जम्मू-कश्मीर में आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद की ओर से संभावित खतरे को देखते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने गुरुवार को दिल्ली लौटने से पहले कश्मीर घाटी में सुरक्षा व्यवस्था की व्यापक समीक्षा की। बता दें कि अजीत डोभाल ने जम्मू एवं कश्मीर में बड़े आतंकी हमले की आशंका जताए जाने के बाद एक बार फिर इस केंद्र शासित राज्य का दौरा किया।
क्योंकि, हाल ही में मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, खुफिया एजेंसियों से मिली सूचना व अन्य रिपोर्टो में बताया गया है कि नियंत्रण रेखा और अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान की तरफ से 450 से 500 आतंकवादी राज्य में घुसने के लिए घात लगाए बैठे हैं। पाकिस्तान कश्मीर में अशांति फैलाने की लगातार कोशिश में लगा है। डोभाल ने सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट रहने और काउंटर इंफिल्ट्रेशन ग्रिड को मजबूत रखने का आदेश दिया।
Jammu & Kashmir: National Security Advisor (NSA), Ajit Doval also asked security forces to be on high alert on the borders and strengthen the counter infiltration grid in view of reports about large scale infiltration attempts. https://t.co/TVMMUTKvdQ
— ANI (@ANI) September 26, 2019
रिपोर्ट्स के अनुसार, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने गुरुवार को कश्मीर में अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की और सुरक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए कि आतंकवाद निरोधक अभियान में और तेजी लाएँ। साथ ही जम्मू-कश्मीर के आम लोगों के जीवन में सुधार के लिए भी काम करें।
Jammu & Kashmir: National Security Advisor (NSA), Ajit Doval, who was on one and a half day visit to Kashmir Valley, chaired a high-level meeting in Srinagar today. He reviewed the law and order situation, and position of essential services and supplies in Kashmir valley. pic.twitter.com/g2Mu7bDwwC
— ANI (@ANI) September 26, 2019
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को कश्मीर पहुँचे डोभाल ने सुरक्षा अधिकारियों और नौकरशाहों के साथ कई बैठकें कीं। जिस दौरान उन्होंने यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि आतंकवादी समूहों से भयभीत हुए बगैर आम आदमी अपनी दिनचर्या का ठीक तरीके से पालन कर सके इसका खयाल रखा जाए।
रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों ने बताया कि एनएसए ने सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और अधिकारियों को निर्देश दिए कि आतंकवाद के खिलाफ अभियान के दौरान सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि नागरिकों के जानमाल को नुकसान नहीं पहुँचे। उन्होंने कहा कि यह पहल इन खबरों के बाद की गई है कि आतंकवादी नागरिकों, सेब उत्पादकों को धमका रहे हैं, दुकानों को बंद रखने के लिए कहकर, जबर्दस्ती कर्फ्यू जैसी स्थिति पैदा कर रहे हैं।
बता दें कि नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने की घोषणा करने के बाद एनएसए ने अपनी पहली यात्रा के दौरान कश्मीर में 11 दिनों तक डेरा डाला था। उस दौरान डोभाल ने सुनिश्चित किया था कि सरकार के निर्णय के बाद जम्मू-कश्मीर में हिंसा की कोई घटना नहीं हो।