गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर पर हमला करने वाले मुर्तजा अब्बासी की गिरफ्तारी के पास से जिहादी दस्तावेज भी बरामद हुए थे। इनमें से एक किताब अरबी में भी थी, जिसमें कुछ शब्द हाईलाइट किए गए थे। इन शब्दों की पड़ताल से पता चला है कि इनका इस्तेमाल मुर्तजा आतंकी आकाओं से बातचीत के लिए कोडवर्ड के तौर पर करता था।
दैनिक भास्कर ने ऐसे 7 कोडवर्ड को लेकर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। इसमें बताया गया है कि एटीएस को इनके मायने पता करने में कामयाबी मिल गई है। ये कोडवर्ड ऐसे अरबी शब्द हैं जिनका हिंदी में अर्थ उड़ान, अब्दुल्ला, संघर्ष, आकाश, खटमल और बख्शीश से है।
मसलन, मुर्तजा ने ‘रिहलत तयारान’ शब्द को हाईलाइट कर रखा था। इसका अर्थ ‘उड़ान’ होता है। इसको फ्लाइट से जोड़ कर देखा जा रहा है। ऐसे ‘अल जिहाद’ भी है। इसे देश में इस्लामी हुकूमत लाने की लड़ाई से जोड़कर देखा जा रहा। एक अन्य शब्द ‘समाउन’ है जिसका मतलब आकाश से है। इसे जन्नत से जोड़कर देखा जा रहा है। मुर्तजा को आतंकी आका बातचीत में ‘अब्दुल्ला’ के नाम से बुलाते थे। इसका मतलब अल्लाह का बंदा होता है।
कुछ अन्य शब्दों में ‘दइफुन’ है जिसका मतलब ‘मेहमान’ से है। यह कोडवर्ड तब प्रयोग होता था जब मुर्तजा से मिलने के लिए किसी को आना होता था। फंडिंग के लिए ‘बख्शीश’ का इस्तेमाल होता था तो पुलिस के लिए ‘खटमल’ का, जिसे अरबी में ‘बक अलफिराशी’ कहते हैं। इन कोडवर्ड के बारे में अधिक जानकारी जुटाने के लिए ATS मुर्तजा अब्बासी को लखनऊ जेल में बंद गजवा-उल-हिंद संगठन के आतंकियों से मिलवाएगी। इस आतंकी संगठन के सदस्य के रूप में प्रमुख चेहरा जेल काट रहा मिन्हाज है। ATS को मुर्तजा के भी अल कायदा समर्थित गजवा-उल-हिंद से जुड़े होने का शक है।
लड़की की मेल से शुरू हुआ खेल
एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक शुरुआत में मुर्तजा को एक लड़की का ई-मेल आया था। उसने खुद को ISIS कैम्प से बताया था। लड़की ने अपनी फोटो भेज कर मुर्तजा से मिलने का वादा किया। इस बीच मुर्तजा ने उस लड़की को 40 हजार रुपए भी ट्रांसफर किए। अपनी पढ़ाई के दौरान मुर्तजा ने एप डेवलपमेंट का भी कोर्स किया था। वह ‘जरिमा’ नाम से एक जेहादी एप भी बनाने में लगा था। जरिमा का मतलब ‘जुल्म’ होता। इस एप के जरिए वह अपनी सोच के लोगों को एक प्लेटफॉर्म पर लाना चाहता था। अपने साथ मिलाना चाह रहा था। फिलहाल वह पीर2पीर एप का इस्तेमाल करता था।
गौरतलब है कि 3 अप्रैल को आईआईटी से केमिकल इंजीनियर 30 वर्षीय अहमद मुर्तजा अब्बासी ने गोरखनाथ मंदिर परिसर में सुरक्षाकर्मियों हमला कर दिया था। इस हमले में पीएसी के दो कॉन्स्टेबल घायल हो गए थे। अन्य सुरक्षाकर्मियों ने उसे पकड़कर उसके हथियार को जब्त कर लिया था। अब तक जो तथ्य सामने आए हैं उससे पता चला है कि उसके आईएसआईएस से लिंक थे। उसने बीते डेढ़ साल में लगभग 8 लाख रुपए नेपाल के बैंकों के माध्यम से ISIS का गढ़ कहे जाने वाले सीरिया भेजे थे।