महाराष्ट्र में गिरफ्तार किए गए ‘रिपब्लिक टीवी’ के पत्रकारों अनुज कुमार, वीडियो जर्नलिस्ट यशपालजीत सिंह और ओला कैब ड्राइवर प्रदीप दिलीप धनावड़े को खालापुर कोर्ट से जमानत मिल गई है। रिपब्लिक मीडिया ने कहा है कि ये उसकी देशव्यापी मुहिम के कारण संभव हो पाया है। महाराष्ट्र पुलिस के द्वारा रिपब्लिक की क्रू टीम को लगभग 138 घंटे तक अपने पास रखा गया, लेकिन अब कोर्ट ने तीनों को जमानत प्रदान किया है।
रिपब्लिक ने इस कार्रवाई को अवैध करार दिया था। इन तीनों को रायगढ़ से गिरफ्तार किया गया था, जब वो इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्टिंग कर रहे थे। रिपब्लिक इस मामले को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक भी पहुँचा था, जहाँ सोमवार (सितम्बर 14, 2020) को मामला दर्ज किया गया। आरोप है कि रिपब्लिक को अपने पत्रकारों को क़ानूनी सहायता देने से भी वंचित कर दिया गया था।
इस मामले पर बयान देते हुए रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के संस्थापक अर्नब गोस्वामी ने कहा, ”ये लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर प्रहार है। शिवसेना चाहती है कि हम उनके सामने घुटने टेक दें, वो हमसे हमारे रिपोर्ट करने के मूल अधिकार को छीनना चाहते है। संविधान के अनुच्छेद 19 (ए) के तहत, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के पास ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं है। हमारी कवरेज सच के लिए है, सत्ता से डरे बिना।”
NHRC को दी गई याचिका में रिपब्लिक ने कहा है कि बिना क़ानूनी मदद उपलब्ध कराए उसके पत्रकारों को कस्टडी में लेना गलत है। इसे मानवाधिकार के मूलभूत सिद्धांतों का उल्लंघन भी करार दिया गया है। साथ ही आरोप लगाया कि पत्रकारों को उस रिपोर्ट के बारे में खुलासा करने को कहा जा रहा है, जिसकी वो जाँच कर रहे थे। साथ ही उस रिपोर्टिंग में मिले अहम लीड्स और उनके सूत्रों के बारे में खुलासा करने को कहा गया था।
Republic’s reporter Anuj and crew granted bail by court after being detained for 138 hours https://t.co/kXSgNgNftF
— Republic (@republic) September 14, 2020
पत्रकारों और मीडिया नेटवर्क को धमकाने, डराने के अपने काम को जारी रखते हुए, शिवसेना ने बृहस्पतिवार (सितम्बर 10, 2020) को महाराष्ट्र में स्थानीय केबल ऑपरेटरों को ‘रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क’ पर प्रतिबंध लगाने के लिए भी कहा था। संजय राउत को अपना मार्गदर्शक बताते हुए, शिवसेना ने ऐसा ना करने पर इसका ‘अंजाम भुगतने’ तक की भी धमकी दी थी।