भारत और पाकिस्तान नियंत्रण रेखा पर अब गोलीबारी नहीं होगी। दोनों देशों के डीजीएमओ यानी डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन के बीच आज हॉटलाइन पर हुई बातचीत में बॉर्डर पर शांति बनाए रखने के लिए सहमति बनी है। इसके साथ ही, दोनों देश हॉटलाइन से संपर्क रखने और सीमा पर होने वाली फ्लैग मीटिंग पर भी सहमत हुए हैं। इसके जरिए किसी गलतफहमी को दूर करने में मदद मिलेगी और तनावपूर्ण स्थिति को भी काबू में रखा जा सकेगा।
बता दें कि दोनों देशों के बीच 2003 का युद्धविराम समझौता अब सख्ती से लागू होगा। और इसी समझौते के तहत भारत और पाकिस्तान की सेना ने इसे मानने और एलओसी पर सीजफायर की कड़ी निगरानी करने को लेकर सहमति जताई। बातचीत के दौरान जिन फैसलों पर सहमति बनी, वे 24-25 फरवरी की आधी रात लागू होंगे। दोनों पक्षों ने एक जॉइंट स्टेटमेंट में कहा कि बातचीत बेहद सौहार्दपूर्ण वातावरण में हुई और काफी सफल रही।
भारत-पाकिस्तान के एक संयुक्त बयान में इस बातचीत से जुड़ी जानकारी दी गई। संयुक्त बयान के मुताबिक, “इस वार्ता में सीमाओं के साथ पारस्परिक रूप से लाभप्रद और स्थायी शांति प्राप्त करने के हित में दोनों DGsMO एक-दूसरे के प्रमुख मुद्दों और चिंताओं पर ध्यान देने के लिए सहमत हुए। जिनमें शांति भंग करने और हिंसा को कम करने की बात कही गई है।”
Director Generals of Military Operations of India & Pakistan held discussions over the established mechanism of hotline contact. The two sides reviewed the situation along the Line of Control and all other sectors in a free, frank and cordial atmosphere: Joint statement
— ANI (@ANI) February 25, 2021
संयुक्त बयान में बताया गया, “दोनों पक्षों ने सभी समझौतों, समझ और नियंत्रण रेखा पर संघर्षविराम की स्थिति का कड़ाई से पालन करने के लिए 24/25 फरवरी 2021 की मध्यरात्रि से नियंत्रण रेखा और अन्य सभी क्षेत्रों में गोलीबारी न करने पर आपसी सहमति जताई है।”
बयान में यह भी कहा गया है कि, “दोनों पक्षों ने दोहराया कि किसी भी अप्रत्याशित स्थिति या गलतफहमी को हल करने के लिए हॉटलाइन संपर्क और बॉर्डर फ्लैग मीटिंग के मौजूदा तंत्र का उपयोग किया जाएगा।”
गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम 2003 में लागू हुआ था। हालाँकि, पाकिस्तान लगातार युद्धविराम का उल्लंघन करता आया है। साल 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति मुशर्रफ के बीच ये समझौता हुआ था, लेकिन आतंकियों को पनाह देने वाला पाकिस्तान अक्सर आतंकवादियों की भारत में घुसपैठ कराने की कोशिश करता आया है और यह किसी से छिपा नहीं है। इसी कारण वह युद्धविराम का उल्लंघन करता आया है।
उल्लेखनीय है कि सीजफायर तोड़ने के मामले में पाकिस्तान ने 2020 में पिछले 17 साल के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। इस साल पाकिस्तान की तरफ से 5,133 से ज्यादा बार सीजफायर तोड़ा जा चुका है। 2019 में 3,479 बार सीजफायर का उल्लंघन हुआ था। 2018 में 2,140 बार सीजफायर का उल्लंघन किया गया था।