राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) की पूछताछ में जम्मू-कश्मीर की अलगाववादी नेता आसिया अंद्राबी सहित गिरफ्तार अलगाववादी नेताओं ने 2017 के जम्मू-कश्मीर आतंकी फंडिंग मामले में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है। आसिया अंद्राबी ने कबूल किया कि वो विदेशी स्रोतों से फंड लेती थी और इसके एवज में उसकी अलगाववादी संगठन दुख्तारन-ए-मिल्लत, घाटी में मुस्लिम महिलाओं से प्रदर्शन करवाती थी।
National Investigation Agency (NIA) on J&K terror funding case: During interrogation, Asiya Andrabi admitted she had been collecting funds & donations from foreign sources, for which her organisation Dukhtaran-e-Millathad had been organising protests by Muslim women in the valley pic.twitter.com/YoB0TgPhoO
— ANI (@ANI) June 16, 2019
इतना ही नहीं, आसिया ने इस धन से अपने बेटे मोहम्मद बिन कासिम को मलेशिया के एक विश्वविद्यालय में दाखिला भी करवाया। एजेंसी ने कासिम के बैंक खातों के बारे में पता लगाने के लिए संबंधित विभाग से संपर्क किया और फिर एनआईए ने पूछताछ के दौरान आसिया अंद्राबी को 2011 से मलेशिया में पढ़ रहे उसके बेटे की पढ़ाई की फंडिंग से जुड़े कुछ सबूत भी दिखाए। उसके बेटे की पढ़ाई के लिए जहूर वटाली ने पैसे दिए थे, जिसे टेरर फंडिंग मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है।
National Investigation Agency on J&K terror funding case: Separatist Asiya Andrabi was confronted with evidence regarding funding of educational expenses of her son in Malaysia from 2011 onward through foreign remittances made by Zahoor Watali (arrested in a terror funding case) https://t.co/Lcr6CQkMkw
— ANI (@ANI) June 16, 2019
प्रतिबंधित अलगाववादी संगठन दुख्तारन-ए-मिलत की प्रमुख आसिया अंद्राबी को इस महीने की शुरुआत में दिल्ली की एक अदालत ने जम्मू कश्मीर डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी (जेकेएफएफपी) के शब्बीर शाह और मुस्लिम लीग के मसरत आलम के साथ 10 दिन के लिए एनआईए की हिरासत में भेज दिया गया था।
NIA on J&K terror funding case: Masarat Alam, so called poster boy of stone pelters&violent agitations in Kashmir, revealed that Pakistan based agents route the funds through hawala operators which were transferred to separatist leaders including Syed Shah Gilani Chairman APHC(G) https://t.co/pTOQOA0c6C
— ANI (@ANI) June 16, 2019
एनआईए के अधिकारियों के मुताबिक, मुस्लीम लीग के नेता मसरत आलम ने पूछताछ में बताया कि हवाला एजेंटों के जरिए पाकिस्तान से हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन सैयद शाह गिलानी समेत अलगाववादी नेताओं को धन मिलता है। उसने बताया कि पाकिस्तान समर्थित एजेंट विदेश से धन एकत्र करके हवाला ऑपरेटर्स के जरिए जम्मू-कश्मीर भेजते हैं। यही कारण है कि गिलानी समेत अलगाववादी नेता जम्मू-कश्मीर का पाकिस्तान में विलय की वकालत करते हैं। मसरत आलम को घाटी में पत्थरबाजों और हिंसक आंदोलनों का पोस्टर बॉय कहा जाता है।