Sunday, December 22, 2024
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महाराष्ट्र में PM मोदी के खिलाफ भड़काऊ नारे, SDPI ने ज्ञानवापी सर्वे के विरोध में निकाला मार्च: लगे ‘ज्ञानवापी बचाना है’ के नारे

बता दें कि केरल के पल्लकड़ में RSS के स्वयंसेवक संजीत की हत्या को लेकर केरल हाईकोर्ट ने 5 मई को कहा था कि SDPI और PFI चरमपंथी संगठन हैं और ये हिंसा के गंभीर मामलों में शामिल हैं। हालाँकि हाईकोर्ट ने यह भी कहा था कि ये 'प्रतिबंधित संगठन' नहीं हैं।

उत्तर प्रदेश के वाराणसी (Varanasi, Uttar Pradesh) स्थित ज्ञानवापी विवादित ढाँचे (Gyanvapi Controversial Structure) में कोर्ट के आदेश पर कराए गए वीडियोग्राफी सर्वेक्षण में शिवलिंग हिंदू प्रतीकों के मिलने के बाद मुस्लिम समुदाय इसे झुठलाने के लिए तरह-तरह से प्रयास कर रहा है। इसी बीच आतंकियों से कथित संबंधों को लेकर कुख्यात पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) की राजनैतिक इकाई सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) ने महाराष्ट्र के मालेगाँव (Malegaon, Maharashtra) में प्रर्दशन किया और PM मोदी के खिलाफ भड़काऊ नारे लगाए।

ज्ञानवापी ढाँचे के विरोध में SDPI से जुड़े मुस्लिम सड़क पर बैनर-पोस्टर लेकर निकले और भड़काऊ नारे लगाए। भीड़ में कम से कम 100 लोग शामिल थे। इस दौरान सड़कों को पूरी तरह से जाम रखा गया और नारे लगाए गए, ‘सबको एक साथ लाना है, ज्ञानवापी मस्जिद बचाना है।’ SDPI के लोगों के इस नारे का सीधा अर्थ का ज्ञानवापी ढाँचे को मस्जिद के रूप में बचाए रखने के लिए सभी मुस्लिमों को एकजुट होना होगा और सड़कों पर उतरना होगा। यह देश में अराजकता फैलाने के लिए एक प्रकार का उकसावा है।

मालेगाँव इलाके में निकाले गए इस विरोध प्रदर्शन में मंगलवार (17 मई 2022) को SDPI के कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के विरोध में भी नारे लगाए। यह प्रदर्शन प्रशासन की अनुमति लिए बिना आयोजित किया गया था और इलाके के यातायात को बाधित किया गया था।

प्रदर्शन नहीं लेने को लेकर पुलिस ने SDPI के प्रदर्शनकारियों को नोटिस जारी किया है। हालाँकि, मालेगाँव के मुस्लिम बाहुल इलाका होने के कारण पुलिस भी फूँक-फूँकर कदम रख रही है और इसका फायदा SDPI उठा रहा है। इस मामले में कट्टरपंथी मुस्लिम संगठनों के रूख को देखते हुए पुलिस बल को सतर्क रहने का आदेश दिया गया है।

केरल हाईकोर्ट ने भी माना SDPI और PFI चरमपंथी संगठन

बता दें कि केरल के पल्लकड़ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के स्वयंसेवक संजीत की हत्या को लेकर केरल हाईकोर्ट ने 5 मई को कहा था कि SDPI और PFI चरमपंथी संगठन हैं और ये हिंसा के गंभीर मामलों में शामिल हैं। हालाँकि हाईकोर्ट ने यह भी कहा था कि ये ‘प्रतिबंधित संगठन’ नहीं हैं। हाईकोर्ट का यह फैसला 13 मई को सामने आया था।

मृतक संजीत की पत्नी ने कोर्ट को बताया, “SDPI और PFI दूसरे समुदाय के लोगों को धमकी और लालच देकर इस्लाम कबूल करा रहे हैं।” संजीत की पत्नी ने इस मामले की जाँच केंद्रीय जाँच एजेंसी CBI से कराने की माँग की थी, लेकिन कोर्ट ने इस माँग को खारिज कर दिया था।

औरंगजेब के कब्र की सुरक्षा बढ़ी

मुगल आक्रांता औरंगजेब (Aurangzeb) के कब्र पर AIMIM के नेता और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) के छोटे भाई अकबरुद्दीन ओवैसी (Akbaruddin Owaisi) द्वारा दुआ पढ़ने के बाद राजनीति में बवाल हो गया था। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे (Thackeray) ने इस कब्र को ढहा देने की अपील की थी। इसके बाद पुलिस ने औरंगजेब की कब्र की सुरक्षा बढ़ा दी है। इसके साथ ही पर्यटकों पर यहाँ जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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