राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल (Ajit Doval) ने सीमा पार आतंकवाद और आईएसआईएस (ISIS) से प्रेरित आतंकवाद को मानवता के खिलाफ सबसे बड़ी चुनौती करार दिया। उन्होंने कहा कि इस्लाम में जिहाद का मतलब इंद्रियों और अहंकार के खिलाफ लड़ाई है, न कि निर्दोषों के खिलाफ।
उन्होंने कहा कि अतिवाद और कट्टरता, धर्म का बिगड़ा हुआ रूप हैं। इनके खिलाफ लड़ाई को धर्म विशेष के लिए टकराव के तौर पर नहीं देखना चाहिए। डोभाल ने नई दिल्ली में मंगलवार (29 नवंबर 2022) को भारत और इंडोनेशिया के बीच एक दूसरे के धर्म के प्रति शांति और सामाजिक सद्भाव को बनाए रखने में उलेमाओं की भूमिका पर आयोजित चर्चा के दौरान यह बात कही।
इस दौरान इंडोनेशिया के एनएसए महमूद मोहम्मद भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि युवकों की ऊर्जा को सही दिशा देने की ज़रूरत है। मजहब का संकीर्ण प्रयोग नहीं होना चाहिए। प्रोपेगेंडा और नफरत से निपटने के लिए उलेमा को टेक्नोलोजी का भी प्रयोग करना चाहिए। इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में हेट स्पीच, पक्षपात, प्रोपेगेंडा, हिंसा और धर्म के दुरुपयोग का कोई स्थान नहीं।
उन्होंने भारत व इंडोनेशिया के बीच पारस्परिक शांति और सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देने में उलेमाओं की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस्लाम के मूल सहिष्णु और उदारवादी सिद्धांतों पर लोगों को शिक्षित करने और प्रगतिशील विचारों से अवगत कराने में उलेमाओं की अग्रणी भूमिका है। डोभाल ने कहा, “दोनों देश (भारत और इंडोनेशिया) आतंकवाद और अलगाववाद के शिकार रहे हैं। हालाँकि, हमने चुनौतियों पर काफी हद तक काबू पा लिया है, लेकिन सीमा पार आतंकवाद और आईएसआईएस प्रयोजित आतंकवाद आज भी एक खतरा बना हुआ है।”
डोभाल ने इंडोनेशिया में हाल ही में आए भूकंप में मारे गए लोगों के प्रति भी संवेदना जाहिर की। एनएसए ने कहा, ”इंडोनेशिया में हाल ही में आए भूकंप से जान-माल के नुकसान से हम सभी को दुख हुआ है। हमें भूकंप पीड़ितों और उनके परिवारों के प्रति गहरी संवेदना है। हम घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं। दुख की इस घड़ी में भारत इंडोनेशिया के साथ खड़ा है।