पुलवामा हमले से सबक लेते हुए केंद्र सरकार ने पाकिस्तान से लगी सीमा की सुरक्षा हेतु सेना को आवश्यक हथियार व रक्षा उपकरण खरीदने के लिए आपातकालीन अधिकार दिए हैं। इसके तहत सशस्त्र सेनाओं के तीनों अंग (आर्मी, नेवी एयर फ़ोर्स) अपनी तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिए ₹300 करोड़ प्रति आवश्यकता की दर से रक्षा उपकरण खरीद सकते हैं। सेनाओं को हथियार खरीदने की प्रक्रिया 3 महीने में पूरी करने की छूट दी गई है।
#Delhi : केंद्र सरकार ने सेना को दिया विशेष अधिकार, आपातकालीन स्थिति में 300 करोड़ तक के हथियार खरीदने की दी अनुमति, एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल खरीदने की योजना बना रही सेना, 246 स्पाइक एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल खरीदने की योजना
— First India News Rajasthan (@1stIndiaNews) April 16, 2019
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मीडिया खबरों के मुताबिक इस संबंध में तीनों सेनाएँ कई प्रस्तावों को लेकर आगे बढ़ रही हैं। गौरतलब है कि अपनी आपातकालीन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सेना ने इस्राएल से 250 स्पाईक मिसाईल खरीदने का प्रस्ताव भी रखा है जिनका प्रयोग दुश्मन के टैंक के ख़िलाफ़ किया जा सकता है। वहीं दूसरी ओर वायुसेना ने अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कुछ मिसाइल खरीदने में भी दिलचस्पी दिखाई थी, जिनसे सीमा पर भारत विरोधी गतिविधि रोकने में सहायता मिलेगी।
मोदी सरकार ने सेना को दिए आपातकालीन अधिकार, खरीद सकते हैं आधुनिक हथियारhttps://t.co/SEoRDZksvS
— स्वराज्य (@SwarajyaHindi) April 17, 2019
बता दें कि सेना को मिले इन आपातकालीन अधिकारों के तहत हथियार और उपकरणों की खरीद के लिए सेनाओं को रक्षा वित्त विभाग के इंटीग्रेटेड फाइनेंस एडवाइजर की सहमति लेने की भी जरूरत नहीं होगी। प्राप्त अधिकार में सेना एक विक्रेता से उपकरण खरीदने का विकल्प भी चुन सकती है। ANI की रिपोर्ट के अनुसार रक्षा मंत्रालय ने कहा कि सीमा पर सुरक्षाबलों को युद्ध लड़ना है, इसलिए उन्हें निर्णय लेना होगा कि उन्हें किस हथियार या उपकरण की आवश्यकता है।