Monday, November 18, 2024
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त्रयंबकेश्वर मंदिर में घुस कर शिवलिंग पर चादर चढ़ाने की कोशिश, सतर्क सुरक्षाकर्मियों ने मुस्लिमों को रोका: मंदिर के पास ही चल रहा था उर्स का मजहबी आयोजन

इस संबंध में मंदिर प्रशासन ने स्थानीय पुलिस थाने को पत्र भी लिखा है। इसमें शनिवार (13 मई, 2023) को रात में 9:41 बजे हुई इस घटना के संबंध में बताया गया है।

कुछ मुस्लिमों ने महाराष्ट्र के नासिक स्थित त्रयम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में घुस कर शिवलिंग पर चादर चढ़ाने की कोशिश की, लेकिन सतर्क सुरक्षा गार्ड्स ने उनके इस कुत्सित प्रयास को विफल कर दिया। वो जबरन मंदिर के भीतर घुसना चाह रहे थे। इस घटना के बाद से इलाके में तनाव बढ़ गया है और ‘ब्राह्मण महासभा’ ने इसकी गहरी जाँच की माँग की है। बता दें कि भगवान शिव का ये मंदिर द्वादश ज्योतिर्लिंगों में आता है।

सुरक्षकर्मियों ने इन मुस्लिमों को मंदिर के अंदर प्रवेश करने से रोक दिया। जो मुस्लिम भीतर घुसने का प्रयास कर रहे थे, वो अपने मजहबी कार्यक्रम उर्स में शामिल होने के लिए आए थे। लेकिन, सतर्क सुरक्षाकर्मियों और मुस्तैद मंदिर प्रशासन ने उनकी मंशा पर पानी फेर दिया। फिर स्थिति को नियंत्रित भी कर लिया गया। आरोपितों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की माँग की जा रही है। पुलिस द्वारा कार्रवाई न होने पर पुजारियों ने विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है।

इस संबंध में मंदिर प्रशासन ने स्थानीय पुलिस थाने को पत्र भी लिखा है। इसमें शनिवार (13 मई, 2023) को रात में 9:41 बजे हुई इस घटना के संबंध में बताया गया है। मंदिर के उत्तरी द्वार से कुछ ही दूरी पर उर्स का आयोजन चल रहा है। वहीं से कुछ मुस्लिमों ने मंदिर में एंट्री लेने की कोशिश की। इस पत्र में लिखा है कि सदियों से ये परंपरा चली आ रही है कि मंदिर में सिर्फ हिन्दुओं को ही प्रवेश देने की अनुमति रही है, जिनकी हिन्दू धर्म में आस्था नहीं है उन्हें नहीं।

देवस्थान ट्रस्ट ने पुलिस से इस मामले में जाँच शुरू कर कार्रवाई करने के लिए कहा है। लिखा है कि इस घटना से सामाजिक तानेबाने को नुकसान पहुँच सकता है। आगे इस तरह की घटना न हो, इसके लिए व्यवस्था करने के लिए भी निवेदन किया गया है। ये मंदिर नीलगिरि, ब्रह्मगिरि और कलागिरि की पहाड़ियों के बीच में स्थित है। मंदिर में ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतिनिधित्व करते हुए 3 लिंग स्थापित हैं। मुग़ल बादशाह औरंगजेब द्वारा ध्वस्त किए जाने के बाद पेशवा बालाजी बाजीराव ने इसका पुनर्निर्माण करवाया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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