भारतीय वायु सेना के बेड़े में अंततः राफेल मिलने वाला है। आज (27 जुलाई, 2020) अत्याधुनिक मिसाइलों और घातक बमों से लैस फाइटर जेट फ्रांस से भारत के लिए उड़ चला है। सीमा पर चल रहे चीन-पाक से तनाव के बीच इस मौके को बेहद अहम माना जा रहा है।
#WATCH Rafale jet taking off from France to join the Indian Air Force fleet in Ambala in Haryana on July 29th. https://t.co/vrnXI82puO pic.twitter.com/ZMg1k2zvk8
— ANI (@ANI) July 27, 2020
आज राफेल विमानों के रवाना होने से पहले फ्रांस में भारतीय दूतावास ने इन विमानों और इंडियन एयरफोर्स के जाबांज पायलटों की तस्वीर जारी की है। तस्वीरों में हम देख सकते हैं फाइटर जेट भारत के लिए उड़ान भरने को बिलकुल तैयार हैं। यह 7364 किलोमीटर की हवाई दूरी तय करके 29 जुलाई यानी बुधवार को अंबाला एरबेस पहुँचेंगे।
Five Rafale jets taking off from France today to join the Indian Air Force fleet in Ambala in Haryana on July 29th. The aircraft will be refuelled by French Air Force tanker aircraft on their way to an airbase in the UAE before leaving for India. pic.twitter.com/oycLjrR8yE
— ANI (@ANI) July 27, 2020
इसके बाद अगले हफ्ते इन पाँचों विमानों की तैनाती चीन सीमा विवाद के मद्देनजर की जाएगी। ये पाँच विमान भारत और फ्रांस के बीच हुई 36 विमानों के समझौते की पहली खेप है। इससे पहले खबर थी कि 6 विमानों की खेप आएगी। लेकिन आज फ्रांस से दूतावास ने जो तस्वीरें जारी की, उसमें 5 विमानों के आने की खबर है।
बता दें कि अब तक वायुसेना के 12 लड़ाकू पायलटों ने फ्रांस में राफेल लड़ाकू जेट पर अपना प्रशिक्षण पूरा कर लिया है। कुछ और अपने प्रशिक्षण के उन्नत चरण में हैं।
#WATCH Rafale jet taking off from France to join the Indian Air Force fleet in Ambala in Haryana on July 29th. https://t.co/vrnXI82puO pic.twitter.com/ZMg1k2zvk8
— ANI (@ANI) July 27, 2020
इससे पूर्व याद दिला दें चीन के रवैये को देखते हुए IAF को हाई अलर्ट पर रखा गया था। 2 जून को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी टेलीफोन पर अपने फ्रांसीसी समकक्ष फ्लोरेंस पारले से बातचीत की थी। फ्रांस की रक्षा मंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया था कि कोरोना वायरस महामारी के बावजूद राफेल विमान तय समय के अनुसार भारत पहुँचाए जाएँगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राफेल विमानों को भारत लाने के लिए वन स्टॉप का इस्तेमाल किया जा रहा है। यानी फ्रांस से उड़ान भरने के बाद वे UAE के अल डाफरा एयरबेस पर उतरेंगे। यहाँ पर फ्यूल से लेकर बाकी सभी टेक्निकल चेकअप के बाद राफेल विमान सीधे भारत के लिए उड़ान भरेंगे और सीधे अंबाला एयरबेस पर आएँगे।
भारत ने सितंबर 2016 में फ्रांस के साथ लगभग 53,000 करोड़ रुपए की लागत से 36 राफेल लड़ाकू जेट की खरीद के लिए एक अंतर-सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इसके बाद राजनाथ सिंह ने पहला राफेल विमान फ्रांस के एक एयरबेस पर 8 अक्टूबर को प्राप्त किया था।
राफेल विमान का पहला स्क्वाड्रन अंबाला में तैनात होगा, जबकि दूसरा स्क्वाड्रन पश्चिम बंगाल के हसीमारा में तैनात किया जाएगा। IAF की ओर से इसके रखरखाव की सुविधाओं को विकसित करने के लिए 400 करोड़ रुपए का खर्चा किया गया है। इन 36 राफेल विमानों में से 30 फाइटर जेट होंगे और 6 को ट्रेनिंग के लिए रखा जाएगा। ट्रेनर जेट ट्वीन सीटर होंगे, जिनके पास फाइटर जेट जैसे सभी विशेषताएँ होंगी।