चीनी सेना PLA ने इसकी पुष्टि की है पिछले हफ्ते अरुणाचल प्रदेश से लापता हुए पाँच युवक उनके क्षेत्र में पाए गए हैं। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने एक ट्वीट में जानकारी दी है कि अरुणाचल के इन पाँचों अगवा युवकों को भारत को वापस सौंपने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा, “चीन के पीएलए ने भारतीय सेना द्वारा भेजे गए हॉटलाइन संदेश का जवाब दिया है। उन्होंने पुष्टि की है कि अरुणाचल प्रदेश से लापता युवकों को उनके क्षेत्र में पाया गया है। युवकों को भारत को सौंपने की प्रक्रिया चल रही है।”
China’s PLA has responded to the hotline message sent by Indian Army. They have confirmed that the missing youths from Arunachal Pradesh have been found by their side. Further modalities to handover the persons to our authority is being worked out.
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) September 8, 2020
गौरतलब है कि एक दिन पहले ही, सोमवार को चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने अरुणाचल से लापता हुए युवकों के बारे में कोई जानकारी होने से साफ़ मना किया था। पूर्वी लद्दाख में जारी तनाव के बीच चीनी प्रवक्ता ने उल्टे इस मुद्दे पर भड़काऊ बयान देते हुए अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा करार दिया था।
अरुणाचल प्रदेश पुलिस ने हाल ही में कहा था कि उन्हें चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) द्वारा कथित रूप से अपहरण कर लिया गया था। दरअसल, अपर सुबनसिरी जिले के नाचो क्षेत्र के पाँच ग्रामीण, जो कि 7 सदस्यीय समूह का हिस्सा थे, जंगल में शिकार के लिए गए थे। ये युवक सेना के लिए कुली और गाइड का काम करते थे। उनके परिवारों द्वारा इनके पिछले शुक्रवार को सोशल मीडिया के माध्यम से लापता होने की सूचना दी गई थी।
समूह के दो सदस्य घर लौटे और उन्होंने बाकी के 5 युवकों के परिवारों को बताया कि सेरा-7 से चीन के सैनिक उन्हें ले गए। सेरा-7 सेना का गश्ती क्षेत्र है जो नाचो के उत्तर में 12 किमी की दूरी पर स्थित है। नाचो मैकमोहन लाइन पर अंतिम प्रशासनिक क्षेत्र है और यह जिला मुख्यालय दापोरजियो से 120 किमी की दूरी पर स्थित है।
इस पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने सोमवार को बीजिंग में एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि चीन ने कभी अरुणाचल प्रदेश को मान्यता नहीं दी है, जो चीन का दक्षिणी तिब्बत इलाका है। भारतीय सेना के पीएलए को भारतीयों को छोड़ने के लिए संदेश भेजने के सवाल पर प्रवक्ता ने कहा था कि उनके पास अभी इस बात की कोई जानकारी नहीं है।
प्रवक्ता ने कहा कि मुझे उस स्थिति के बारे में जानकारी नहीं है, जब लापता भारतीय नागरिकों के बारे में किसी भी अद्यतन के बारे में पूछा गया था।
चीनी मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स का प्रलाप
भारतीय सेना द्वारा चीन की और से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को तोड़ने और गोलीबारी करने के आरोपों के खंडन किए जाने के कुछ ही घंटों बाद, चीनी राज्य द्वारा प्रायोजित मीडिया ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने ट्विटर पर अपनी मानसिक दशा का नमूना पेश किया है।
ट्विटर पर चीनई कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने ‘विक्टिम कार्ड’ खेला और दावा किया कि चीन सीमा गतिरोध को बढ़ावा नहीं देना चाहता। इसने आगे दावा किया कि भारत को चीन की ‘सद्भावना’ को उनकी कमजोरी समझने के भ्रम में नहीं रहना चाहिए।
ग्लोबल टाइम्स ने लिखा, “चीन भारत के साथ सीमा युद्ध नहीं चाहता है। लेकिन अगर भारतीय पक्ष चीन की सद्भावना की गलत व्याख्या करता है और वार्निगं शॉट्स के साथ पीएलए को रोकना चाहता है, तो इसके गलत परिणाम होंगे। फिर चीन युद्ध टालने की खातिर कभी पीछे नहीं हटेगा।” दिलचस्प बात यह है कि यह चीन ही था, जिसने सैन्य अभ्यास के बहाने अपने सैनिकों को भारतीय सीमा की ओर ले जाकर एलएसी पर वर्तमान सीमा पार करने का दुस्साहस किया।
चीनी मुखपत्र ‘ग्लोबल टाइम्स’ का ट्वीट एक धमकी भरे संदेश के रूप में था। इसने भारत को ‘लाइन पार’ करने के बदले चेतावनी दी है और दोहराया है कि किसी भी तरह के उकसावे के गंभीर परिणाम होंगे।
ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है, “हमें भारत को गंभीरता से चेतावनी देनी चाहिए: आपने रेखा पार कर ली है! आपके सीमावर्ती सैनिकों ने लाइन पार कर ली है! आपके राष्ट्रवादी विचार ने लाइन पार कर ली है! चीन के प्रति आपकी नीति ने रेखा को पार कर दी है! आप पीएलए और चीनी लोगों को अति-आत्मविश्वास से उकसा रहे हैं – यह एक चट्टान के किनारे को हाथ से रोकने जैसा है!”
#环球时报Editorial: #China doesn’t want a border war with #India. But if the Indian side misinterprets China’s goodwill and intends to deter the PLA with warning shots, its moves will backfire. China will never concede for the sake of avoiding a war. https://t.co/XToN8MwQVQ pic.twitter.com/iWlUsZZZbC
— Global Times (@globaltimesnews) September 8, 2020
चीनी मुखपत्र द्वारा इस्तेमाल किए गए ये पाँच विस्मयादि बोधक चिन्ह भारत में हास्य का विषय बने हुए हैं।