Monday, November 18, 2024
Homeरिपोर्टराष्ट्रीय सुरक्षाअसम में उल्फा-I के 8 उग्रवादियों ने किया आत्मसमर्पण: भारी मात्रा में हथियार बरामद

असम में उल्फा-I के 8 उग्रवादियों ने किया आत्मसमर्पण: भारी मात्रा में हथियार बरामद

असम पुलिस के खुफिया विंग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस साल 18 अक्टूबर तक 54 आतंकवादियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है, जिसमें से 42 उल्फा (आई) के थे।

असम में प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (आई) को हाल के दिनों में काफी बड़ा झटका लगा है। संगठन के काफी संख्या में कैडर आत्मसमर्पण कर राष्ट्र की मुख्यधारा में शामिल हो चुके हैं। बता दें कि अर्धसैनिक बलों और भारतीय सेना के संयुक्त अभियान के बाद उल्फा (आई) के आठ उग्रवादियों ने असम के तिनसुकिया जिले में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। अधिकारियों ने शनिवार (अक्टूबर 26, 2019) को इसकी सूचना दी।

तिनसुकिया के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आर काकोटी ने बताया कि उल्फा (आई) के आठ कैडरों ने आत्मसमर्पण किया है। इनमें से दो कैडरों ने गुरुवार (अक्टूबर 24, 2019) को आत्मसमर्पण किया, जबकि छ: ने शुक्रवार (अक्टूबर 25, 2019) को दो अलग-अलग अभियानों में आत्मसमर्पण किया।

आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादियों की पहचान फोमन मोरन, मिंटू मोरन, प्राणजीत मोरन, राजीब मोरन, मिलनज्योति महंता, कल्याण बैरवा, प्रांजल काकती और बिजित कांति बोरा के रूप में हुई है।

पुलिस के मुताबिक उनके पास से आठ एके सीरीज राइफलें, जिंदा गोला बारूद और दो हैंड ग्रेनेड बरामद किए गए। पुलिस उप महानिरीक्षक पीके भुइयां ने कहा कि आने वाले दिनों में और भी उल्फा (आई) कैडरों के आत्मसमर्पण करने की उम्मीद है।

पीके भुइयां का कहना है कि आत्मसमर्पण का एक बड़ा कारण यह है कि सेना द्वारा ऑपरेशन शुरू किए जाने के बाद उल्फा (आई) के कैडरों को अपने शिविरों से तितर-बितर होना पड़ा। क्योंकि इस दौरान उनके शिविरों को ध्वस्त कर दिया गया।

बता दें कि साल की शुरुआत में म्यांमार सेना ने एक ऑपरेशन को अंजाम दिया था, जिसमें उन्होंने उन शिविरों को निशाना बनाया था, जहाँ उल्फा (आई) समेत अन्य विद्रोहियों के संगठनों ने शरण ली थी।

असम पुलिस के खुफिया विंग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस साल 18 अक्टूबर तक 54 आतंकवादियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है, जिसमें से 42 उल्फा (आई) के थे।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -