प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काउंटर-टेररिज्म फाइनेंसिंग पर ‘नो मनी फॉर टेरर’ (NMFT) सम्मेलन की शुरुआत की। ‘नो मनी फॉर टेरर’ का यह तीसरा सम्मेलन है। इस अवसर पर गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे। शुक्रवार (18 नवंबर 2022) को इस कॉन्फ्रेंस में अलग-अलग देशों के 450 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। पाकिस्तान को कॉन्फ्रेंस के लिए न्योता नहीं भेजा गया था।
‘नो मनी फॉर टेरर’ (NMFT) सम्मेलन का आयोजन भारत में होने पर प्रधानमंत्री मोदी ने प्रशंसा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि हमारा देश उस समय से आतंकवाद का दंश झेल रहा है, जब दुनिया इसे गंभीरता से नहीं लेती थी। पीएम मोदी ने आतंकवाद को जड़ से खत्म करने का संकल्प लेते हुए कहा:
“दशकों से, अलग-अलग रूपों में आतंकवाद ने भारत को नुकसान पहुँचाने की कोशिश की है। आतंकवाद के कारण हजारों जानें गईं लेकिन हमने हर तरह के आतंकवाद और उग्रवाद का बहादुरी से सामना किया है। हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे, जब तक आतंकवाद का अंत नहीं हो जाता।”
बिना नाम लिए पाकिस्तान पर निशाना
पीएम मोदी ने आगे कहा कि आतंकवाद मानवता, स्वतंत्रता और सभ्यता पर हमला है। उन्होंने इसके समाधान पर कहा कि केवल एक साथ मिलकर जीरो टॉलरेंस के साथ किया गया प्रयास ही आतंकवाद को हरा सकता है। पाकिस्तान का नाम लिए बगैर ही उन्होंने पड़ोसी देश पर निशाना साधते हुए कहा कि आतंकवादी संगठनों का वित्त पोषण कई स्रोतों से होता है। कुछ देशों के विदेश नीति में आतंकवाद का समर्थन निहित है। ऐसे देश आतंकवादी संगठनों को राजनीतिक, वैचारिक और वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टेरर फंडिंग को संगठित अपराध करार दिया। उन्होंने कहा कि टेरर फंडिग को आतंकवाद से अलग करके नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने तर्क रखा कि इन गिरोहों के आतंकी संगठनों से गहरे संबंध होते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद अब तकनीक की मदद ले रहा है, ऐसे में तकनीक की मदद से ही इसे खत्म किया जा सकता है।
#WATCH | At ‘No Money for Terror’ Conference, PM says, “…Well known that terrorist orgs get money through several sources-one is state support. Certain countries support terrorism as part of their foreign policy. They offer political, ideological & financial support to them…” pic.twitter.com/JwsK8qzVUR
— ANI (@ANI) November 18, 2022
आतंकवाद और अर्थव्यवस्था
‘नो मनी फॉर टेरर’ (NMFT) सम्मेलन को संबोधित करते हुए में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आतंकवाद का दीर्घकालिक प्रभाव गरीबों और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। इससे पर्यटन और व्यापार भी प्रभावित होते हैं। इसकी वजह से आतंकवाद ग्रसित इलाके के लोगों की आजीविका पर भी असर पड़ता है।
देश की अर्थव्यवस्था के साथ-साथ गरीबों की जीविका, उनके व्यवसाय आदि का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने आतंकवाद के खात्मे पर बल दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि आवश्यक है कि आतंवाद की जड़ों पर हमला किया जाए। आतंकवाद को खत्म करने के लिए बड़े, सक्रिय और व्यवस्थित प्रतिक्रिया की जरूरत है।
‘नो मनी फॉर टेरर’ (NMFT) सम्मेलन का उद्देश्य
दिल्ली में 18-19 नवंबर 2022 को आयोजित इस सम्मेलन में मुख्य रूप से टेरर फंडिंग, आतंकवाद के लिए धन के औपचारिक व अनौपचारिक स्रोतों, जैसे हवाला नेटवर्क के उपयोग के विषयों पर चर्चा होनी है। इसके अलावा, नई तकनीक की मदद से किस तरह से आतंकवाद को फंड किया जा रहा है और उसे रोकने में जो परेशानियाँ आ रही हैं, उस पर भी चर्चा होनी है।
गृह मंत्रालय के अनुसार, ‘नो मनी फॉर टेरर’ (NMFT) सम्मेलन का उद्देश्य साल 2018 में पेरिस और साल 2019 में मेलबर्न में हुए पिछले दो सम्मेलनों में टेरर फंडिंग (आतंकवाद के वित्तपोषण) का मुकाबला करने के विषय पर अन्तरराष्ट्रीय समुदाय के बीच हुई चर्चा को आगे ले जाना है।