रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्णब गोस्वामी की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली से लेकर भोपाल तक में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। महाराष्ट्र सरकार व मुंबई पुलिस की खुल कर आलोचना हो रही है। ऐसे में महाराष्ट्र मानवाधिकार आयोग ने रायगढ़ एसपी को कारण बताओ नोटिस भेज दिया है।
#IndiaWithArnab | Maharashtra Human Rights Commission issues notice to SP Raigad to remain present tomorrow at Human Rights Commission by 11 am to show cause regarding arrest of #ArnabGoswami & present entire material records before the commission https://t.co/RZHKU3wOei pic.twitter.com/Z3WLaa5sZB
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महाराष्ट्र मानवाधिकार आयोग ने रायगढ़ एसपी को नोटिस भेजकर कल सुबह उन्हें पेश होने को कहा है। साथ ही सारे सबूत आयोग के समक्ष पेश करने के आदेश भी दिए गए हैं।
#LIVE on #IndiaWithArnab | अर्नब की गिरफ्तारी पर महाराष्ट्र मानवाधिकार आयोग ने एसपी रायगढ़ को भेजा नोटिस, कल सुबह 11 बजे तक होना होगा पेश
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बता दें कि वकील आदित्य मिश्रा ने अर्णब गोस्वामी की अवैध गिरफ्तारी के खिलाफ महाराष्ट्र मानवाधिकार आयोग के समक्ष एक याचिका दायर की थी और मामले पर तत्काल विचार करने का आह्वान किया था।
इस पूरे मामले में रिपब्लिक टीवी ने कुछ देर पहले बताया है कि मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक के एग्जिक्यूटिव एडिटर निरंजन नारायणस्वामी को भी समन जारी किया है। वह अलीबाग में पिछले 24 घंटे से रिपोर्टिंग कर रहे हैं। उन्हें मुंबई पुलिस द्वारा अब तक चौथी बार समन भेजा गया है।
#LIVE on #IndiaWithArnab | Republic’s Executive Editor Niranjan Narayanaswamy summoned again by Mumbai Police at NM Joshi Marg Police station; Tune in for #LIVE updates here – https://t.co/rGQJsiKgt2 pic.twitter.com/KP6LK9WRWu
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गौरतलब है कि अर्णब गोस्वामी को बुधवार को बिना समन जारी किए जबरदस्ती घर से उठाया गया था। कुछ पुलिस अधिकारी उनके घर पहुँचे थे और उनके साथ मारपीट करते हुए उन्हें एक पुराने केस में गिरफ्तार किया था।
इसके बाद अर्णब की कई वीडियोज सामने आई थी। वीडियो में उनके शरीर पर मारपीट के निशान साफ नजर आए थे, जिसे देख जगह-जगह मुंबई पुलिस के रवैये की आलोचना हुई थी।
देर रात तक अदालत की सुनवाई चलने के बाद अर्णब को कल 18 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया जबकि मुंबई पुलिस लगातार 14 दिन की हिरासत का अनुरोध कर रही थी। अदालत ने पुलिस से कहा कि हिरासत में लेकर पूछताछ करने की जरूरत नहीं है।
दूसरी ओर अदालत द्वारा गोस्वामी को न्यायिक हिरासत में भेजने के बाद उनके वकील आबाद पोंडा और गौरव पारकर ने जमानत के लिए याचिका दाखिल कर दी है। वकील पोंडा ने कहा, ‘‘अदालत ने पुलिस से अपना जवाब दाखिल करने को कहा है और मामले को गुरुवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।”