Sunday, December 22, 2024
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रामेश्वरम कैफे हमले के आतंकियों का ISIS से कनेक्शन, पाकिस्तान से हमले का आ रहा था निर्देश: NIA ने किया खुलासा, क्रिप्टोकरेंसी में मिल रही थी फंडिंग

अब्दुल मतीन ने अपने एक दोस्त हुसैन शाज़िब के साथ अल हिन्द ट्रस्ट के लिए काम शुरू किया। साल 2020 में अल हिंद ट्रस्ट पर आतंकी गतिविधियों को चलाने के आरोप में केस दर्ज हुआ था। यह केस दर्ज होते ही अब्दुल मतीन ने अपने साथी सहित बेंगलुरु छोड़ दिया। बाद में जनवरी 2023 में इन्ही दोनों ने रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट की साजिश रचने में प्रमुख भूमिका निभाई।

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे में गिरफ्तार आरोपितों के संबंध पाकिस्तान और कुख्यात आतंकी संगठन ISIS से मिले हैं। इसका खुलासा राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने किया है। फरवरी 2023 में हुए इस आतंकी हमले में एजेंसी ने मुसाविर हुसैन शाजिब, अब्दुल मथीन अहमद ताहा, माज मुनीर अहमद और मुजम्मिल शरीफ को आरोपित करते हुए चार्जशीट दाखिल की थी। ये सभी अपने पाकिस्तानी हैंडलर के निर्देश पर भारत में हमलों के योजना पर काम कर रहे थे।

शुक्रवार (15 नवंबर 2024) को हुए इस खुलासे में आरोपितों के अंतर्राष्ट्रीय आतंकी नेटवर्क से जुड़े होने की बात कही गई है। इस धमाके का मुख्य आरोपित अभी भी फरार है। हालाँकि, चार आरोपित अभी जेल में हैं। उसके पाकिस्तान में होने की आशंका जताई जा रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट को कुल 6 आतंकियों ने मिलकर अंजाम दिया था। ये सभी ISIS से जुड़े हुए हैं।

मुसाविर हुसैन शाजिब, अब्दुल मथीन अहमद ताहा, माज मुनीर अहमद और मुजम्मिल शरीफ ने बम धमाके की बाकायदा ट्रेनिंग भी ली थी। एक हफ्ते तक चली इस ट्रेनिंग में आरोपितों ने विस्फोटक बनाने की सामग्री ऑनलाइन खरीदी थी। इसके बाद रेकी करके धमाके की जगह तलाशी गई। आतंकियों में अब्दुल मतीन ताहा इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था।

मूलतः शिवमोगा जिले का रहने वाला अब्दुल मतीन सोशल मीडिया के जरिए आतंकी संगठनों से जुड़ा था। साल 2017 में वह टारगेट किलिंग केस में 5 साल की सजा काट कर निकले शोएब अहमद मिर्जा से मिला था। ताहा का सम्पर्क जेल में बंद मोहम्मद शाहिद फैज़ल से भी बताया जा रहा है। फैज़ल युवाओं को कट्टरपंथी बना रहे संगठन अल हिन्द ट्रस्ट का संचालक था।

अब्दुल मतीन ने अपने एक दोस्त हुसैन शाज़िब के साथ अल हिन्द ट्रस्ट के लिए काम शुरू किया। साल 2020 में अल हिंद ट्रस्ट पर आतंकी गतिविधियों को चलाने के आरोप में केस दर्ज हुआ था। यह केस दर्ज होते ही अब्दुल मतीन ने अपने साथी सहित बेंगलुरु छोड़ दिया। बाद में जनवरी 2023 में इन्ही दोनों ने रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट की साजिश रचने में प्रमुख भूमिका निभाई।

पहले यह धमाका 22 जनवरी 2023 को बेंगलुरु भाजपा मुख्यालय पर अयोध्या में श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दिन करने की योजना था। हालाँकि, उस दिन भारी पुलिस बल की तैनाती की वजह से आरोपित अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाए। आखिरकार कई असफल प्रयासों के बाद आरोपितों ने बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे में ब्लास्ट की तैयारी की।

29 फरवरी 2023 को मुसव्विर हुसैन ने इस कैफे में विस्फोटक रखा, जिसमें दोपहर लगभग 1:07 पर ब्लास्ट हो गया। इस धमाके में ग्राहकों और कैफे के स्टाफ आदि मिलाकर कई लोग जख्मी हो गए थे। सितंबर 2024 को दायर NIA की चार्जशीट में मुसाविर हुसैन शाजिब, अब्दुल मथीन अहमद ताहा, माज मुनीर अहमद और मुजम्मिल शरीफ के नाम हैं।

इन सभी पर IPC की विभिन्न धाराओं सहित UAPA, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और पीडीएलपी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत कार्रवाई की गई है। इन सभी को विदेश में बैठे आतंकी ऑपरेट कर रहे थे। कोड के तौर पर महबूब पाशा कहा जाता था। तलहा और शाज़िब को उनके विदेशी हैंडलर्स क्रिप्टो करेंसी के जरिए पैसे पहुँचा रहे थे। इन पैसों का उपयोग बेंगलुरु में आतंकी हरकतों को अंजाम देने में होना था।

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राहुल पाण्डेय
राहुल पाण्डेयhttp://www.opindia.com
धर्म और राष्ट्र की रक्षा को जीवन की प्राथमिकता मानते हुए पत्रकारिता के पथ पर अग्रसर एक प्रशिक्षु। सैनिक व किसान परिवार से संबंधित।

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