Monday, December 23, 2024
Homeरिपोर्टराष्ट्रीय सुरक्षाम्यांमार के आतंकियों को हथियार देकर उन्हें भारत के खिलाफ उकसा रहा चीन, नॉर्थ-ईस्ट...

म्यांमार के आतंकियों को हथियार देकर उन्हें भारत के खिलाफ उकसा रहा चीन, नॉर्थ-ईस्ट को फिर अशांत करने की साजिश

चीन लंबे समय से म्यांमार के आतंकी संगठन अराकान आर्मी को समर्थन देता रहा है। हालांकि, जो हथियार जब्त हुए उनका इस्तेमाल फिलहाल यह संगठन नहीं करता। इससे शक और भी गहरा जाता है कि इन्हें भारत के उग्रवादियों के लिए ही भेजा गया था।

चीन लगातार भारत में तनाव बढ़ाने में जुटा है। अब इसके लिए यह म्यांमार के विद्रोहियों को हथियार देकर उन्हें भारत के खिलाफ उकसा रहा है। ऐसा करके यह पूर्वोत्तर के राज्यों में अशांति फैलाना चाहता है। नीदरलैंड के एमस्टर्डम आधारित थिंक टैंक यूरोपियन फाउंडेशन फॉर साउथ एशियन स्टडीज (ईएफएसएएस) ने अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया है।

इसमें कहा गया है कि बीते दिनों म्यांमार में थाईलैंड की सीमा के पास मेइ ताओ इलाके में चीन के हथियारों का एक बड़ा जखीरा पकड़ा गया। जाँच में पाया गया कि ये हथियार भारत के पूर्वोत्तर के उग्रवादी संगठनों के लिए भेजे गए थे।

चीन लंबे समय से म्यांमार के आतंकी संगठन अराकान आर्मी को समर्थन देता रहा है। हालांकि, जो हथियार जब्त हुए उनका इस्तेमाल फिलहाल यह संगठन नहीं करता। इससे शक और भी गहरा जाता है कि इन्हें भारत के उग्रवादियों के लिए ही भेजा गया था। ये सभी हथियार चीन के यूनाइटेड वा स्टेट आर्मी और काचिन इंडिपेंडेंस आर्मी ने तैयार किए हैं। इसकी भी पुष्टि हुई है।

म्यांमार में पूर्वाेत्तर के उग्रवादी संगठनों ने शरण ली है

भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के कई उग्रवादी संगठनों ने म्यांमार में शरण ले रखी है। म्यांमार की अराकान आर्मी भारतीय उग्रवादियों की मदद करते हैं। खास तौर पर म्यांमार के राखिने राज्य में यह आतंकी समूह भारतीय उग्रवादियों को शह देते हैं। भारत ने अपनी ‘एक्ट ईस्ट’ पॉलिसी के तहत पूर्वोत्तर राज्यों में ढाँचागत सुविधाएँ मजबूत की है। यहां के उग्रवादियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, इन बातों से चीन की भारत के खिलाफ रणनीति पर असर पड़ा है और वह अब भारत के खिलाफ उग्रवादियों को शह दे रहा है।

भारतीय सुरक्षा एजेंसी सक्रिय हुईं

थाइलैंड में भारत की राजदूत सुचित्रा दुरई ने 20 जुलाई को थाइलैंड के तक राज्य के गवर्नर से बातचीत की थी। उनसे मेइ ताओ में पकड़े गए चीनी हथियारों के बारे में चर्चा की। इस बीच भारतीय सुरक्षा एजेंसियाँ भी सक्रिय हो गई हैं और थाइलैंड और म्यांमार के अफसरों के संपर्क में है। भारत चीन से भेजी गई हथियारों की खेप के बारे में और ज्यादा जानकारी हासिल करने में जुट गया है।

भारत ने अराकान आर्मी के खिलाफ किया था ऑपरेशन

भारत-म्यांमार की आर्मी ने अराकान आर्मी के सदस्यों के खिलाफ पिछले साल मार्च में ऑपरेशन किया थ। इन उग्रवादियों से कालादान मल्टी ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट को खतरा था। इस प्रोजेक्ट को भारत के दक्षिण-पूर्व एशिया में गेटवे के तौर पर देखा जा रहा है। हालाँकि, भारतीय सेना ने इस ऑपरेशन के दौरान सीमा पार नहीं की थी। ऑपरेशन का मकसद अराकान आर्मी के सदस्यों को नेस्तनाबूद करना था। अधिकारी ने बताया कि अराकान आर्मी के सदस्य मिजोरम सीमा से सटे इंटरनेशनल बॉर्डर के काफी करीब आ गए थे।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

किसी का पूरा शरीर खाक, किसी की हड्डियों से हुई पहचान: जयपुर LPG टैंकर ब्लास्ट देख चश्मदीदों की रूह काँपी, जली चमड़ी के साथ...

संजेश यादव के अंतिम संस्कार के लिए उनके भाई को पोटली में बँधी कुछ हड्डियाँ मिल पाईं। उनके शरीर की चमड़ी पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।
- विज्ञापन -