उत्तर प्रदेश पुलिस की ATS विंग ने भारत में आतंकवाद फैलाने के लिए पाकिस्तान से की जा रही फंडिंग का खुलासा किया है। इस मामले में उत्तर प्रदेश गाजियाबाद के रियाजुद्दीन और बिहार के पश्चिम चम्पारण निवासी इजहारुल हुसैन को नामजद किया गया है। दोनों पर भारत सरकार को अस्थिर करने, सेना व अन्य महत्वपूर्ण ठिकानों की जानकारी पाकिस्तान को भेजने का आरोप है।
ATS ने शुक्रवार (10 नवम्बर 2023) को इजहारुल हुसैन और रियाजुद्दीन पर FIR दर्ज की। FIR के मुताबिक गाजियाबाद के भोजपुर थाना क्षेत्र निवासी रियाजुद्दीन और बिहार के पश्चिम चम्पारण में शिकारपुर थाना क्षेत्र के रहने वाले इजहारुल हुसैन के एक-दूसरे से सम्पर्क में होने की सूचना एजेंसी को मिली थी। रियाजुद्दीन ने गाजियाबाद के फरीदनगर की केनरा बैंक ब्रान्च में एक खाता खुलवा रखा है। इस खाते से इजहारुल का मोबाइल नंबर लिंक है।
इस खाते की जाँच में ATS को पता चला कि मार्च 2022 से अप्रैल 2022 के बीच इस खाते से कुछ अन्य खातों के बीच लगभग 65 से 70 लाख रुपए का संदिग्ध लेन-देन हुआ। ये पैसे रियाजुद्दीन ने इजहारुल हुसैन ने देशी विरोधी साजिश के तहत अलग-अलग खातों में भेजे हैं। इस हरकत में पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी ISI के कुछ एजेंट भी शामिल बताए जा रहे हैं। जाँच एजेंसी के मुताबिक इस पैसे का प्रयोग भारतीय सेना सहित देश के अन्य महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की ख़ुफ़िया जानकारियाँ पाकिस्तान भेजने के लिए होना था।
ATS के अनुसार रियाजुद्दीन, इजहारुल और कुछ अन्य ISI एजेंट भारत सरकार को अस्थिर करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा करना चाह रहे थे। ये सभी आरोपित पाकिस्तान में मौजूद अपने आकाओं से बात करने के लिए अलग-अलग एप का प्रयोग किया करते थे। इन सभी पर IPC की धारा 121- A के तहत कार्रवाई की गई है।
इस FIR में आरोपितों पर जिस 121- A के तहत कार्रवाई हुई है वो सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने या उसकी साजिश रचने की आशंका के तहत लगाई जाती है। इस धारा के प्रावधान में आजीवन कारावास और मृत्युदंड भी शामिल है। ऑपइंडिया के पास FIR कॉपी मौजूद है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक FIR दर्ज होने के बाद से रियाजुद्दीन और इजहारुल हुसैन फरार हैं। ATS इन दोनों की तलाश में दबिश दे रही है।