Monday, December 23, 2024
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चीन से AIIMS पर हुआ साइबर अटैक, 5 सर्वर किए हैक: स्वास्थ्य मंत्रालय के हवाले से रिपोर्टों में बताया, 4 करोड़ लोगों का डाटा चोरी होने की बात आई थी सामने

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर (Rajeev Chandrasekhar) ने इसे बड़ी साजिश माना था। उन्होंने आशंका जताई थी कि इसके पीछे बड़े संगठित गैंग हो सकते हैं। AIIMS सर्वर अटैक कोई सामान्य अटैक नहीं है। यह एक बड़ी साजिश का हिस्सा है।

दिल्ली के AIIMS के सर्वरों को चीन से हैक किया गया था। बुधवार (14 दिसंबर 2022) को सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है। बता दें कि 23 नवंबर से अस्पताल के पाँच प्रमुख सर्वरों को है किया गया है, जिसे दुरुस्त करने का काम जारी है। इसकी जाँच NIA कर रही है।

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधिकारी का कहना है कि AIIMS में कुल 100 सर्वर हैं, जिनमें 40 फिजिकल और 60 वर्चुअल सर्वर हैं। जो 40 फिजिकल सर्वर हैं, उन्हीं में पाँच प्रमुख सर्वरों को हैक कर लिया गया है। इसके पहले खबर आई थी कि चीन ने AIIMS के लगभग 4 करोड़ लोगों का डेटा चुरा लिया है और इसे डार्क वेब पर बेच दिया है। इन डेटा में राजनेता, सेलिब्रिटी और बड़े अधिकारियों के डिटेल शामिल हैं।

हैकरों ने AIIMS के पाँच सबसे महत्वपूर्ण सर्वरों को निशाना बनाते हुए उन्हें हैक कर लिया था। इसके बदले हैकरों ने AIIMS से 200 करोड़ रुपए की फिरौती क्रिप्टोकरेंसी में माँगी थी। अब सामने आया है कि हैक किए गए डेटा को इंटरनेट के गुप्त हिस्से डार्क वेब पर इन्हें बेच दिया गया है। कहा जाता है कि डार्क वेब पर AIIMS डेटा के नाम से 1600 बार सर्च किया गया है।

ANI ने अपनी रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा कि स्थिति और बुरी हो सकती थी, लेकिन उससे पहले ही उस पर काबू पा लिया गया। जिन पाँच सर्वरों को हैक किया गया है, उनके डेटा को फिर से हासिल कर लिया गया है। सूत्र का कहना है कि यह एक साजिश के तहत की गई है।

बता दें कि सर्वर पर रैंसमवेयर अटैक की जाँच NIA और दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटजिक ऑपरेशन (IFSO) कर रही है। हैकरों ने सर्वरों को निशाना बनाने के बाद इसे बहाल करने के लिए AIIMS से 200 करोड़ रुपए की फिरौती माँगी थी। फिरौती भी उन्होंने क्रिप्टोकरेंसी में माँगी थी। 

कहा जा रहा है कि साइबर अटैक का उद्देश्य देश की मेडिकल सेवाओं को ठप करना और फिरौती की रकम वसूल करना था। इस हमले के बाद देश की सुरक्षा एजेंसियाँ चौकन्नी हो गई हैं, क्योंकि AIIMS में हाई प्रोफाइल लोगों का भी इलाज होता है और उनके स्वास्थ्य से संबंधित डिटेल होता है। साइबर हमले से स्वास्थ्य सेवाएँ ठप हो जाती हैं और की मरीजों की जान खतरे में आ जाती है। मेडिकल डेटा ना मिलने से मरीजों के जरूरी ऑपरेशन रुक जाते हैं।

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर (Rajeev Chandrasekhar) ने इसे बड़ी साजिश माना था। उन्होंने आशंका जताई थी कि इसके पीछे बड़े संगठित गैंग हो सकते हैं। AIIMS सर्वर अटैक कोई सामान्य अटैक नहीं है। यह एक बड़ी साजिश का हिस्सा है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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