चीनी सैनिक अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। दक्षिणी लद्दाख के न्योमा क्षेत्र स्थित चांगथांग गाँव में कुछ चीनी सैनिक भारतीय सीमा में घुस आए। ये क्षेत्र लेह से 135 किलोमीटर पूर्व में स्थित है। वहाँ के लोगों ने रविवार (दिसंबर 20, 2020) को चीनी सैनिकों की इस घुसपैठ का वीडियो भी बना कर जारी किया है। ये सभी चीनी सैनिक आम लोगों की वेशभूषा में अंदर घुसे थे। वो चीनी PLA की वर्दी में नहीं थे।
TOI की खबर के अनुसार, उन्होंने भारतीय सीमा में घुस कर यहाँ के पशुपालकों को हड़काना चाहा। चरवाहों को उनके जानवरों को चराने से मना किया गया। हालाँकि, स्थानीय लोगों ने न सिर्फ उन्हें भगा दिया, बल्कि ITBP को भी इस हरकत की पूरी सूचना दे दी। चीनी सैनिक 2 गाड़ियों में भर कर आए थे। वो सिविल ड्रेस में थे, लेकिन उनके पास कहीं और रुकने पर काम आने वाले सारे साजो-सामान थे। स्थानीय लोगों के विरोध के बाद उन्हें वापस जाना पड़ा।
इसकी सूचना मिलते ही ITBP के जवान सक्रिय हुए और इन चीनी सैनिकों का सामना करने के लिए पहुँचे। हालाँकि, अभी तक ITBP का इस सम्बन्ध में कोई बयान नहीं आया है। लेकिन, चीनी घुसपैठ का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। अब वो सारे चीनी सैनिक वापस अपने क्षेत्र में भाग खड़े हुए हैं। रुषपो वैली में समुद्र तल से 14,600 मीटर की ऊँचाई स्थित चांगथांग में अधिकतर तिब्बती शरणार्थी रहते हैं।
पैंगोंग त्सो में भारत और चीन की सैनिकों के बीच हुए संघर्ष को 8 महीने बीत चुके हैं, ऐसे में चीन अब भी घुसपैठ की कोशिशों में लगा हुआ है। इस दौरान सीमा पर शांति-व्यवस्था कायम करने के लिए दोनों देशों के कूटनीतिज्ञों और सैन्य अधिकारियों के बीच कई स्तरों की बातचीत हुई। LAC (लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल) पर स्थिति अब तो शांत है और भारतीय सशस्त्र बलों ने महत्वपूर्ण चोटियों पर डेरा डाला हुआ है, लेकिन चीन अब भी सुधरा नहीं है।
उधर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने जनरल झाओ जोंगकी की जगह जनरल झांग जुडोंग को भेजा है, जिन्हें भारतीय सीमा के पास तैनाती का कोई अनुभव नहीं है। झाओ को ही भारत-चीन सीमा पर पूर्वी लद्दाख में चले 7 महीने के तनाव के लिए जिम्मेदार माना जाता है। 2017 में डोकलाम विवाद के समय भी उनका ही रोल सामने आया था। उन्हें भारत और भूटान का कट्टर विरोधी माना जाता है। फ़िलहाल वो वेस्टर्न थिएटर कमांड में कार्यरत थे।
Chinese President Xi Jinping replaces PLA commander who started Ladakh standoff; fingers crossed in Delhi
— Hindustan Times (@htTweets) December 21, 2020
(report by Shishir Gupta) https://t.co/d358Wuv732 pic.twitter.com/wcympw8PwV
भारत अब अगली वार्ता का इंतजार कर रहा है, जिसमें चीनी सैन्य अधिकारियों के बातचीत करने के तरीके से पता चलेगा कि उसके रुख में कोई बदलाव आया है या नहीं। फ़िलहाल इस कदम को भारत सकारात्मक रूप में देख रहा है। जनरल झांग की कोई व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा नहीं है और वो प्रोफेशनल रूप से निर्णय लेंगे, ऐसा चीनी मीडिया का कहना है। झाओ 65 वर्ष की रिटायरमेंट उम्र तक पहुँचने के बावजूद पद पर बने हुए हैं।
हाल ही में केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि ये नहीं हो सकता कि सीमा पर गड़बड़ी हो और बाक़ी रिश्ते सामान्य बने रहें। भारत ने अपनी तरफ से मामले को समेटने की पूरी कोशिश की है। दोनों देशों के बीच कुछ एग्रीमेंट हैं, जिनका चीन द्वारा पालन नहीं किया गया, जिसकी वजह से समस्या उत्पन्न हुई। उन्होंने कहा कि पिछले 30-40 साल में भारत-चीन के संबंध संभवत: सबसे मुश्किल दौर में हैं। हमारे समझौतों में ये तय था कि दोनों देश में से कोई सीमा पर बड़ी तादाद में सेना को लेकर न आएगा। लेकिन, चीन ने इस सहमति को तोड़ा।