Sunday, November 17, 2024
Homeदेश-समाजCM सरमा के मदरसा वाले बयान से भड़कीं महबूबा मुफ़्ती को आई संविधान की...

CM सरमा के मदरसा वाले बयान से भड़कीं महबूबा मुफ़्ती को आई संविधान की याद, कहा – मुख्यमंत्रियों में मुस्लिमों को ज्यादा परेशान करने की होड़

इस बात पर आगबबूला जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम ने कहा, "प्रतिस्पर्धा चल रही है, क्या वे गुजरात मॉडल, यूपी मॉडल लागू करना चाहते हैं या असम के मुख्यमंत्री ध्रुवीकरण की राजनीति में दो कदम आगे रहना चाहते हैं। वे इस देश की जड़ों को नेस्तनाबूत करने की बात कर रहे हैं। जिस संविधान पर यह देश टिका है, अब इसे अलग किया जा रहा है।"

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने सोमवार (23 मई, 2022) को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) पर निशाना साधा। महबूबा ने असम के सीएम पर मदरसा के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह सांप्रदायिक राजनीति में अपने साथियों से दो कदम आगे रहने की कोशिश कर रहे हैं। मुफ्ती ने यह टिप्पणी हिमंत बिस्वा सरमा के मदरसा पर दिए गए बयान के बाद की है।

दरअसल, हिमंत बिस्व सरमा ने रविवार (22 मई, 2022) को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि अब देश के सभी स्कूलों में एक समान और सामान्य शिक्षा पर जोर देना चाहिए। इस दौरान उन्होंने एक बार फिर मदरसों को खत्म करने की वकालत की थी। असम (Assam) के मुख्यमंत्री ने साथ ही यह भी कहा था कि मदरसा (Madrasa) शब्द का अस्तित्व पूरी तरह से खत्म हो जाना चाहिए। अब बच्चों को डॉक्टर, इंजीनियर, प्रोफेसर और वैज्ञानिक बनने के लिए पढ़ाई करनी चाहिए।

इस बात पर आगबबूला जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम ने कहा, “प्रतिस्पर्धा चल रही है, क्या वे गुजरात मॉडल, यूपी मॉडल लागू करना चाहते हैं या असम के मुख्यमंत्री ध्रुवीकरण की राजनीति में दो कदम आगे रहना चाहते हैं। वे इस देश की जड़ों को नेस्तनाबूत करने की बात कर रहे हैं। जिस संविधान पर यह देश टिका है, अब इसे अलग किया जा रहा है।”

पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने आगे कहा कि मुस्लिमों को परेशान करने के लिए भाजपा के मुख्यमंत्रियों के बीच होड़ लगी हुई है कि कौन इन्हें ज्यादा परेशान कर सकता है, इसलिए मंदिर और मस्जिद का मुद्दा उठाया जा रहा है और देश को गुजरात मॉडल, यूपी मॉडल, असम मॉडल और एमपी मॉडल में बदलने का प्रयास किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि आज भाजपा के नेता और मुख्यमंत्री अंग्रेजों की तरह व्यवहार कर रहे हैं। जिस तरह ब्रिटिश राज में हिंदुओं को मुस्लिमों के खिलाफ खड़ा किया गया था। उसी तरह आज भी लोगों को धर्म के नाम पर लड़ाया जा रहा है। मुस्लिमों को लगातार भड़काया जा रहा है ताकि ये लोग गुजरात या यूपी में उस तरह के एक और कांड को फिर से दोहरा सकें। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सब हालातों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खामोश हैं। वह देश के प्रधानमंत्री हैं, लेकिन उनकी चुप्पी पर उनकी पार्टी भाजपा समझती है कि वह जो कर रहे हैं, सब ठीक कर रहे हैं।

बता दें कि सीएम सरमा ने मदरसों को मानवता का दुश्मन बताते हुए रविवार (22 मई, 2022) को कहा था, “ये मदरसा शब्द ही विलुप्त हो जाना चाहिए। जब तक मदरसा दिमाग में घूमेगा तब तक बच्चा कभी डॉक्टर या इंजीनियर नहीं बन पाएगा। यदि ये बातें बच्चों को सिखाई जाएँ तो बच्चे खुद ही मदरसे में न जाएँ। मदरसे में बच्चों का दाखिला ही मानवाधिकार के उललंघन के लिए करवाया जाता है। आप खूब कुरान पढ़ाइए, लेकिन सबसे ज्यादा गणित और विज्ञान पढ़ाएँ। बच्चों को आप घर में मजहबी बातें पढ़ाएँ।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -