गुजरात (Gujrat) के कच्छ स्थित भारत पाकिस्तान की सीमा के बीच स्थित सर क्रीक (हरामी नाला) (Harami Nala) से एक बार फिर से पाकिस्तानियों के घुसपैठ करने की आशंकाएँ प्रबल हो गई हैं। यहाँ से सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने 18 फरवरी 2022 को मछली पकड़ने वाली 7 पाकिस्तानी नौकाओं को बरामद किया है। इसको लेकर BSF के गुजरात फ्रंटियर के इंस्पेक्टर जनरल जीएस मलिक ने कहा कि ये सात नावें पिछले सप्ताह घुसपैठ करने वाली 22 नावों में से ही हैं।
देश गुजरात की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले सप्ताह बीएसएफ को 22 पाकिस्तानी नावों में 11 मिली थीं, जिन्हें सुरक्षा बलों ने अपने कब्जे में ले लिया था। इन सात नावों को मिलाकर जब्त की गई कुल नावें 18 हो गई हैं। इस ऑपरेशन को बीएसएफ, नेवी और एयरफोर्स ने मिलकर पूरा किया था। इन नावों से खाने के सामग्री और सड़ी हुई मछलियों को बरामद किया है।
हरामी नाला और इसका विवादित इतिहास
हरामी नाला गुजरात के कच्छ को पाकिस्तान से अलग करने वाला एक चैनल है। इसका यह नाम कथित तौर पर इसकी उन भौगोलिक विशेषताओं के कारण रखा गया है, जिससे यह पाकिस्तान से आतंकियों और घुसपैठियों को आने का आसान सा मार्ग देता है। इस नाले में बड़ी संख्या में कीमती मछलियाँ पाई जाती है, जिसकी लालच में आए दिन पाकिस्तानी यहाँ पर घुसपैठ करते हैं। भारत से वियान क्रीक उत्तर दिशा में घूमकर पाकिस्तान में जाती है औऱ फिर यह पूर्व की तरफ मुड़ जाती है औऱ भारत में आ जाती है। यही वो प्वाइंट है, जिसे हरामी नाला कहते हैं। हालाँकि, यहाँ से यह नाला दो धाराओं में बँटकर एक पाकिस्तान की सीमा में चला जाता है। इसी के कारण पाकिस्तान से घुसपैठ आसान हो जाती है।
गुजरात के भुज क्षेत्र में हरामी नाले को सर क्रीक के नाम से जाना जाता है। यह 22 किलोमीटर लंबा और 8 किलोमीटर चौड़ा उथले पानी का समुद्री इलाका है। यह पूरी तरह से दलदली क्षेत्र है जो कि सालभर नौकायन के लायक रहता है। सर क्रीक को लेकर लंबे समय से भारत पाकिस्तान के बीत विवाद है। पाकिस्तान इस पर अपना दावा करता है। हालाँकि, संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत भारत इस मसले पर सही है।
गौरतलब है कि सर क्रीक (हरामी नाला) का दलदली क्षेत्र सीमा किसी भी आर्म्ड फोर्स के लिए बेहद चुनौती भरा है। बावजूद इसके बीते 75 सालों से बीएसएफ इसकी सफलतापूर्वक सुरक्षा करता आ रहा है। देश की आजादी से पहले कच्छ के माहाराजा राव साहिब के कंट्रोल में था। वहीं इसकी सीमाएँ सिंध से लगती थीं, जो आज पाकिस्तान का इलाका है।
दोनों राज्यों के बॉर्डर्स का निर्णय करने के लिए वर्ष 1914 बॉम्बे गवर्नमेंट रिजोल्यूशन पास किया गया। जिसके पैरा नंबर 9 औऱ 10 का हवाला देते हुए पाकिस्तान पूरे क्रीक पर अपना अधिकार जताता है। जबकि भारत थालवेग्स थ्योरी का पालन करता है, जो कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जल क्षेत्रों की सीमाओं को निर्धारित करता है। इसके मुताबिक, नौवहन योग्य जल क्षेत्र होने पर जल क्षेत्र में दोनों देशों की सीमाओं को माना जा सकता है। ऐसे में भारत इसके आधे हिस्से पर अपना अधिकार मानता है, जो सही है।