Monday, December 23, 2024
Homeरिपोर्टराष्ट्रीय सुरक्षा'मैं हवाला के पैसे लेकर J&K में बवाल करवाती थी, उन्हीं पैसों से बेटे...

‘मैं हवाला के पैसे लेकर J&K में बवाल करवाती थी, उन्हीं पैसों से बेटे को 8 साल से मलेशिया में पढ़ा रही हूँ’

आसिया अंद्राबी का बेटा 2011 से मलेशिया में पढ़ रहा है। उसके बेटे की पढ़ाई के लिए जहूर वटाली ने पैसे दिए थे, जिसे टेरर फंडिंग मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है।

राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) की पूछताछ में जम्मू-कश्मीर की अलगाववादी नेता आसिया अंद्राबी सहित गिरफ्तार अलगाववादी नेताओं ने 2017 के जम्मू-कश्मीर आतंकी फंडिंग मामले में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है। आसिया अंद्राबी ने कबूल किया कि वो विदेशी स्रोतों से फंड लेती थी और इसके एवज में उसकी अलगाववादी संगठन दुख्तारन-ए-मिल्लत, घाटी में मुस्लिम महिलाओं से प्रदर्शन करवाती थी।

इतना ही नहीं, आसिया ने इस धन से अपने बेटे मोहम्मद बिन कासिम को मलेशिया के एक विश्वविद्यालय में दाखिला भी करवाया। एजेंसी ने कासिम के बैंक खातों के बारे में पता लगाने के लिए संबंधित विभाग से संपर्क किया और फिर एनआईए ने पूछताछ के दौरान आसिया अंद्राबी को 2011 से मलेशिया में पढ़ रहे उसके बेटे की पढ़ाई की फंडिंग से जुड़े कुछ सबूत भी दिखाए। उसके बेटे की पढ़ाई के लिए जहूर वटाली ने पैसे दिए थे, जिसे टेरर फंडिंग मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है।

प्रतिबंधित अलगाववादी संगठन दुख्तारन-ए-मिलत की प्रमुख आसिया अंद्राबी को इस महीने की शुरुआत में दिल्ली की एक अदालत ने जम्मू कश्मीर डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी (जेकेएफएफपी) के शब्बीर शाह और मुस्लिम लीग के मसरत आलम के साथ 10 दिन के लिए एनआईए की हिरासत में भेज दिया गया था।

एनआईए के अधिकारियों के मुताबिक, मुस्लीम लीग के नेता मसरत आलम ने पूछताछ में बताया कि हवाला एजेंटों के जरिए पाकिस्तान से हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन सैयद शाह गिलानी समेत अलगाववादी नेताओं को धन मिलता है। उसने बताया कि पाकिस्तान समर्थित एजेंट विदेश से धन एकत्र करके हवाला ऑपरेटर्स के जरिए जम्मू-कश्मीर भेजते हैं। यही कारण है कि गिलानी समेत अलगाववादी नेता जम्मू-कश्मीर का पाकिस्तान में विलय की वकालत करते हैं। मसरत आलम को घाटी में पत्थरबाजों और हिंसक आंदोलनों का पोस्टर बॉय कहा जाता है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

किसी का पूरा शरीर खाक, किसी की हड्डियों से हुई पहचान: जयपुर LPG टैंकर ब्लास्ट देख चश्मदीदों की रूह काँपी, जली चमड़ी के साथ...

संजेश यादव के अंतिम संस्कार के लिए उनके भाई को पोटली में बँधी कुछ हड्डियाँ मिल पाईं। उनके शरीर की चमड़ी पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।
- विज्ञापन -