Friday, November 15, 2024
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चीनी सेना हुड़दंगी, तवांग की तरह होती रहती है पिटाई: पूर्व सेना प्रमुख ने बताया- साल में 2-3 बार होती है घुसैपठ की कोशिश, सलामी स्लाइसिंग पर करता है अमल

पाकिस्तान और बालाकोट पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए नरवणे ने कहा कि बालाकोट में किया गया एयर स्ट्राइक यह पैगाम था कि 'आप हमारा नुकसान पहुँचाने की कोशिश करेंगे तो हम आपका ज्यादा नुकसान पहुँचा सकते हैं'। उन्होंने कहा कि बालाकोट में कितने आतंकियों को मारा यह मायने नहीं रखता है। मायने यह रखता है कि यदि नुकसान होने पर भारत घर में घुसकर मारने के लिए तैयार है।

भारतीय सेना के पूर्व प्रमुख जनरल मनोद मुकुंद नरवणे (Manoj Mukund Narvane) ने कहा कि चीन देश के प्रमुख खतरा है। उन्होंने कहा कि गलवान में हुए संघर्ष ने चीन को पहला झटका दिया था। नरवणे ने यह भी कहा कि बालाकोट हवाई हमले ने पाकिस्तान को पैगाम दे दिया है कि यदि उसने भारत को नुकसान पहुँचाने की कोशिश की तो उसे नुकसान उठाना पड़ेगा।

पूर्व सेना प्रमुख के बयान ऐसे समय में आए हैं, जब 9 दिसंबर 2022 को चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर के यांग्त्से में भारतीय सेना के गश्ती दल को रोका था। इस दौरान एक झड़प भी हुई और भारतीय जवानों ने उन्हें खदेड़ दिया।

इस झड़प को लेकर जनरल नरवणे ने कहा कि चीन की सेना भारत को यथास्थिति बनाए रखने से रोकना चाहती थी, लेकिन उसे करारा जवाब दिया गया। जनरल नरवणे ने कहा कि PLA अपने आप को 21वीं सदी की सबसे स्मार्ट और प्रोफेशनल मिलिट्री समझती है, लेकिन उनकी हरकतें हुड़दंगी और स्ट्रीट फाइटिंग जैसी लगती हैं।

पूर्व सेना प्रमुख ने न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए साक्षात्कार में कहा कि चीनी सैनिकों के लिए ऐसी हरकतें नई बात नहीं रह गई हैं। उन्होंने कहा कि सिर्फ 2020 के गलवान झड़प की बात नहीं है। चीन कई सालों से वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर यथास्थिति बदलने की कोशिश कर रहा है।

पूर्व सेना प्रमुख ने कहा कि चीन इसे बहुत छोटे-छोटे चरणों में कर रहा है। पूर्व सेना प्रमुख ने इसे ‘सलामी स्लाइसिंग’ कहा। उन्होंने आगे कहा कि हर साल ये चीनी सैनिक भारतीय क्षेत्र में घुसने की इस तरह की 2-3 कोशिशें करते हैं और हर बार उन्हें शर्मिंदगी झेलनी पड़ती है।

बता दें कि सलामी स्लाइसिंग छोटे-छोटे उन सैन्य ऑपरेशनों को कहा जाता है, जिसमें पड़ोसी देशों की जमीन पर धीरे-धीरे कब्जा कर लिया जाता है। ऐसे ऑपरेशन इतने छोटे स्तर पर होते हैं कि इनमें पूर्ण युद्ध की आशंका बेहद कम होती है। हालाँकि, पड़ोसी देश को यह समझना मुश्किल होता है कि इसका जवाब कैसे दिया जाए।

उन्होंने कहा कि गलवान संघर्ष के दौरान चीनी सेना को पहली बार बड़ा झटका लगा। विस्तारवादी चीन को अतिक्रमण करते हुए 2 दशकों में पहली बार इतने सैनिक खोने पड़े। इस दौरान पूर्व सेना प्रमुख ने पूर्व रक्षा मंत्री जार्ज फर्नांडीस के चीन पर दिए बयान को याद करते हुए कहा कि चीन भारत के लिए आज भी खतरा नंबर एक बना हुआ है।

पाकिस्तान और बालाकोट पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए नरवणे ने कहा कि बालाकोट में किया गया एयर स्ट्राइक यह पैगाम था कि ‘आप हमारा नुकसान पहुँचाने की कोशिश करेंगे तो हम आपका ज्यादा नुकसान पहुँचा सकते हैं’। उन्होंने कहा कि बालाकोट में कितने आतंकियों को मारा यह मायने नहीं रखता है। मायने यह रखता है कि यदि नुकसान होने पर भारत घर में घुसकर मारने के लिए तैयार है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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