Monday, December 23, 2024
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‘सब संगठित होकर करें देश विरोधी विचारधारा का सामना’: नक्सलियों से लड़ते हुए दोनों पाँव गँवाने वाले विभोर सिंह को ‘शौर्य चक्र’, इलाज के बाद फिर पहनी वर्दी

CRPF के सहायक कमांडेंट का मानना है कि इनकी सोच और कार्यशैली सिर्फ पुलिस, पैरामिलिट्री या सेना के लिए नहीं बल्कि देश के हर व्यक्ति के लिए घातक है।

राष्ट्रपति भवन में शुक्रवार (5 जुलाई, 2024) को रक्षा अलंकरण समारोह-2024 का आयोजन हुआ। इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश की रक्षा के लिए अदम्य साहस दिखाने वाले वीरों को वीरता पुरस्कार प्रदान किए। इन वीरों में पुलिस, पैरामिलिट्री और सेना के अधिकारी व जवान शामिल हैं। वीरगति पाए सैनिकों के परिजनों को यह पुरस्कार दिए गए। ऑपइंडिया ने इस अवसर पर पुरस्कार पाए कुछ अधिकारियों, जवानों व उनके परिजनों से बात की।

इनमें से एक हैं केंद्रीय अर्धसैनिक बल CRPF के असिस्टेंट कमांडेंट विभोर सिंह। विभोर सिंह ने साल 2022 में नक्सलियों से लड़ते हुए अपने दोनों पैर गँवा दिए थे। हालाँकि, यह अपूरणीय नुकसान उनके हौसलों को नहीं डिगा पाया। उन्होंने रिटयरमेंट तक CRPF में ही रह कर देश की सेवा करने का संकल्प लिया है।

सभी वीरता पुरस्कार प्राप्त जवानों और उनके परिजनों को दिल्ली के फाइव स्टार होटल अशोका में ठहराया गया है। उनके आने-जाने से ले कर खाने आदि का पूरा ध्यान रखा गया। ऑपइंडिया से बात करते हुए तमाम सैनिकों और उनके परिजनों के सरकार की इन व्यवस्थाओं की सराहना की। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित कई अन्य मंत्री व सैन्य अधिकारी इस समारोह में शामिल हुए। उन्होंने पुरस्कार पाए तमाम सैनिकों और वीरगति पाने वाले बलिदानियों के परिजनों से मुलाकात की। सभी की वीरता को सराहा गया।

नक्सल विरोधी अभियान में हुए थे घायल

सहायक कमांडेंट विभोर सिंह की उम्र लगभग 33 वर्ष है। मूलतः बिहार के निवासी विभोर सिंह वर्तमान में CRPF की 205 कोबरा बटालियन में तैनात हैं। 25 फरवरी, 2022 को अपनी टुकड़ी के साथ औरंगाबाद बिहार के एक नक्सल विरोधी अभियान पर थे। अचानक ही नक्सलियों ने उनकी टुकड़ी पर हमला कर दिया। हमले का जवाब देते हुए विभोर सिंह एक IED ब्लास्ट की चपेट में आ कर घायल हो गए थे। इस विस्फोट में विभोर सिंह के दोनों पैर काटने पड़े थे।

हालाँकि इतनी बड़ी हानि होने के बावजूद विभोर सिंह ने मोर्चा नहीं छोड़ा था और अपने साथियों को जरूरी निर्देश देते रहे। मुठभेड़ के बाद विभोर सिंह को स्थानीय अस्पताल पहुँचाया गया जहाँ से उनको पहले गया और बाद में दिल्ली के एम्स में शिफ्ट किया गया था। घटना के बाद उनकी तस्वीर की भी काफी वायरल हुई थी जिसमें वो घायल होने के बावजूद बिलकुल शांत और दृढ़ नजर आ रहे थे।

सेहत में सुधार होते ही फिर पहनी वर्दी

दिल्ली के AIIMS में विभोर सिंह का लम्बे समय तक इलाज चला था। यहाँ से सेहत में सुधार होते ही विभोर सिंह ने फिर से वर्दी पहनी और देश सेवा की भावना के साथ अपनी बटालियन पहुँच गए। फ़िलहाल विभोर सिंह कृत्रिम पैरों से चल-फिर रहे हैं। उनके इरादे ज्यों के त्यों मजबूत है। विभोर सिंह की तैनाती फिलहाल बिहार के गया में है।

सरकार ने रखा पूरा ध्यान

ऑपइंडिया से बात करते हुए सहायक कमांडेंट विभोर सिंह ने बताया कि उनके घायल होने के बाद से सरकार ने उनका पूरा ध्यान रखा। उन्होंने एम्स के डॉक्टरों की तारीफ की और अपनी सेहत में जल्द सुधार का क्रेडिट उनको दिया। हमें बताया गया कि घटनास्थल से स्थानीय अस्पताल तक पहुँचाने और वहाँ से एयरलिफ्ट कर के एम्स दिल्ली तक लाने में उनके साथियों सहित अन्य विभाग के स्टाफ का पूरा सहयोग मिला। खुद को मिला वीरता पदक विभोर सिंह अपनी मेहनत और देश के लिए किए गए त्याग पर एक मुहर के जैसा मानते हैं।

उन्होंने खुद को मिल रहे सम्मान के लिए देशवासियों का आभार भी जताया।

हिम्मत नहीं हारी, बाकी सब छोड़ दिया था ईश्वर पर

नक्सलियों से हुई मुठभेड़ का जिक्र करते हुए विभोर सिंह ने हमें बताया कि IED विस्फोट के बाद उन्हें पता चल गया था कि उनके दोनों पैर खराब हो चुके हैं। ऐसे में उन्होंने सबसे पहले अपनी हिम्मत को बिलकुल भी कम नहीं होने दिया और बाकी सब ईश्वर पर छोड़ दिया। अपना जीवन बचने को विभोर खुद पर भगवान की विशेष कृपा मानते हैं।

नक्सली और आतंकी हर देशवासी के दुश्मन

नक्सलियों से हुई मुठभेड़ के बारे में और गहराई से बताते हुए विभोर सिंह ने कहा कि वो सिर्फ एक हिस्से नहीं बल्कि हर देशवासी के दुश्मन हैं। CRPF के सहायक कमांडेंट का मानना है कि इनकी सोच और कार्यशैली सिर्फ पुलिस, पैरामिलिट्री या सेना के लिए नहीं बल्कि देश के हर व्यक्ति के लिए घातक है। विभोर ने कहा, “नक्सलियों से सभ्य समाज के हर व्यक्ति के बच्चों का भविष्य खतरे में है।” उनका मानना है कि सभी को संगठित हो कर हर देश-विरोधी विचारधारा का सामना करना चाहिए।

ऑपइंडिया परिवार को दिया धन्यवाद

विभोर सिंह ने ऑपइंडिया परिवार को भी धन्यवाद किया है। उन्होंने कहा कि उन्हें वो समय याद है जब वो घायल हो कर एम्स में भर्ती हुए थे। तब ऑपइंडिया परिवार के सदस्य उनके परिजनों से बराबर सम्पर्क में थे और हालचाल लेने के साथ हिम्मत भी बँधा रहे थे। ऑपइंडिया की टीम पैरामिलिट्री के उस अस्पताल में भी गई थी जहाँ विभोर सिंह भर्ती थे। सेहत में सुधार के बाद भी हम लगातार सहायक कमांडेंट के सम्पर्क में बने रहे।

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राहुल पाण्डेय
राहुल पाण्डेयhttp://www.opindia.com
धर्म और राष्ट्र की रक्षा को जीवन की प्राथमिकता मानते हुए पत्रकारिता के पथ पर अग्रसर एक प्रशिक्षु। सैनिक व किसान परिवार से संबंधित।

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