तमिलनाडु के कुन्नूर में जिस हैलीकॉप्टर क्रैश में CDS (चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ) जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत सहित 13 लोगों की मौत हो गई, उसी दुर्घटना में घायल ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह फ़िलहाल मौत से लड़ाई लड़ रहे हैं। हैलीकॉप्टर में सवार 14 लोगों में वो एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं, जो जीवित बचे हैं। वेलिंगटन सैन्य अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। उन्हें इसी साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ‘शौर्य चक्र’ से सम्मानित किया गया था।
उन्होंने एक एरियल इमरजेंसी के दौरान अपनी LCA तेजस फाइटर एयरक्राफ्ट को बचाया था, जिसके लिए उन्हें ये सम्मान दिया गया। वो गंभीर रूप से घायल हैं। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उनके जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना की है। ‘लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) स्क्वाड्रन’ में ‘विंग कमांडर’ रहे पायलट वरुण सिंह को भारत का तीसरे सबसे बड़े पीस टाइम गैलेंट्री अवॉर्ड से नवाजा गया था। फ्लाइंग कंट्रोल सिस्टम खराब होने के बाद भी 10 हजार फीट की ऊँचाई से विमान की सफल लैंडिंग कराने पर उन्हें ये सम्मान दिया गया था।
वो देवरिया के कान्हाली गाँव के रहने वाले हैं और पूर्व विधायक अखिलेश प्रताप का भतीजे हैं। उनके पिता केपी सिंह भी सेना में कर्नल थे, जो अब रिटायर हो चुके हैं। उनके छोटे भाई भारतीय नौसेना में सेवा दे रहे हैं। बता दें कि 12 अक्टूबर, 2020 को वरुण सिंह लाइट कॉम्बेट एयर क्राफ्ट के साथ उड़ान पर थे। लगभग 10,000 फीट की ऊँचाई पर पहुँचते ही विमान का फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम खराब हो गया था। इस दौरान उन्होंने संयम और धैर्य से काम लेकर सफल लैंडिंग कराई।
Indian Air Force’s Group Captain Varun Singh, the only survivor of Tuesday’s helicopter crash, which killed CDS Bipin Rawat, his wife and 11 other persons, is currently under is medical treatment and fighting for survival.https://t.co/S5N92Oqr4C pic.twitter.com/2fRosXKCWY
— News18.com (@news18dotcom) December 8, 2021
उस समय वो तेजस उड़ा रहे थे। उन्होंने न सिर्फ विमान को बर्बाद होने से बचा लिया था, बल्कि कई लोगों की जान भी बचाई थी। उनकी देखरेख में सेना के कई विमान उड़ान भरते थे। फिर उन्हें नीलगिरि हिल्स में ‘टेस्ट पायलट’ का पद दिया गया था। कभी उड़ान नियंत्रण प्रणाली के विफल होने के बाद भी असाधारण कौशल से उसे लैंड कराने में सफलता हासिल करने वाले वरुण सिंह आज अस्पताल में जीवन और मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं.। मंथन हो रहा है कि बेहतर इलाज के लिए उन्हें एयर एम्बुलेंस से दिल्ली कब लाया जाए।
लेकिन, उस वक्त में खराबी आने के बाद उनके पास उसे छोड़ने का विकल्प था, लेकिन उन्होंने एयरक्राफ्ट को काफी जोखिम होने की आशंका के बाद भी सफलतापूर्वक लैंड कराया था। इससे विशेषज्ञों को सही विश्लेषण में मदद मिली, ताकि दूसरे एयरक्राफ्ट्स में ये खराबी न हो। रुद्रपुर तहसील के रहने वाले वरुण सिंह के चाचा अखिलेश प्रताप कॉन्ग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं। लोग ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं कि अब और क्षति न हो, वरुण सिंह सकुशल बच जाएँ।