ब्रिटेन में रह रहे खालिस्तान समर्थक अवतार सिंह खांडा (Avatar Singh Khanda) की बर्मिंघम (Birmingham, England) के एक अस्पताल में मौत हो गई है। खांडा हाल ही में जेल भेजे गए खालिस्तानी अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) का हैंडलर भी था और उसे 37 दिनों तक छिपने में मदद की थी। खांडा NIA की मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में शामिल था।
बताया जा रहा है कि की खांडा को पिछले सप्ताह बर्मिंघम के सिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। वह ICU में लाइफ सपोर्ट पर था। पिछले कुछ दिनों से उसकी हालत नाजुक बनी हुई थी। आखिरकार उसने देर रात को दम तोड़ दिया। उसे पहली स्टेज का ब्लड कैंसर था। यह भी संदेह जाहिर किया गया कि खांडा को जहर दिया गया था।
खांडा लंदन में भारतीय दूतावास पर हुए हमले का मुख्य आरोपित था और राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) उसे प्रत्यर्पित कर भारत लाने की लगातार कोशिश में जुटी हुई थी। खालिस्तान समर्थक ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के संस्थापक दीप सिद्धू से भी खांडा की काफी अच्छी बातचीत थी।
खांडा ने साल 2019 में लंदन में स्थित भारतीय दूतावास पर लगे तिरंगे को उतार दिया। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। इतना ही नहीं, अमृतपाल की गिरफ्तारी के बाद भी खांडा ने लंदन में प्रदर्शन का नेतृत्व किया था। बम बनाने में महारथी खांडा का पूरा परिवार खालिस्तान आंदोलन से जुड़ा हुआ है।
यह भी कहा जाता है कि अमृतपाल को पंजाब भेजने और ‘वारिस पंजाब दे’ का मुखिया बनाकर खालिस्तान आंदोलन को धार देने की कोशिश के पीछे भी यही खांडा था। खांडा खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (KLF) के आतंकी कुलवंत सिंह खुकराना का बेटा है और KLF की लंदन इकाई का प्रमुख था।
खांडा खालिस्तान का समर्थन करने वाले संगठनों को भी एक करने का प्रयास कर रहा था। उसने सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू (Gurpatwant Singh Pannu) से भी हाथ मिलाया था। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि खांडा खालिस्तानी आतंकी जगतार सिंह तारा और परमजीत सिंह पम्मा का बेहद करीबी था।
अवतार सिंह खांडा पंजाब के मोगा जिले का रहने वाला था। साल 1988 में रोडे गाँव स्थित भिंडरावाले के घर में खांडा का जन्म हुआ था। उसी साल खांडा के चाचा बलवंत सिंह खुकराना को सुरक्षाबलों ने एक एनकाउंटर में मार गिराया था। 3 मार्च 1991 को उसके पिता कुलवंत सिंह खुकराना का भी एनकाउंटर हो गया।
अवतार के मामा गुरजंत सिंह बुधसिंहवाला खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (KLF) का प्रमुख था। 22 साल की उम्र में साल 2007 में जब खांडा पढ़ाई के लिए ब्रिटेन गया तो वहाँ वह खालिस्तानियों से संपर्क में आ गया और खालिस्तान मूवमेंट का सक्रिय सदस्य बन गया। इसके बाद 2012 में उसने वहाँ शरण ले लिया।
2015 में भारत ने ब्रिटिश सरकार को भारत विरोधी कुछ लोगों के नाम सौंपे थे। इनमें अवतार सिंह खांडा का नाम भी शामिल था। खांडा का परिवार मोगा में ही रहता है। उसकी माता चरनजीत कौर एक स्कूल में टीचर है। उसकी एक बहन भी है, जो स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करती है।