई क्योंकि मुझे ऐसे सपने आए जिनमें लोग ईवीएम पर वोट कर रहे थे लेकिन वोटों की गिनती नहीं हो रही थी। एक तुर्की सहकर्मी ने यह बात सुनी और बताया कि तुर्की में एर्दोगन के चुनावों के दौरान उसे भी परेशान करने वाले सपने आते थे।”
अपने इस ट्वीट के जरिए निताशा ने कॉन्ग्रेस के प्रोपगेंडे को हवा दी जिसमें चुनावों में अपनी हार होती देख वो ईवीएम का रोना रोने लगते हैं। निताशा ने अपने ट्वीट में कहा कि 4 जून के नतीजे भारत के लोकतंत्र के लिए बहुत ज्यादा जरूरी है। उसने आगे लिखा कि ये उसके लिए सिर्फ जरूरी नहीं है कि वो कोई ऐसी शख्स है जिसे भारत में अधिनायकवाद में काम करने से मोदी सरकार में रोका गया बल्कि व्यक्तिगत रूप से भी अगर ऐसा हुआ तो वो दोबारा अपनी माँ के पैर छू पाएगी।
बता दें कि निताशा कौल लंदन में रहने वाली शिक्षाविद और लेखिका हैं जो हमेशा भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करने में लगी रहती हैं। उन्होंने फरवरी में कश्मीर में आतंकियों के कुकृत्य को कमतर दिखाने का काम किया था। इसके अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बारे में झूठी जानकारी फैलाने का काम भी किया था। निताशा अकसर इस्लामी कट्टरपंथी स्टैंड विद कश्मीर, कश्मीर सॉलीडेट्री मूवमेंट और इंडियन मुस्लिम काउंसिल द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में भी भाग लेती रहती हैं। इसके अलावा वॉर्टन स्कूल ऑफ बिजनेस में पीएम मोदी का भाषण रुकवाने के लिे कॉल सबसे आगे थीं।