Sunday, November 17, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयसरकारी जमीन पर जबरन नमाज, फिर बनवा दी दिवार: रोकने पर मुस्लिम भीड़ का...

सरकारी जमीन पर जबरन नमाज, फिर बनवा दी दिवार: रोकने पर मुस्लिम भीड़ का हमला, एक हिंदू की निजी जमीन पर भी ठोका दावा, वामपंथी पार्टी के दबाव में पुलिस बेबस

ऑपइंडिया के पास हाई कोर्ट के आदेश की कॉपी मौजूद है। जमीन सरकार की घोषित होने के बावजूद मुस्लिम पक्ष ने वहाँ नमाज़ पढ़नी बंद नहीं की। नमाज़ियों की पूरी टोली को मोहम्मद कैश और इब्राहिम राईन लीड करते रहे। रमज़ान आदि के महीनों में तो यहाँ इतनी भीड़ हो जाती थी कि बच्चों की पढ़ाई में बाधा आने लगी थी।

नेपाल के जनकपुर में मुस्लिम समुदाय द्वारा सरकारी जमीन पर अवैध कब्ज़ा करने की साजिश के बाद दो समुदायों के बीच सांप्रदायिक तनाव फैल गया है। मुस्लिम पक्ष द्वारा पुलिस की मौजूदगी में पत्थरबाजी की गई, जिसमें हिन्दू पक्ष के कई लोग घायल हो गए। घायलों में स्कूल में पढ़ने वाले छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल हैं।

मुस्लिम पक्ष के दबाव में एक योग शिविर का भी काम रोक दिया गया है। हालात को देखते हुए इलाके में फ़ोर्स तैनात कर दी गई है। घटना सोमवार (10 जून 2024) की है। ऑपइंडिया से बात करते हुए हिन्दू संगठन के सदस्यों ने इसे लैंड जिहाद बताया और वामपंथी पार्टियों द्वारा मुस्लिम पक्ष को समर्थन देने का आरोप लगाया है।

माँगी थी नमाज़ पढ़ने के लिए थोड़ी सी जगह

ऑपइंडिया को मिली जानकारी के मुताबिक, शिवपुर में एक सरकारी स्कूल है। भवन के आसपास काफी जमीन है, जो कि स्कूल की ही है। इस जमीन पर लगभग 16 साल पहले मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने नमाज पढ़नी शुरू कर दी थी। तब इस इलाके में मुस्लिम आबादी न के बराबर थी। 2-4 परिवार ही इस इलाके में हुआ करते थे। उन्होंने इबादत के लिए पहले स्कूल की बिल्डिंग चुनी।

लगभग 10 साल पहले स्कूल कम्पाउंड में किसी बात को लेकर हिन्दू और मुस्लिम पक्ष में विवाद हो गया था। तब से कुछ समय के लिए स्कूल के अंदर नमाज़ पढ़नी बंद हो गई थी। इस बीच जनकपुर में मुस्लिमों की तादाद लगातार बढ़ती रही। 10 साल पहले का विवाद शांत होने के बाद मुस्लिम पक्ष ने स्कूल के भवन के बजाय उसकी खाली पड़ी जमीन पर नमाज़ पढ़नी शुरू कर दी।

इसमें नमाज़ियों की तादाद बढ़ती चली गई। अब जनकपुर के शिवपुर इलाके में लगभग 70 से 80 घर मुस्लिमों के हो चुके हैं। इन्होंने अपनी खुद की मस्जिद भी बनवा डाली है। इसके बावजूद मुस्लिम पक्ष ने स्कूल की सरकारी जमीन पर नमाज़ पढ़ना बंद नहीं किया। कुछ साल पहले से मुस्लिमों ने इस सरकारी जगह को अपनी इबादतगाह वाली जगह बताना शुरू कर दिया है।

स्कूल के नाम पर है जमीन

हाईकोर्ट के आदेश को भी रख दिया ठेंगे पर

साल 2013 में स्कूल की जमीन को अपना बताते हुए मुस्लिम पक्ष के लोग जनकपुर हाईकोर्ट गए थे। यहाँ चली सुनवाई में हाईकोर्ट ने जमीन पर मुस्लिम पक्ष का दावा ख़ारिज कर दिया। न्यायाधीश ने यह जमीन सरकार की बताई और वहाँ किसी भी प्रकार के निजी निर्माण पर रोक लगा दी।

ऑपइंडिया के पास हाई कोर्ट के आदेश की कॉपी मौजूद है। जमीन सरकार की घोषित होने के बावजूद मुस्लिम पक्ष ने वहाँ नमाज़ पढ़नी बंद नहीं की। नमाज़ियों की पूरी टोली को मोहम्मद कैश और इब्राहिम राईन लीड करते रहे। रमज़ान आदि के महीनों में तो यहाँ इतनी भीड़ हो जाती थी कि बच्चों की पढ़ाई में बाधा आने लगी थी।

जो दिखा उसी पर बोला हमला

इस बीच सोमवार (10 जून 2024) को स्कूल वाली खाली जगह पर मुस्लिम समुदाय के लोगों की भीड़ जमा हो गई। भीड़ में 70 से 80 लोग शामिल बताए जा रहे हैं। इनमें बच्चे, बूढ़े और जवान के अलावा औरतें भी शामिल थीं। स्थानीय लोगों ने बताया कि वहाँ 2-3 दिन से चुपके-चुपके ट्रैक्टर-ट्रॉली से ईंटें और सीमेंट आदि गिरवा दिए गए थे और कारीगर बुलाकर सरकारी जमीन पर दीवार उठाया जा रहा था।

निर्माण अवैध बता कर स्कूल द्वारा रोकने की गुहार

स्कूल की जमीन पर मुस्लिम पक्ष द्वारा दीवार बनाते देखकर वहाँ के टीचर, छात्र-छात्राओं और आसपास के ग्रामीणों ने इसे अवैध निर्माण बताकर विरोध शुरू कर दिया। मामले की जानकारी मिलते ही मौके पर पुलिस के 2 जवान भी पहुँच गए। इस रुकावट की वजह से मुस्लिम पक्ष नाराज हो गया। उन्होंने स्कूल के पास जुटे ग्रामीणों और छात्रों पर हमला कर दिया।

हमले के दौरान लाठी-डंडे भांजे गए। हिन्दुओं के अलावा पुलिस पर भी पत्थरबाजी की गई। इस हमले में आधे दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए। घायलों में स्कूल के अंदर पढ़ रहे कुछ नाबालिग छात्र भी बताए जा रहे हैं। घटना की सूचना मिलते ही घटनास्थल पर अतिरिक्त पुलिस बल पहुँचा। आरोप है कि पुलिस ने पत्थरबाजी कर रहे मुस्लिमों पर कोई कार्रवाई नहीं की और उनको समझाती-बुझती रही।

स्कूल की जमीन पर खड़ा हुआ अवैध निर्माण

रुकवा दिया योग शिविर का भी निर्माण

घायल हिन्दुओं का अस्पताल में इलाज करवाया गया है। अभी तक किसी भी पत्थरबाज अथवा हमलावर की गिरफ्तारी नहीं हुई है। ऑपइंडिया ने इस मामले में हिन्दू सम्राट सेना के कुछ पदाधिकारियों से बात की। नाम नहीं छपने की शर्त पर उन्होंने बताया कि मुस्लिम पक्ष के लोगों को वामपंथी पार्टी (एमाले) का समर्थन हासिल है।

उन्होंने बताया कि मुस्लिम पक्ष से जब काम रोकने के लिए कहा गया तो उन्होंने स्कूल से थोड़ी दूर पर बन रहे योग शिविर पर आपत्ति दर्ज करवा दी। यह योग शिविर डॉक्टर प्रमोद यादव अपनी निजी जमीन पर बनवा रहे थे। प्रमोद ने अपनी तरफ से तमाम सफाई और जमीन निजी होने के कागजात भी दिखाए। इसके बावजूद प्रशासन ने प्रमोद के योग शिविर पर अस्थाई तौर पर पाबंदी लगा दी है।

हिन्दू सम्राट सेना के पदाधिकारियों ने चेतावनी दी है कि मुस्लिमों को खुश करने के लिए रोके गए योग शिविर का काम फिर से शुरू नहीं हुआ तो वो आंदोलन करेंगे। फ़िलहाल प्रशासन ने योग शिविर के कागजात मँगवाए हैं। मुस्लिम पक्ष द्वारा जो छोटी सी दीवार स्कूल की जमीन पर खड़ी की है, वो अभी भी बरकरार है। हिन्दू संगठनों ने इस निर्माण को अवैध बताते हुए तत्काल ध्वस्त करने की माँग की है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

राहुल पाण्डेय
राहुल पाण्डेयhttp://www.opindia.com
धर्म और राष्ट्र की रक्षा को जीवन की प्राथमिकता मानते हुए पत्रकारिता के पथ पर अग्रसर एक प्रशिक्षु। सैनिक व किसान परिवार से संबंधित।

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -