प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने शनिवार (22 जनवरी 2022) को कई जिलों के कलेक्टर्स (District Magistrates) के साथ वर्चुअल बैठक की। पीएम मोदी ने जिलाधिकारियों को संसाधनों के बेहतर इस्तेमाल का सुझाव दिया और कहा कि एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट में जो काम हुआ है, वो विश्व की बड़ी-बड़ी यूनिवर्सिटीज के लिए रिसर्च का विषय है। इशारों-इशारों में विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि सारे संसाधन वही हैं, सरकारी मशीनरी वही है और अधिकारी भी वही हैं, लेकिन रिजल्ट अलग है।
रिपोर्ट के मुताबिक, पीएम मोदी ने जिलाधिकारियों को टीम वर्क समझाया और कहा कि आकांक्षी जिलों में केंद्र, राज्य और लोकल एडमिनिस्ट्रेशन ने टीम वर्क किया और उसके अच्छे परिणाम देखने को मिल रहे हैं। इसके साथ उन्होंने अधिकारियों से ‘टॉप टू बॉटम’ औऱ ‘बॉटम टू टॉप’ तक सरकारी योजनाओं का फ्लो सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन और जनता के बीच प्रत्यक्ष, परोक्ष और भावनात्मक जुड़ाव बनाने की अपील की। तकनीक और इनोवेशन महत्वपूर्ण घटक बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आकांक्षी जिलों में लोगों के जीवन में हो रहे सकारात्मक बदलाव को देखकर अधिकारी भी अपने प्रयासों के लिए संतुष्टि महसूस करते होंगे और उन्हें खुद पर भी गर्व महसूस होता होगा।
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— Narendra Modi (@narendramodi) January 22, 2022
प्रधानमंत्री के मुताबिक, देश के आकांक्षी जिलों ने सिद्ध कर दिया कि अगर किसी भी चीज को लागू करने की प्रक्रिया में आने वाली बाधाओं को खत्म कर दिया जाय तो अच्छे रिजल्ट हासिल किए जा सकते हैं। जिलाधिकारियों को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि जब दूसरों के सपनों को साकार करने की सोच सफलता का मानदंड बनने लगे तो वो फिर कर्तव्य पथ पर इतिहास रचता है।
डिजिटल इंडिया से आई मौन क्रांति
डिजिटल इंडिया मिशन की सराहना करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि देश डिजिटल इंडिया के रूप में देश एक मौन क्रांति का साक्षी बन रहा है। इसमें कोई भी जिला पीछे नहीं छूटे और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर हर गाँव तक पहुँचे, सेवाओं और सुविधाओं की डोर स्टेप डिलीवरी का जरिया बने ये आवश्यक है। पीएम के मुताबिक, इसके लिए अलग-अलग मंत्रालयों, अलग-अलग विभागों ने 142 जिलों की एक लिस्ट तैयार की है, जहाँ आकांक्षी जिलों की ही तरह कलेक्टिव एप्रोच के साथ काम करना है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बीते 4 साल में देश के लगभग हर आकांक्षी जिले में 4-5 गुना अधिक जन धन के अकाउंट खोले गए। हर परिवार को बिजली मिली, इससे गरीब के जीवन में भी ऊर्जा का संचार हुआ है। इसके अलावा करीब-करीब हर परिवार को शौचालय की सुविधा दी गई। आकांक्षी जिलों के लोगों के अंदर आगे बढ़ने की तड़प होती है।