दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार राजीव शर्मा के बारे में एक और खुलासा किया है। दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के डीसीपी संजीव कुमार यादव ने बताया कि यह शख्स बार-बार जगह बदल कर मुलाकात कर रहा था। उन्होंने खास कर 2016 से 2018 के बारे में बताया कि देश के बाहर अलग-अलग जगहों पर यह चीन के खुफिया अधिकारियों से मुलाकात कर खुफिया दस्तावेज और अहम जानकारी दी।
Journalist Rajeev Sharma was involved in passing sensitive defence & strategic information to Chinese intelligence officers from 2016 to 2018. He used to meet them at several locations in different countries: Sanjeev Kumar Yadav, DCP, Special Cell Delhi Police. https://t.co/Sxjp4ngVpj pic.twitter.com/QJivOL8xBF
— ANI (@ANI) September 19, 2020
स्पेशल सेल के डीसीपी संजीव कुमार यादव ने बताया, “पत्रकार राजीव शर्मा 2016 से 2018 तक चीनी खुफिया अधिकारियों को संवेदनशील रक्षा और रणनीतिक जानकारी देने में शामिल था। वह विभिन्न देशों में कई स्थानों पर उनसे मिलता था।”
Journalist Rajeev Sharma has disclosed his involvement in procurement of secret/sensitive information & further conveying the same to his Chinese handlers namely Michael & George, based in Kunming, China, through different digital channels: Deputy Commissioner of Police, Delhi https://t.co/Sxjp4ngVpj
— ANI (@ANI) September 19, 2020
दिल्ली पुलिस उपायुक्त ने बताया कि पत्रकार राजीव शर्मा ने गुप्त / संवेदनशील जानकारी की सूचना में अपनी भागीदारी का खुलासा किया है। उसने चीन के कुनमिंग शहर के माइकल और जॉर्ज नाम के चीनी खुफिया एजेंट से विभिन्न डिजिटल प्लेटफॉर्मों के माध्यम से संपर्क करता था। चीन यात्रा के दौरान उनका सारा खर्च माइकल ने ही वहन किया था। इस दौरान बातचीत में माइकल और जॉर्ज ने राजीव शर्मा से भारत-चीन संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर जानकारी देने के लिए कहा था।
जानकारी के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने बताया कि चीनियों को गोपनीय सूचना देने के आरोप में गिरफ्तार राजीव शर्मा को बीते एक साल में 40-45 लाख रुपए मिले थे। शर्मा को प्रत्येक सूचना के बदले 1000 डॉलर मिलते थे।
चीनी खुफिया अधिकारियों ने पत्रकार को ज्यादा से ज्यादा खुफिया जानकारी मुहैया कराने को कहा था। इसके बदले उसे पैसे के साथ लग्जरी होलीडे पैकेज का भी ऑफर दिया गया था। इन खुफिया जानकारी में आर्मी से जुड़ी जानकारी, डिफेंस सिस्टम से जुड़ी, भारत की विदेश नीति के साथ दलाई लामा के बारे में भी जानकारी माँगी गई थी। काम के बदले पेमेंट करने के लिए चीनियों ने नेपाल के कुछ लोगों के साथ मिल कर शेल कंपनी बना रखी थी। इसी से पैसा भारत में ट्रांसफर होता था।
गौरतलब है कि स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस ने इस मामले में एक चीनी महिला और उसके नेपाली सहयोगी को भी गिरफ्तार किया था। राजीव शर्मा पर सुरक्षा संबंधी दस्तावेजों को चीन की खुफिया एजेंसी के साथ साझा करने का आरोप है।
शर्मा को रक्षा सम्बन्धी गोपनीय दस्तावेज़ों के साथ ‘ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट’ के तहत गिरफ्तार किया गया था। वहीं चीनी महिला और उसके नेपाली सहयोगी को शर्मा को शेल कंपनियों के जरिए पैसा देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
राजीव शर्मा दिल्ली के पीतमपुरा का रहने वाला है। वह यूनाइटेड न्यूज़ ऑफ़ इंडिया, द ट्रिब्यून, फ्री प्रेस जर्नल समेत कई समाचार समूहों में बतौर पत्रकार काम कर चुका है। पिछले 2 दशकों से वह बतौर पत्रकार रक्षा क्षेत्र और विदेशी मामलों से जुड़ी ख़बरें करता था। पत्रकार आदित्य राज कौल के अनुसार राजीव शर्मा चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स (समाचार पत्र) के लिए स्तम्भ भी लिखा करता था। चीनी समाचार पत्र के लिए स्तम्भ लिखने का सिलसिला पिछले कई सालों से जारी था।