Sunday, November 17, 2024
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द वायर वाले वरदराजन के भाई ने ‘नेताजी’ को बताया हिटलर का दोस्त, नेटिजन्स ने कहा- ‘ब्रिटिशों का कु$%^ बोला’

तुंकू वरदराजन ने जब से सोशल मीडिया पोस्ट पर सुभाष चंद्र बोस को हिटलर का दोस्ट बताया है, उसके बाद से लोग एम के गाँधी के उस पत्र को वायरल कर रहे हैं जिसमें उन्होंने हिटलर को 'डियर फ्रेंड' लिखा था और बताया था कि हिटलर को मित्र कहना कोई औपचारिकता नहीं है।

दिल्ली के इंडिया गेट पर केंद्र सरकार ने ‘नेताजी’ सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति लगाने का निर्णय लेकर कई बुद्धिजीवियों को बेचैन कर दिया है। इसी क्रम में द वायर के संस्थापक सिद्धार्थ वरदराजन के भाई तुंकू वरदराजन ने भी ‘नेताजी’ के लिए अपनी घृणा उगली है। तुंकू वरदराजन ने अपने ट्वीट में उन्हें हिटलर का दोस्त बताया और कहा कि एक व्यक्ति जो हिटलर का दोस्त था उसकी मूर्ति इंडिया गेट पर लगने वाली है।

तुंकू वरदराजन का ‘नेताजी’ पर ट्वीट

तुंकू का यह ट्वीट सोशल मीडिया साइट पर आज सुबह आया। इसके बाद से इस पर प्रतिक्रियाएँ आना चालू हैं। जैसे तुंकू ने सुभाष चंद्र बोस को हिटलर का साथी बताकर उनकी छवि को दागी दिखाने की कोशिश की, बिलकुल उसी तरह नेटिजन्स भी इतिहास की उन हस्तियों से जुड़े प्रमाण लेकर आ गए जिनका हिटलर से संबंध था। इस सूची में एम के गाँधी का वो पत्र साझा हुआ जिसे उन्होंने हिटलर के लिए लिखा था और पत्र की शुरुआत में हिटलर को ‘डियर फ्रेंड’ बताया था। साथ ही ये भी कहा था कि उनका हिटलर को ‘मित्र’ कहना कोई औपचारिकता नहीं है।

ऐसे ही कुछ यूजर्स ने तुंकू को सलाह दी कि वो ऐसी बेवकूफी करना बंद करें क्योंकि उनके ये हथकंडे सिर्फ वामपंथियों में ही चलेंगे, बाकी लोगों के बीच ये प्रोपगेंडा काम नहीं कर पाएगा। कई यूजर ने इस ट्वीट को इग्नोर करने की सलाह दी और इस बात पर जोर दिया कि तुंकू एक लिबरल है जिनका काम ही है कॉन्ग्रेस को समर्थन देना और बाकियों की आलोचना करना है।

चंद्रचूर घोष नामक यूजर ने यह ट्वीट देखने के बाद गाँधीवादी और नेहरूवादी लोगों के ज्ञान और समझ पर सवाल खड़े किए।

एक यूजर ने कहा, “हिटलर ने ईसाइयत के एजेंडे को बढ़ावा दिया। उसकी पार्टी का नाम क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक पार्टी था। उसे बड़े चर्चों का समर्थन प्राप्त था। क्या कभी इसके लिए ईसाइयत को खारिज किया गया। जिन्ना और मुस्लिम हिटलर के सबसे बड़े समर्थक थे। आपने कभी उनपर एक शब्द नहीं बोला।”

हिना ने वरदराजन को, “ब्रिटिशों का कु$%^ बताया।” अन्य यूजर ने पूछा कि दिल्ली में 70 सालों से औरंगजेब की रोड थी तब कुछ नहीं हुआ। बोस की मूर्ति लगने से परेशानी है।

बता दें कि बोस की मूर्ति पर लिबरलों की प्रतिक्रिया कल से आ रही है। कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया गेट पर नेताजी की मूर्ति लगने को लेकर अपने ट्वीट में लिखा था, “ऐसे समय जब पूरा देश नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मना रहा है, मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि ग्रेनाइट से बनी उनकी भव्य प्रतिमा इंडिया गेट पर स्थापित की जाएगी। यह उनके प्रति भारत के ऋणी होने का प्रतीक होगा।” साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा था, “जब तक नेताजी की भव्य प्रतिमा का काम पूरा नहीं हो जाता, तब तक उनकी होलोग्राम प्रतिमा उसी स्थान पर मौजूद रहेगी। मैं नेताजी की जयंती 23 जनवरी को होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण करूँगा।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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