ज़्यादा दिन नहीं हुए जब चीन और भारत की सेनाओं की टुकड़ियाँ भारत, चीन और भूटान के बीच स्थित डोकलाम में आमने-सामने आ गईं थीं और दोनों के बीच हाथापाई भी हुई थी। तनाव बढ़ा तो चिंता यह भी होने लगी कि परमाणु हथियारों और आईसीबीएम मिसाइलों से लैस दोनों देशों में युद्ध की स्थिति न आ जाए।
आज चीन भारत को उसी के आँगन उत्तराखंड के मुहाने पर जिस तरह से घेरने की कोशिश कर रहा है, उससे वैसे ही हालात दोबारा पैदा होने का खतरा मँडराने लगा है। चीन उत्तराखंड की भारत-नेपाल सीमा स्थित लिपुलेख पास के बेहद करीब अपना बेस बनाने में जुटा है। यह भारत, चीन और नेपाल की तिहरी सीमाओं के बेहद करीब और उत्तराखंड राज्य की उत्तर-पूर्वी सीमा पर है।
#Breaking | China continues to provoke India. Signs of a military buildup in Uttarakhand after Ladakh & Arunachal Pradesh.
— TIMES NOW (@TimesNow) November 13, 2019
TIMES NOW’s Srinjoy Chowdhury with details. Listen in. pic.twitter.com/DEIXnPSki6
टाइम्स नाउ के नेशनल अफेयर्स एडिटर सृंजॉय चौधरी की रिपोर्ट के अनुसार चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने लिपुलेख पास के बेहद करीब कई सारी सैन्य सुविधाओं और आधारभूत ढाँचे का निर्माण किया है। इसमें एक हेलीपैड, एक सोलर पैनल और एक लॉन्ग रेंज रेकनाइसेन्स एंड ऑब्ज़र्वेशन सिस्टम (लोर्रस) शामिल है। इसके अलावा उसके द्वारा दो सर्विलांस कैमरे लगाने की बात का भी उल्लेख रिपोर्ट में है।
रिपोर्ट में इसके अलावा चीन के गांसु प्रान्त में एक नया सैन्य बेस बनाए जाने की भी बात कही गई है। इस हवाई बेस में मेंटेनेंस हैंगर और 20 पार्किंग हैंगर हैं। इस बेस के करीब स्थानीय सैन्य हवाई ब्रिगेड के मध्यम लिफ्ट के हेलीकॉप्टरों को भी देखा गया है।
चीन की ये सभी हरकतें एक-दूसरे से जुड़ीं हुईं हैं। वह भारत को सभी ओर से घेर कर अलग-थलग कर देने की फ़िराक में है ताकि किसी सैन्य टकराव की स्थिति में भारत की सहायता को पड़ोसी देश भी न हों और हर ओर से घिरा होने के कारण किसी दूर के सहयोगी के लिए भी मदद पहुँचाना दूभर हो जाए। इसी नीति के तहत भारत-विरोध पर बने और पल रहे पाकिस्तान को शह देने के अलावा श्रीलंका, चीन, भूटान, बांग्लादेश समेत सभी देशों के भीतर वह विरोधी तत्वों को शह देता रहता है।