हाल ही में शुक्रवार (फ़रवरी, 22 2019) को यूपी के देवबंद से जैश के दो संदिग्ध आतंकियों को हिरासत में लिया गया। इनके पकड़े जाने के बाद से ही एटीएस की पूछताछ इनसे जारी है। रविवार (फ़रवरी 24, 2019) को उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने संदिग्ध से लगातार 4 घंटे की पूछताछ की। इस पूछताछ में कई हैरान करने वाले खुलासे हुए हैं।
इस पूछताछ में इन दोनों संदिग्धों ने पुलवामा हमले के बाद सुरक्षाबलों द्वारा मारे गए मास्टरमाइंड अब्दुल रशीद गाजी से जुड़े होने की बात को भी स्वीकारा है। जाँच कर्ताओं ने दावा किया है कि इन दोनों के सेलफोन से वायस मैसेज मिला है जिसमें इन दोनों में से एक आतंकी ‘बड़े काम’ और ‘सामान’ से जुड़ी बात कर रहा है। इस बातचीत में ‘सामान’ को हथियारों और विस्फोटकों से जोड़ा जा रहा है।
पूछताछ में आतंकियों से प्राप्त जानकारियों को यूपी पुलिस ने जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह के साथ साझा किया है। टाइम्स ऑफ इंडिया से हुई बातचीत में डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि दोनों आतंकियों ने जैश के संबंधों को स्वीकारा किया है और साथ ही कुछ जरूरी जानकारी भी दी है, जो उम्मीद है भविष्य में काम आएगी।
एटीएस, पुलिस महानिरिक्षक असीम अरूण ने बताया कि शहनवाज ने कहा है कि वो आतंकी गतिविधियों में पिछले 18 महिनों से जुड़ा हुआ है जबकि आक़िब को इससे जुड़े 6 महीने हुए हैं। चार घंटे चली पूछताछ में मालूम चला है कि संदिग्ध आतंकी ब्लैकबेरी मैसेंजर और वर्चुअल नंबर का इस्तेमाल कर अपने संदेशों को एक दूसरे तक पहुँचाते थे। इन्ही संदेशों के ज़रिए यह कुछ बड़ी घटना को अंजाम देने की तैयारी कर रहे थे।
साथ ही एटीएस की जाँच में सामने आया है कि इन आतंकियों के मोबाइल में ऐसे ऐप डाउनलोड थे, जो प्ले स्टोर पर मौजूद ही नहीं हैं। इसके ज़रिए ही वह अपने साथियों के संपर्क में आते थे। बता दें कि आतंकियों के इस मॉड्यूल और संगठन के अन्य सदस्यों के बारे में भी अहम सुराग एटीएस के हाथ लगे हैं।