रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा LAC के पास 44 महत्वपूर्ण पुलों के उद्घाटन के एक दिन बाद ही चीन की बौखलाहट सामने आ गई है। चीन ने बयान जारी करते हुए कहा है कि भारत ने लद्दाख को गैरकानूनी रूप से संघशासित प्रदेश घोषित किया है। साथ ही चीन द्वारा लद्दाख में इन 44 स्ट्रैटजिक रूप से महत्वपूर्ण पुलों को लेकर विरोध भी दर्ज कराया गया है।
चीन की खिसियाहट का प्रमुख कारण यह है कि भारत ने ऐसे पुल तैयार कर लिए हैं, जिससे सीमा पर चीन को धूल चटाने के लिए पुख्ता इंतजाम और आसानी से किए जा सकेंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में बनाए गए 44 पुलों को सोमवार को राष्ट्र को समर्पित किया था।
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— Geeta Mohan گیتا موہن गीता मोहन (@Geeta_Mohan) October 13, 2020
China says it doesn't "recognise" #Ladakh as Indian territory and asks India to refrain from "ramping up" infrastructure.
This even as China herself has been building infrastructure…#IndiaChinaStandoff #Ladakh #India #China@MFA_China 👇 https://t.co/KjOon6vHBk pic.twitter.com/efcBERY0l7
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान (Zhao Lijian) ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि दोनों ही पक्षों को ऐसे कदम नहीं उठाने चाहिए जिससे सीमा पर स्थितियाँ गंभीर हों।
गौरतलब है कि चीन की तरफ से यह बयान दोनों देशों के बीच सातवें चरण की सैन्य वार्ता के ठीक एक दिन बाद जारी किया गया है। चीन के सरकारी अखबार में प्रकाशित एक खबर के मुताबिक झाओ ने कहा, “चीन गैरकानूनी रूप से बनाए गए संघशासित प्रदेश लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश को मान्यता नहीं देता। हम विवादित क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रचर बनाने का भी विरोध करते हैं।”
बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार (अक्टूबर 12, 2020) को सीमा सड़क संगठन या बीआरओ (BRO) द्वारा निर्मित 44 पुलों का औपचारिक रूप से उद्घाटन किया था। रिपोर्ट के अनुसार, ये 44 पुल बीआरओ द्वारा बनाए जा रहे 102 पुलों में से हैं। ये पुल भारत के सबसे भारी युद्धक टैंकों की आवाजाही को आसान करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एक अधिकारी ने बताया कि जिन 44 पुलों का उद्घाटन किया गया है उनमें से 30 पुल लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक वास्तविक नियंत्रण रेखा के रास्ते में हैं। ये क्लास 70 के पुल हैं; ऐसे पुलों के लिए ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है जिसके बाद वह 70 टन वाहनों के वजन को आसानी से सहन कर सकते हैं।
44 Bridges made by BRO across 7 States/ UTs (J&K-10 Ladakh-8 HP-2 Punjab-4 Uttarakhand-8 Arunachal-8 Sikkim-4) will be dedicated to the Nation by Raksha Mantri Shri @rajnathsingh in a short while from now. pic.twitter.com/zZZW3aTIsR
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) October 12, 2020
गौरतलब है कि भारत का सबसे भारी युद्धक अर्जुन टैंक लगभग 60 टन का है। वहीं चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के वास्तविक नियंत्रण रेखा से पीछे न हटने के अड़ियल रुख को देखते हुए भारत ने लगभग 45 टन वाले T-90 भीष्म टैंक को पूर्वी लद्दाख सेक्टर के कई स्थानों में स्थानांतरित कर दिया था।
सेना के अनुसार, ये पुल कनेक्टिविटी में सुधार करेंगे और सैनिकों व सहायक तत्वों के तेजी से विकास की क्षमता देंगे जिससे कि एलएसी पर किसी भी स्थिति का माकूल जवाब देने के लिए सशस्त्र बलों की क्षमता में काफी बढ़ोतरी होगी।