Tuesday, November 5, 2024
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महाराष्ट्र कॉन्ग्रेस: राधाकृष्ण पाटिल के बाद अब्दुल सत्तार ने भी दिया MLA पद से इस्तीफा, BJP में शामिल होने की अटकलें

लोकसभा चुनाव में कॉन्ग्रेस के बेहद ख़राब प्रदर्शन प्रदर्शन से निराश पार्टी नेता महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना के गठजोड़ की लगातार बढ़त को देखते हुए, आगामी विधानसभा चुनाव से पहले कॉन्ग्रेस की डूबती नाव छोड़कर कहीं और ठाँव ढूँढने लगे हैं। और इस समय बीजेपी से मजबूत ठिकाना किसी भी नेता को नज़र नहीं आ रहा है।

लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कॉन्ग्रेस की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। अब पार्टी को महाराष्ट्र से एक और झटका लगा है, जहाँ पार्टी विधायक राधाकृष्ण विखे पाटिल ने अपने पद से मंगलवार (जून 4, 2019) को इस्तीफा दे दिया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ऐसी सम्भावना है कि वह महाराष्ट्र में कैबिनेट विस्तार से पहले बीजेपी में शामिल हो सकते हैं।

पाटिल महाराष्ट्र में कॉन्ग्रेस विधायक दल के नेता पद से पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं। इस्तीफा देने के बाद राधाकृष्ण विखे पाटिल ने कहा, “मैंने लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी के लिए प्रचार भी नहीं किया था। मुझे हाईकमान पर संदेह नहीं है। उन्होंने मुझे विपक्ष का नेता बनाकर अच्छा मौका दिया था। मैंने अच्छा काम करने की कोशिश की, लेकिन हालात ने मुझे इस्तीफा देने पर मजबूर कर दिया है।”

एक तरफ कहाँ कॉन्ग्रेस की लोकसभा में हार के बाद राहुल गाँधी के इस्तीफे की चर्चा थी, वह तो नहीं हुआ लेकिन अलग-अलग राज्यों में हार की ज़िम्मेदारी लेते हुए इस्तीफों का सिलसिला जारी है। ऐसा भी कहा जा रहा है कि कुछ नेता पार्टी के भविष्य को लेकर सशंकित हैं। इसलिए कॉन्ग्रेस से इस्तीफा देकर अपने लिए बीजेपी में मुकाम ढूँढ रहे हैं।

कॉन्ग्रेस की समस्या को और बढ़ाते हुए, पाटिल के साथ पूर्व मंत्री अब्दुल सत्तार ने भी कॉन्ग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने तो यहाँ तक दावा किया कि जल्द ही 8-10 और विधायक भी कॉन्ग्रेस पार्टी छोड़ बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। इन घटनाओं को देखने से एक बात स्पष्ट है कि लोकसभा चुनाव में कॉन्ग्रेस के बेहद ख़राब प्रदर्शन प्रदर्शन से निराश पार्टी नेता महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना के गठजोड़ की लगातार बढ़त को देखते हुए, आगामी विधानसभा चुनाव से पहले कॉन्ग्रेस की डूबती नाव छोड़कर कहीं और ठाँव ढूँढने लगे हैं और इस समय बीजेपी से मजबूत ठिकाना किसी भी नेता को नज़र नहीं आ रहा है। इस तरह से लगातार कॉन्ग्रेस की हालत पतली और बीजेपी मजबूत होती जा रही है।

गौरतलब है कि राधाकृष्ण विखे पाटिल के बेटे सुजय विखे पाटिल भी कॉन्ग्रेस छोड़कर कुछ समय पहले ही सीएम देवेंद्र फड़नवीस की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हो गए थे। वैसे राधाकृष्ण विखे पाटिल के नेता प्रतिपक्ष के पद छोड़ने की सबसे बड़ी वजह अहमदनगर लोकसभा सीट को बताया जा रहा है। इस सीट से वो अपने बेटे के लिए टिकट माँग रहे थे। लेकिन ये सीट एनसीपी के खाते में चली गई। इसके चलते पहले उनके बेटे ने पार्टी छोड़ी और अब राधाकृष्ण विखे पाटिल ने विधायक पद से भी दे दिया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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