हिन्दू धर्म के विरोध के लिए यूँ तो लिबरल गिरोह के पत्रकार तरह-तरह की नौटंकी करते हैं, लेकिन इस बार ‘द वायर’ की पत्रकार रोहिणी सिंह ने अपने बच्चे के माध्यम से राम मंदिर के विरुद्ध प्रोपेगेंडा फैलाया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि उनके बेटे ने एक मंदिर और एक मस्जिद की ड्राइंग बनाई है। ड्राइंग में दोनों अगल-बगल ही दिख रहे हैं। बकौल रोहिणी सिंह, उनके बेटे ने इसके साथ-साथ सहिष्णुता पर लेख भी लिखा है।
‘द वायर’ की रोहिणी सिंह के अनुसार, बाईं तरफ उनके बेटे ने एक हरे रंग की मस्जिद का चित्र बनाया और उसके बगल में ही एक मंदिर का चित्र बनाया, जो लाल रंग की है। साथ ही उसने सहिष्णुता पर भी लेख लिखा। उसने लिखा,
“सहिष्णुता किसी के बुरे व्यवहार को स्वीकार करना नहीं होता है, इसका अर्थ है जो जैसे हैं उन्हें वैसे ही स्वीकार करना और उनके साथ ऐसा ही व्यवहार करना जैसा आप अपने साथ होते हुए देखना चाहते हैं। इसका अर्थ ये कतई नहीं है कि आप अपनी विरासत और आस्था को कुर्बान कर दें। हम उस विरासत और आस्था को शत-प्रतिशत बनाए रखते हुए दूसरों की विविधता को सेलिब्रेट कर सकते हैं।”
हालाँकि, ‘द वायर’ की रोहिणी सिंह ने ये नहीं बताया कि उनके बेटे ने ये सारी चीजें ख़ुद की सोच के आधार पर लिखीं या फिर इसमें कुछ शब्द उनके भी हैं और उन्होंने इस लेख को प्रभावित किया। ऐसा इसीलिए, क्योंकि ये चीजें किसी और से ज्यादा उन्हें ख़ुद सीखने की ज़रूरत है।
लेकिन, मुद्दा यहाँ ये नहीं है कि रोहिणी सिंह कितनी सहिष्णु हैं या फिर उनके पास सहिष्णुता नाम की कोई चीज है ही नहीं। मसला ये है कि उन्होंने अपने बेटे की ड्राइंग बताकर जिस चित्र को शेयर किया, उससे मिलता-जुलता चित्र इंटरनेट पर पहले से ही वायरल है। एक ट्विटर यूजर ने इस ओर सबका ध्यान दिलाया।
Not only picture, she copied lines from internet too. @rohini_sgh 🤣😭
— Facts (@BefittingFacts) August 6, 2020
via @krazyprogrammer pic.twitter.com/M62SPsrtfz
यहाँ हम ये नहीं कह रहे कि बच्चे ने ये चित्र चुरा लिया है क्योंकि हो सकता है कि उसने इस चित्र को इंटरनेट पर देखा हो और फिर देख कर ड्रा किया हो। लेकिन, जो सहिष्णुता वाला लेख है वो भी बच्चों की ही सेल्फ-हेल्प वेबसाइट पर उपलब्ध है।
यहाँ बच्चे ने ‘अपने बच्चे को इस बारे में बराबर बताते रहें’ वाला भाग हटा दिया है क्योंकि ये यहाँ पर फिट नहीं बैठता है। हो सकता है कि रोहिणी सिंह ने खुद अपने बेटे को ये सब लिखने को कहा हो ताकि वो इसके बहाने ट्विटर पर राजनीति खेल सकें। ये सम्भावना तो कम ही दिखती है कि बच्चे ने खुद सर्च कर उस सेल्फ-हेल्प पैरेंटिंग वेबसाइट की खोज की हो और काफी चालाकी से वहाँ से इन पंक्तियों को कॉपी कर लिया हो।
लिबरल और कट्टर इस्लामी गिरोह का पुराना तरीका है कि वो अपने एजेंडे के लिए बच्चों का इस्तेमाल करने से भी नहीं चूकते। इसीलिए हो सकता है कि ‘द वायर’ की पत्रकार ने भी यही टैक्टिक आजमाया हो। हालाँकि, ये पहली बार नहीं है जब उन्होंने ऐसा किया हो। अक्टूबर 2109 में भी रोहिणी ने दावा किया था कि एक 5 साल की लड़की ज़ोया को एक जन्मदिन पार्टी से भगाया जाने लगा तो बच्ची ने जवाब दिया कि वो पाकिस्तानी नहीं है।