Thursday, November 14, 2024
Homeविविध विषयअन्यमृतकों की 'घर वापसी' के लिए मोदी सरकार तैयार, 40% तक घटा किराया

मृतकों की ‘घर वापसी’ के लिए मोदी सरकार तैयार, 40% तक घटा किराया

सरकार द्वारा एयर इंडिया से करार होने के बाद अब शवों को स्वदेश वापस लाने के किराए में लगभग 40 प्रतिशत की कमी आएगी और 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों के शव लाने में यह ख़र्च फ्लैट रेट का आधा होगा।

किसी अपने को खो देने का एहसास बेहद दु:खद होता है। दु:ख के इस दौर से लगभग सभी परिचित हैं। यह दु:ख उन परिस्थितियों में और अधिक बढ़ जाता है, जब किसी अपने को खो देने के बाद उनके अंतिम दर्शन तो दूर अंतिम संस्कार की प्रक्रिया से भी कुछ परिवार वंचित रह जाएँ।

जिनके प्रियजनों की मृत्यु विदेशों में हो जाती थी, उनके परिवारों के लिए यह एक बड़ी समस्या थी क्योंकि उन्हें स्वदेश लाने की क़ीमत बहुत अधिक होती थी।

विदेश से शवों को लाने संबंधी समझौते पर सहमति

मध्य पूर्व में रह रहे भारतीयों के लिए यह चुनौती ज्यादा गंभीर है। यहाँ भारतीय आबादी लगभग 80 लाख है। इनमें ज्यादातर श्रमिक ही हैं। आधिकारिक अनुमान के अनुसार यहाँ हर दिन औसतन 10 लोगों की मृत्यु हो जाती है। यहाँ मृत्यु के अधिकतर कारणों में प्राकृतिक या सड़क दुर्घटनाएँ शामिल हैं।

इन परिवारों के दर्द को समझते हुए भारतीय समुदाय के नेता पिछले कई वर्षों से इस मामले को उठा रहे थे और इसके लिए विदेश मंत्रालय की एयर इंडिया से अनेकों बार बैठकें भी हुई थीं। अब जाकर इसके परिणामस्वरूप एक आम सहमति बनी और इस मामले को सुलझाया गया। सरकार ने एयर इंडिया से विदेश में मृत भारतीय नागरिकों को वापस स्वदेश लाने के लिए परिवार से उनका किराया फ्लैट रेट पर लेने को कहा है।

शवों को स्वदेश लाने का ख़र्च 40% कम

जनसंख्या की बात की जाए तो यूएई में 33 लाख, सऊदी अरब में 27 लाख, कुवैत में 9 लाख, ओमान में 8 लाख, क़तर में 6.5 लाख जबकि बहरीन में 3.5 लाख भारतीय रहते हैं। मिडिल-ईस्ट में इतनी बड़ी भारतीय जनसंख्या के होने का मतलब है, वहाँ से आने वाले मृतकों की संख्या भी अधिक होना। इसे देखते हुए केंद्र सरकार द्वारा एयर इंडिया से करार होने के बाद शवों को लाने में परिवार वालों को पहले के बजाय अब कम खर्च पड़ेगा। केंद्र सरकार ने एयर इंडिया से जो करार किया है, उसके कारण शवों को देश लाने में अब लगभग 40 प्रतिशत तक कम खर्च आएगा। जबकि 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों के शव लाने में यह ख़र्च फ्लैट रेट का भी आधा होगा।

मिडिल ईस्ट के इन देशों से एयर इंडिया द्वारा स्वदेश लाए जाने वाले शवों का फ्लैट किराया भाड़ा अलग-अलग तय (करेंसी एक्सचेंज के वर्तमान रेट के आधार पर) किया गया है। पहले के मुकाबले शवों का फ्लैट किराया भाड़ा लगभग 40% तक कम है।

  • यूएई से ₹28,500
  • सऊदी अरब से ₹41,700
  • कुवैत से ₹40,900
  • ओमान से ₹29,400
  • क़तर से ₹42,800
  • बहरीन से ₹42,500

हाल ही में वाराणसी में हुए प्रवासी भारतीयों के कार्यक्रम में विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि विदेश से भारतीयों के शव को वापस लाना सरकार की प्राथमिकता है। 2016 से 2018 के बीच केंद्र सरकार द्वारा गरीब और ज़रूरतमंद परिवारों के सगे-संबंधियों के 486 शवों को भारत लाने में अब तक कुल ₹1.6 करोड़ ख़र्च किए जा चुके हैं।

इसके अलावा अधिकारी ने जानकारी दी कि एयरलाइंस वज़न के अनुसार किराया लेती है। ऐसे में हर शव का किराया तक़रीबन ₹50,000 से ₹1 लाख तक चला जाता है। एयरलाइंस इस वजह से भी अधिक किराया वसूलती है क्योंकि शवों को यात्रियों के सामानों के साथ कारगो में नहीं रखा जाता बल्कि इसके लिए अगल से व्यवस्था करनी पड़ती है। इस लिहाज़ से शव को अधिक जगह देने की व्यवस्था की जाती है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

भारत माता की मूर्ति क्यों उठवाई: मद्रास हाई कोर्ट ने तमिलनाडु पुलिस की कार्रवाई को बताया ‘अत्याचार’, कहा- BJP को वापस करो

मद्रास हाई कोर्ट ने तमिलनाडु पुलिस को निर्देश दिया है कि वो भाजपा कार्यालय से उठाई गई 'भारत माता' की मूर्ति को वापस करें।

अमेरिकी कैंपसों को ‘मेरिट’ वाले दिन लौटाएँगे डोनाल्ड ट्रंप? कॉलेजों को ‘वामपंथी सनक’ से मुक्त कराने का जता चुके हैं इरादा, जनिए क्या है...

ट्रम्प ने कहा कि 'कट्टरपंथी मार्क्सवादी सनकी' ने कॉलेजों में घुसपैठ की है और करदाताओं के पैसे को अपने वैचारिक एजेंडे को फैलाने में लगाया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -